नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (20 June)

  • 20 Jun 2019
  • 8 min read
  • 20 जून को दुनियाभर में विश्व शरणार्थी दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने और उनकी समस्याओं को हल करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है। शरणार्थी उन्हें कहा जाता है, जिन्हें युद्ध, प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की वज़ह से अपना देश छोड़कर अन्यत्र पलायन करने पर मजबूर होना पड़ता है। दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका शरणार्थी दिवस यानी 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था और वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था United Nations High Commissioner for Refugees (UNHCR) शरणार्थियों की सहायता करने के लिये ही बनी है। इस वर्ष इस दिवस की थीम #StepWithRefugees—Take A Step on World Refugee Day रखी गई है।
  • राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए भाजपा के ओम बिड़ला निर्विरोध 17वीं लोकसभा के स्पीकर चुने गए। वह राजस्थान के हाड़ौती अंचल से देश के प्रमुख संवैधानिक पद पर बैठने वाले पहले नेता हैं। ओम बिड़ला ऊर्जा पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य हैं तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की याचिका समिति एवं परामर्श समिति के भी सदस्य हैं। गौरतलब है कि पिछली लोकसभा में इंदौर से भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन स्पीकर थीं। लोकसभा के पहले स्पीकर गणेश वासुदेव मावलंकर थे, जो 15 मई, 1952 से 27 फरवरी, 1956 तक पद पर रहे। लोकसभा स्पीकर के लिये संविधान में कहा गया है कि संसद सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और स्पीकर सदन के ही पूर्ण प्राधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। वह उस सदन की गरिमा और शक्ति का प्रतीक है जिसकी वह अध्यक्षता करता है। अतः यह अपेक्षा की जाती है कि इस उच्च गरिमा वाले पद पर एक ऐसा व्यक्ति आसीन हो, जो हर तरह से सदन का प्रतिनिधित्व कर सके।
  • 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस (World Elder Abuse Awareness Day) का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य संपूर्ण विश्व में बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार एवं उनके कष्टों के विरुद्ध आवाज़ उठाना है। ज्ञातव्य है कि विश्वभर में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार में भी बढ़ोतरी हो रही है। बुजुर्गों के साथ होने वाला दुर्व्यवहार आज एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। हेल्पएज इंडिया ने अपने एक सर्वे के बाद 'भारत में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार: देखरेख करने में परिवार की भूमिका: चुनौतियाँ और प्रतिक्रिया रिपोर्ट पेश की है, जिसमें बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के विभिन्न तरीकों को लेकर चिंता जताई गई है। ज्ञातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2011 में पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया था। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस की इस वर्ष की थीम Lifting Up Voices रखी गई है।
  • नेपाल में काठमांडू घाटी तथा उसके बाहर के कई बड़े निजी स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों के लिये मंदारिन (चीनी भाषा) सीखना अनिवार्य कर दिया है। नेपाल में मंदारिन पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन का भुगतान चीन की सरकार करेगी। माना जा रहा है कि इन स्कूलों ने इस नेपाली प्रावधान की अनदेखी की है कि वे किसी भी विषय को अनिवार्य नहीं बना सकते। नेपाल में स्कूल का पाठ्यक्रम तैयार करने वाली इकाई करिकुलम डिवेलपमेंट सेंटर के दिशा-निर्देश के मुताबिक, नेपाल के स्कूल विद्यार्थियों को विदेशी भाषा पढ़ा सकते हैं, लेकिन वह इसे अनिवार्य नहीं बना सकते। यदि किसी विषय को अनिवार्य किया जाना है, तो यह निर्णय केवल सरकार ही ले सकती है। चीन की तरफ नेपाल का लगातार झुकाव भारत के लिये चिंता का कारण हो सकता है। पिछले पाँच वर्षों में चीन ने नेपाल में भारी निवेश किया है तथा चीन के नेतृत्व वाली अरबों डॉलर लागत वाली मेगा बुनियादी ढाँचा परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में नेपाल भी शामिल है, जिसका भारत लगातार विरोध करता रहा है। गौरतलब है कि इस परियोजना के एक हिस्से के रूप में चीन काठमांडू से जाइगेज को जोड़ता हुआ एक ट्रांस-हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क का निर्माण कर रहा है।
  • हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर दुनिया के सबसे ऊँचे मौसम केंद्र स्थापित किए गए हैं। नेपाल सहित आठ देशों के वैज्ञानिकों और पर्वतारोहियों की टीम ने गत अप्रैल से जून के बीच पाँच मौसम केंद्र स्थापित किये हैं। इसके लिये द नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी और नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया गया था। इनमें से एक केंद्र एवरेस्ट के बालकोनी क्षेत्र में 8430 मीटर की ऊँचाई पर और दूसरा साउथ कोल में 7945 मीटर की ऊँचाई पर स्थापित किया गया है। ये दोनों ही स्वचालित मौसम केंद्र हैं। इनके अलावा एवरेस्ट के बेस कैंप (5,315 मीटर), कैंप-2 (6,464 मीटर) और फोर्टसे (3,810 मीटर) पर तीन अलग-अलग मौसम केंद्र स्थापित किये गए हैं। ये सभी केंद्र तापमान, आर्द्रता, दबाव, हवा की गति और दिशा के बारे में जानकारी इकट्ठा करेंगे। इनके द्वारा जुटाए गए डेटा से पर्वतीय क्षेत्र में मौसम संबंधी खतरों का सही समय पर पूर्वानुमान लग सकेगा। बालकोनी क्षेत्र के मौसम केंद्र से हमारे वायुमंडल की दूसरी सतह यानी स्ट्रेटोस्फ़ीयर में होने वाले बदलाव की भी निगरानी की जा सकेगी।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow