भारत सरकार ने अमेरिका में उत्पादित या वहाँ से आयात किये जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों सहित 28 विनिर्दिष्ट वस्तुओं पर प्रशुल्क (Tariff) बढ़ा दिया है और यह 16 जून से लागू हो गया है। अमेरिका ने पिछले साल मार्च में भारत से निर्यात होने वाले स्टील पर 25% और एल्युमीनियम उत्पादों पर 10% आयात शुल्क लगा दिया था। शुल्क बढ़ाए जाने के बाद भारत सरकार ने अमेरिका के खिलाफ यह कार्रवाई करने का निर्णय गत वर्ष 21 जून को लिया था, पर इसे कई बार टाल दिया गया। अब इसे अमेरिका के खिलाफ भारत की जवाबी व्यापारिक कार्रवाई माना जा रहा है। इसके लिये केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 30 जून, 2017 की अपनी पुरानी अधिसूचना में संशोधन किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जून को हुई नीति आयोग की संचालन परिषद की पाँचवीं बैठक में कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधार के लिये मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों का उच्चस्तरीय कार्यबल बनाने की घोषणा की। यह कार्यबल कृषि क्षेत्र में बुनियादी सुधारों पर 2-3 महीने में अपनी रिपोर्ट देगा और इसमें कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए कईं मुख्यमंत्रियों ने कृषि प्रसंस्करण और निवेश पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया। इसके अलावा बैठक में देश में सूखे की स्थिति के मद्देनज़र आपदा राहत के नियमों की समीक्षा किये जाने पर जोर दिया गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। नीति आयोग की संचालन परिषद की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015; दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015; तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 और चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी।
सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 10 उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI) संचालित डिजिटल लैब लॉन्च कर दी है। इंटेलीजेंट क्लाउड हब नामक इस कार्यक्रम में BITS पिलानी, SRM इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और ट्राइडेंट एकेडमी ऑफ टेक्नोलॉजी सहित कई संस्थान शामिल हैं। इस तीन वर्षीय कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट चुने गए संस्थानों को श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढाँचे, पाठ्यक्रम और सामग्री, क्लाउड तक पहुँच, AI सेवाओं के साथ-साथ डेवलपर समर्थन भी मुहैया कराएगा। इसके अलावा कंपनी कोर AI इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स हब की स्थापना के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट Cognitive सेवाएँ, Azure मशीन लर्निंग और बॉट जैसी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुँच की भी सुविधा प्रदान करेगा। फैकल्टी के लिये डिज़ाइन किये गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा विज्ञान, AI और IOT पर कार्यशालाएँ शामिल होंगी।
ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी तथा अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की टीम ने एक अध्ययन में यह पता लगाया है कि 21वीं शताब्दी में हमारे जलचक्र कैसे काम करते हैं। इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने के लिये शोधकर्त्ताओं ने एक नया डायग्राम तैयार किया है। पृथ्वी के बदलते जलचक्र के मद्देनज़र दुनियाभर की पाट्य-पुस्तकों में पढ़ाए जाने वाले पृथ्वी के जलचक्रों के प्रतिरूपों को अपडेट करने का सुझाव दिया गया है, क्योंकि इसमें मानवीय हस्तक्षेप के प्रभाव शामिल नहीं हैं। नए डायग्राम में मानवीय हस्तक्षेप के कारण पड़ने वाले प्रभावों को भी शामिल किया गया है। इसमें ग्लेशियरों के पिघलने, बाढ़ की विभीषिका, प्रदूषण और बढ़ते समुद्री जलस्तर को शामिल किया गया है।
चीन ने दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ एवं बीजिंग में भारतीय राजदूत के तौर पर तैनात रह चुके विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ काम कर चुके सुन वीदोंग को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है। चीन और दक्षिण एशिया के संबंधों में विशेषज्ञता रखने वाले सुन वीदोंग ने भारतीय विदेश मंत्री के साथ उस समय निकटता से मिलकर काम किया था जब एस. जयशंकर वर्ष 2009-2013 के बीच भारतीय राजदूत के तौर पर बीजिंग में नियुक्त थे और सुन वीदोंग उस समय उपमहानिदेशक थे। पाकिस्तान में चीन के राजदूत के तौर पर काम कर चुके सुन वीदोंग चीनी विदेश मंत्रालय के नीति एवं योजना विभाग के महानिदेशक रहे हैं। इससे पहले भारत में चीन के राजदूत लुओ जाओहुई थे, जिन्हें विदेश मामलों का उपमंत्री नियुक्त किया गया है।
लंबे समय तक कज़ाकिस्तान के शासक रहे नूरसुल्तान नज़रबायेव के उत्तराधिकारी के रूप में चुने गए कासिम-जोमार्ट टोकायेव ने राष्ट्रपति का पदभार संभाल लिया है। वह देश के दूसरे निर्वाचित राष्ट्रपति बने हैं। सोवियत काल से शासन करने के बाद 78 वर्षीय नूरसुल्तान नज़रबायेव ने इस वर्ष मार्च में पद छोड़ दिया था। राजधानी नूर-सुल्तान में शपथ ग्रहण के लिये आयोजित कार्यक्रम के दौरान टोकायेव ने शपथ ली कि ‘राय अनेक, राष्ट्र एक’ उनके राष्ट्रपति पद का नारा होगा। गौरतलब है कि कज़ाकिस्तान में चुनाव अगले वर्ष होने थे, लेकिन नए राष्ट्रपति ने इसी वर्ष जून में चुनाव कराने का फैसला किया था।
15 जून को ज़ुज़ाना कैपुतोवा ने स्लोवाकिया की पहली महिला राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाल लिया। इसी वर्ष मार्च में हुए चुनावों में कैपुतोवा को 58 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उच्चस्तरीय राजनयिक और सत्तासीन पार्टी के उम्मीदवार मारकोस सेफ्कोविक को 42 प्रतिशत वोट मिले थे। गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाली कैपुतोवा को भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से पहचान मिली। ज्ञातव्य है कि स्लोवाकिया के राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की नियुक्ति के अधिकार के साथ वरिष्ठ अभियोजकों और न्यायाधीशों की नियुक्ति में वीटो पावर प्राप्त है। कैपुतोवा प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी की सदस्य हैं और स्लोवाकिया की संसद में इस पार्टी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।