इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के अध्यक्षता में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिये गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को सौंप दी। समिति में के. कस्तूरीरंगन के अलावा आठ सदस्य थे। इस रिपोर्ट में पाठ्यक्रम में भारतीय शिक्षा प्रणाली को शामिल करने, राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन और निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने जैसी सिफारिशें की हैं। इस समिति ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट का भी संज्ञान लिया। इस नीति के प्रारूप में कहा गया है कि ज्ञान में भारतीय योगदान और ऐतिहासिक संदर्भ को जहां भी प्रासंगिक होगा, उनको मौजूदा स्कूली पाठ्यक्रम और पाठ्य-पुस्तकों में शामिल किया जाएगा। इसके तहत गणित, खगोल शास्त्र, दर्शन, मनोविज्ञान, योग, वास्तुकला, औषधि के साथ ही शासन, शासन विधि, समाज में भारत का योगदान को शामिल किया जाए। निरंतर और नियमित आधार पर देश में शिक्षा के दृष्टिकोण को विकसित करने, मूल्यांकन करने और संशोधन करने के लिये एक नई शीर्ष संस्था राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन किया जाए। शिक्षा और पठन-पाठन पर ध्यान केंद्रित करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय किया जाना चाहिये । निजी स्कूलों को अपने शुल्क को तय करने के लिये मुक्त किया जाए, लेकिन वे इसमें मनमाने तरीके से इजाफा नहीं कर सकें, इसके लिये कई सुझाव दिये गये हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में चल रही शिक्षा नीति 1986 में तैयार हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था।
नई सरकार ने देश में पहली बार जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है। जल संसाधन, नदी विकास, पेयजल एवं स्वच्छता तथा गंगा संरक्षण मंत्रालयों को मिलाकर बनाए गए इस नए मंत्रालय का कैबिनेट प्रभार जोधपुर के सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत को सौंपा गया है। रतन लाल कटारिया को इस नवगठित मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है। इस मंत्रालय के गठन के बाद अब जल संबंधी सभी कार्य एक ही मंत्रालय में निहित होंगे। देश के अधिकांश हिस्सों में पेयजल संकट की समस्या है, ऐसे में इस मंत्रालय की अहमियत बढ़ जाती है। इस मंत्रालय के सामने सबसे अहम चुनौती पाकिस्तान बहकर जा रहे भारत के हिस्से के पानी को रोकने की परियोजना पर काम करने की है, ताकि इस पानी का देश में ही उपयोग किया जा सके। अलग-अलग राज्यों के बीच पानी को लेकर चल रहे टकरावों को सुलझाने के अलावा नदी-जोड़ो परियोजना पर भी इस मंत्रालय को अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के नवीनतम आँकड़ों से पता चलता है कि देश में आने वाले FDI में पिछले छह वर्षों में पहली बार 2018-19 में गिरावट दर्ज की गई है। दूरसंचार, फार्मा और अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश में गिरावट से कुल FDI 1% गिरकर 44.37 अरब डॉलर रहा। 2017-18 में यह आँकड़ा 44.85 अरब डॉलर था। 2018-19 में दूरसंचार क्षेत्र में FDI 2.67 अरब डॉलर रहा, जो 2017-18 में 6.21 अरब डॉलर था। इसी अवधि में निर्माण विकास में FDI 54 करोड़ डॉलर से घटकर 21.3 करोड़ डॉलर, फार्मास्यूटिकल्स में एक अरब डॉलर से घटकर 26.6 करोड़ डॉलर और ऊर्जा क्षेत्र में 1.62 अरब डॉलर से घटकर 1.1 अरब डॉलर रह गया। इस अवधि में जिन प्रमुख क्षेत्रों में FDI में वृद्धि दर्ज की गई, उनमें सेवा क्षेत्र (9.15 अरब डॉलर), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर (6.41 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (4.46 अरब डॉलर) और वाहन क्षेत्र (2.62 अरब डॉलर) शामिल हैं। इसके अलावा 2018-19 में भारत में FDI करने वाले देशों में सिंगापुर ने मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया, इसमें सिंगापुर की हिस्सेदारी 16.22 अरब डॉलर रही, जबकि मॉरीशस से आठ अरब डॉलर आए। अन्य प्रमुख देशों में जापान, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात और फ्राँस शामिल हैं।
3 जून को दुनियाभर में विश्व साइकिल दिवस का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल ही 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के तौर पर घोषित किया था। दुनियाभर की सरकारें और पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग शहरी पर्यावरण की सुरक्षा के लिये साइकिल सवारी को बढ़ावा देने में जुटे हैं। फ्रांस ने अपनी राजधानी पेरिस को वर्ष 2020 तक दुनियाभर की साइकिलिंग राजधानी बनाने के लिये 1.5 करोड़ यूरो की योजना बनाई है। देश की राजधानी नई दिल्ली में विश्व साइकिल दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की जन साइकिल भागीदारी योजना के एक स्मार्ट साइकिल स्टेशन का भी उद्घाटन किया। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र में इस तरह के 50 स्मार्ट साइकिल स्टेशन बनाने की योजना है। इस वर्ष विश्व साइकिल दिवस की थीम Less Cycling Affecting Health & Environment रखी गई है।
वायुसेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोआ को चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (COSC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह नौसेना प्रमुख सुनील लांबा का स्थान लेंगे, जो 1 जून को सेवानिवृत्त हो गए। ज्ञातव्य है कि करमबीर सिंह नौसेना के नए प्रमुख बनाए गए हैं। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख होते हैं और वरिष्ठतम सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन के पास तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने और देश के सामने मौजूद बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये सामान्य रणनीति तैयार करने की ज़िम्मेदारी होती है।