Rapid Fire करेंट अफेयर्स (28 June) | 28 Jun 2019
- जापान के ओसाका में 14वें दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 28-29 जून को किया गया। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विश्व के लगभग सभी बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु एक बार फिर भारत के 'शेरपा' बने। ‘शेरपा’ का काम सम्मेलन के एजेंडे के बीच समन्वय बनाना होता है। ‘शेरपा’ सदस्य देशों के साथ मिलकर आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक चर्चा के एजेंडे पर बात करता है तथा सम्मेलन से पहले की बैठकों में हिस्सा लेता है। ज्ञातव्य है कि जी-20 की शुरुआत वर्ष 1999 में हुई थी और भारत इसके सभी सम्मेलनों में हिस्सा लेता रहा है। भारत पहली बार वर्ष 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला है। जी-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 के सदस्य देश दुनिया के 85% सकल घरेलू उत्पादन, 75% वैश्विक व्यापार और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। पहले इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर भाग लेते थे। इसके बाद वर्ष 2008 से इस सम्मेलन में देशों के प्रमुखों ने भाग लेना शुरू किया।
- लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित कर दिये जाने के बाद विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) संशोधन विधेयक, 2019 को संसद की मंज़ूरी मिल गई है। इस संशोधन में न्यासों (Trusts) को विशेष आर्थिक क्षेत्र में इकाई स्थापित करने की अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। इस विधेयक के माध्यम से विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 में संशोधन किया जाना है। आपको बता दें कि SEZ के संबंध में बाबा कल्याणी समिति की अनेक सिफारिशों को सरकार लागू कर चुकी है और कुछ सिफारिशों को लागू करने की दिशा में काम चल रहा है। SEZ उस विशेष रूप से पारिभाषित भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहाँ से व्यापार, आर्थिक क्रियाकलाप, उत्पादन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है।
- 27 जून को संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) दिवस का आयोजन किया गया। किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास में MSME व्यवसायों के मज़बूत योगदान को दर्शाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। साथ ही यह दिन रोज़गार के अवसर पैदा करने के मामले में देश के विकास में MSME के महत्त्व को भी दर्शाता है। MSME दिवस विकासशील देशों में छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों में अधिकतम निवेश की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का संदेश देता है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और सभी के लिये नवाचार, रचनात्मकता और सतत कार्य को बढ़ावा देने में MSME के महत्व को पहचानते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 अप्रैल, 2017 को आयोजित अपनी 74वीं आमसभा में 27 जून को MSME दिवस के रूप में घोषित किया। MSME क्षेत्र पिछले कुछ दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अत्यधिक जीवंत और गतिशील क्षेत्र बनकर उभरा है। इसीलिये भारत सरकार में इसके लिये अलग से एक मंत्रालय बनाया गया है।
- केंद्र सरकार ने पंजाब कैडर के 1984 के बैच के वरिष्ठ IPS अधिकारी सामंत कुमार गोयल को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का डायरेक्टर और असम-मेघालय कैडर के 1984 के बैच के अरविंद कुमार को इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का डायरेक्टर नियुक्त किया है। अब तक इन पदों पर अनिल धस्माना और राजीव जैन कार्यरत थे तथा 31 दिसंबर, 2018 को इन दोनों अधिकारियों को 6 महीने का अतिरिक्त कार्यकाल दिया गया था। रॉ भारत की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर एजेंसी है, जिसका गठन 21 सितंबर, 1968 को हुआ था। रॉ के प्रमुख कार्यों में जानकारी एकत्र करना, आतंकवाद को रोकना और सीक्रेट ऑपरेशंस को अंजाम देना शामिल है। IB देश की आतंरिक गुप्तचर एजेंसी के रूप में काम करती है तथा इसे दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसियों में से एक माना जाता है। इसका गठन वर्ष 1887 में किया गया था।
- 28 जून को केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने नई दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया का गो ट्राइबल अभियान लॉन्च किया। जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न संगठनों के साथ समझौता और सहयोग स्थापित करने हेतु ट्राइफेड ने यह पहल की है। इसके तहत ट्राइब्स इंडिया जनजातीय उत्पादों को Amazon.com के ज़रिये वैश्विक स्तर पर लॉन्च करेगा। इसके अलावा केंद्रीय रेशम बोर्ड और ‘आई एम’ खादी फाउंडेशन के साथ भी समझौता किया गया है। गौरतलब है कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत एक संगठन है जो ट्राइब्स इंडिया ब्रांड के तहत जनजातीय कला व हस्तशिल्प सहित जनजातीय उत्पादों के विक्रय व विकास का कार्य करता है।
- भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक यानी WPI (आधार वर्ष 2011-12) की वर्तमान सीरीज़ में संशोधन के लिये एक कार्यदल गठित किया है। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता वाले इस कार्यदल में कुल 18 सदस्य हैं। यह कार्यदल WPI और निर्माता मूल्य सूचकांक (PPI) की नई आधिकारिक सीरीज तैयार करने के लिये सर्वाधिक उपयुक्त आधार वर्ष का चयन करेगा। यह WPI की वर्तमान सीरीज़ के कमोडिटी बास्केट की समीक्षा करने के साथ वर्ष 2011-12 से ही अर्थव्यवस्था में देखे जा रहे ढाँचागत बदलावों के मद्देनज़र जिंसों को जोड़ने/हटाने के बारे में सुझाव देगा। इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र में मूल्य संग्रह की वर्तमान प्रणाली की समीक्षा करने और बेहतरी के लिये बदलाव करने के बारे में सुझाव देने के साथ ही यह कार्यदल मासिक WPI/PPI के लिये अपनाई जाने वाली अभिकलन (Computing) पद्धति के बारे में भी निर्णय लेगा। आधार वर्ष 2011-12 के साथ WPI की वर्तमान सीरीज़ मई, 2017 में अपनाई गई थी।