भारत सरकार और मार्शल द्वीप समूह की सरकार के बीच करों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान के लिये एक अनुबंध पर मार्शल द्वीप समूह के माजूरो में 18 मार्च, 2016 को हस्ताक्षर किये गए थे। लेकिन यह समझौता 21 मई, 2019 से अस्तित्व में आया है। यह समझौता कर उद्देश्यों के लिये दोनों देशों के बीच बैंकिंग और स्वामित्व जानकारी सहित सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा देता है। यह समझौता कर पारदर्शिता और सूचना के आदान-प्रदान के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित है, जो अनुरोध करने पर सूचना को साझा करने की सुविधा देता है। इस समझौते में एक देश के प्रतिनिधियों को दूसरे देश में कर संबंधी जाँच-पड़ताल करने का प्रावधान भी शामिल है। इस समझौते से भारत और मार्शल द्वीप समूह के बीच कर चोरी और कर वंचना को रोकने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि केवल 6200 जनसंख्या वाला मार्शल द्वीप समूह प्रशांत महासागर के बीच स्थित एक माइक्रोनेशियाई देश है, जिसके उत्तर में किरिबाती और नॉरू तथा पूर्व में माइक्रोनेशिया स्थित है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये का सामना करने के लिये भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका एक साथ आए हैं। हाल ही में इन चार देशों के अधिकारियों की बैंकॉक में एक बैठक हुई, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को बनाए रखने और इसे बढ़ावा देने के लिये सामूहिक रूप से एक मज़बूत आसियान नीत तंत्र बनाने का समर्थन किया गया। इस बैठक में इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन और पैसिफिक आइलैंड फोरम सहित अन्य क्षेत्रीय संस्थानों को बल प्रदान करने पर ज़ोर दिया गया। ध्यातव्य है कि दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र में चीन का कई पड़ोसी देशों से विवाद चल रहा है।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को वहाँ की संसद पीपुल्स मजलिस का अध्यक्ष चुन लिया गया है। उन्हें संसद में 87 में से 67 सासंदों का समर्थन मिला। गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल में हुए संसदीय चुनाव में उनकी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीन-चौथाई बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। मोहम्मद नशीद अपने खराब स्वास्थ्य के चलते विदेश में रहे और पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के इब्राहिम सोलिह की जीत के बाद स्वदेश वापस लौटे थे। वह 2008 से 2012 तक मालदीव के राष्ट्रपति रह चुके हैं। देश के एक और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सेना के समर्थन के साथ 2012 में उनकी सरकार का तख्तापलट कर दिया था। मोहम्मद नशीद को मालदीव में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने का श्रेय जाता है। 2008 में उन्होंने 30 साल से शासन कर रहे अब्दुल गय्यूम को सत्ता से बाहर कर दिया था।
अमेरिका की प्रतिष्ठित ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ 2019 में भारतीय-अमेरिकियों का बोलबाला बरकरार रहा। इस बार प्रतियोगिता के आठ विजेताओं विद्यार्थियों में सात भारतीय मूल के हैं। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के 94 वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि दो से अधिक सह-विजेता घोषित किये गए। 2007 के बाद यह पहला मौका है जब कोई अमेरिकी छात्र (एरविन होवार्ड) विजेताओं में शामिल है। कैलिफोर्निया के ऋषिक गंधश्री, मैरीलैंड के साकेत सुंदर, न्यू जर्सी की श्रुतिका पद्य, टेक्सास के सोहम सुखतंकर, टेक्सास के रोहन राजा, न्यू जर्सी के क्रिस्टोफर सेराओ और होवार्ड के अलबामा को सह-विजेता घोषित किया गया है। इन सभी की आयु 15 वर्ष से कम है। पिछले साल भारतीय अमेरिकी कार्तिक नेम्मानी ने यह प्रतियोगित जीती थी। इस जीत के साथ वह लगातार 11 वर्ष से प्रतियोगिता जीतने वाले 14वें भारतीय अमेरिकी बने थे। वर्ष 2017 में भारतीय अमेरिकी छात्रा अन्नया विनय ने प्रतियोगिता जीती थी।
उत्तराखंड में स्थित फूलों की घाटी 1 जून से पर्यटकों के लिये खोल दी गई। चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी नंदा देवी नेशनल पार्क के अंतर्गत आती है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती और जैविक विविधता के कारण वर्ष 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया था। फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजातियों के फूल अलग-अलग समय पर खिलते हैं। 87.5 वर्ग किमी. में फैली फूलों की घाटी में पोटोटिला, प्राइमिला, एनिमोन, एरिसीमा, एमोनाइटम, ब्लू पॉपी, मार्स मेरी गोल्ड, ब्रह्म कमल, फैन कमल जैसे फूल शामिल हैं। घाटी में दुर्लभ प्रजातियों के जीव-जंतु, वनस्पतियाँ व जड़ी-बूटियाँ भी पाई जाती हैं।
देश की एकमात्र ओरांगुटान (वनमानुष) बिन्नी की 41 वर्ष की आयु में ओडिशा के नंदन-कानन जूलॉजिकल पार्क में मृत्यु हो गई। पिछले एक साल से कॉलेज ऑफ वेटिनरी साइंस और एनिमल हसबेंडरी के डॉक्टर ब्रिटेन और सिंगापुर के डॉक्टरों की सलाह पर बिन्नी का इलाज कर रहे थे। गौरतलब है कि बिन्नी को 20 नवंबर 2003 में पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क से नंदन कानन लाया गया था। उस समय वह 25 साल की थी। एक ओरांगुटान की औसत आयु 45 वर्ष होती है और मूलतः ये इंडोनेशिया और मलेशिया में पाए जाते हैं। मौजूदा समय में ये केवल बोर्निया और सुमात्रा के घने जंगलों में पाए जाते हैं। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के अनुसार, वनमानुष की तीन तरह की प्रजातियाँ होती हैं– बोर्नियन, सुमात्रन और तपनौली। बोर्नियन और सुमात्रन वनमानुषों के दिखने और व्यवहार में थोड़ा अंतर होता है।