देश की राजधानी दिल्ली के तीन किनारों पर कूड़े-कचरे के विशाल पहाड़ों को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय सहित अन्य अदालतें चिंता जता चुकी हैं। अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों को देश के सबसे साफ शहर इंदौर की तर्ज़ पर बायो माइनिंग तकनीक से लैंडफिल साइट्स से कचरा हटाने को कहा है। पीठ ने अक्तूबर से इस कम को शुरू करके एक वर्ष में पूरा करने को कहा है। बायो माइनिंग तकनीक में सूक्ष्मजीवों (Microorganism) का इस्तेमाल करके अयस्कों तथा अन्य ठोस पदार्थों से धातुओं को निकाला जाता है। सामान्यतः इस तकनीक का इस्तेमाल सोने और लौह धातु के खनन के लिये किया जाता है। लेकिन प्रदूषित हो चुकी मिट्टी को साफ करने के लिये भी यह कारगर है। बायो माइनिंग में ट्रोमेल्स (मैकेनिकल स्क्रीनिंग मशीन) के ज़रिये कूड़े-कचरे से धातु, प्लास्टिक, शीशे व सभी पदार्थों को अलग किया जाता है। इसके अलावा निस्तारित हो सकने वाले और न हो सकने वाले कूड़े को अलग किया जाता है। निस्तारित न हो सकने वाले कूड़े को सुखाकर ज्वलनशील बनाया जाता है। देश में इंदौर, गुजरात के कुछ शहरों तथा तमिलनाडु के कुम्भकोणम और मुंबई में यह तकनीक इस्तेमाल हो रही है। विदेशों में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जर्मनी में इस तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल हो रहा है।
28 जुलाई को उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मसूरी में 11 हिमालयी राज्यों का सम्मेलन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में हिमालयी राज्यों ने ‘मसूरी संकल्प’ पारित किया, जिसके तहत पर्वतीय राज्यों ने हिमालय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और देश की समृद्धि में योगदान की बात कही। इसके अलावा प्रकृति, जैव विविधता, ग्लेशियर, नदियों, झीलों के संरक्षण का भी संकल्प लिया गया। भावी पीढ़ी के लिए लोककला, हस्तकला, संस्कृति के संरक्षण की बात कही गई, साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के सतत विकास की रणनीति पर काम करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। इस सम्मेलन में नीति आयोग, 15वें वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हिमालयी राज्यों के लिये बजट में अलग से प्रावधान किये जाने का आश्वासन दिया। सम्मेलन में हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस देने पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश , असम, नगालैंड, सिक्किम व जम्मू-कश्मीर को हिमालयी राज्यों में शामिल किया जाता है।
अमेरिका तथा अन्य विश्व शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने तथा ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान ने अपने अरक हैवी वाटर रिएक्टर को प्लूटोनियम बनाने के लिये फिर से शुरू कर दिया है| वर्ष 2015 में हुए उपरोक्त परमाणु समझौते के बाद ईरान ने अरक के इस रिएक्टर को बंद कर दिया था। इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ईरान द्वारा यूरेनियम शोधन को बढ़ाने की घोषणा की थी। ज्ञातव्य है कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान अपनी परमाणु गतिविधियाँ बढ़ाने की घोषणा पहले ही कर चुका है। प्लूटोनियम वह पदार्थ है जो परमाणु हथियार में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है। ईरान के इस रवैये से चिंतित समझौते में शामिल अन्य देश समझौते को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। 28 जुलाई को जिनेवा में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन के प्रतिनिधियों ने बैठक कर समझौते को बनाए रखने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
वर्ष 2020 में टोक्यो और वर्ष 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों पर नज़र रखने तथा सभी प्रकार का सहयोग देने के लिये केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें खेल संस्थाओं से जुड़े कई अधिकारी और पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं। इस समिति में दो ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों- टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस और शूटर गगन नारंग के अलावा खेल सचिव, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक, आई.ओ.ए. के सचिव राजीव मेहता, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष और टॉप स्कीम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश राजगोपालन को शामिल किया गया है। राजगोपालन इस समिति के समन्वयक होंगे। यह समिति वर्ष 2020 ओलंपिक के लिये हर तरीके से खिलाड़ियों की मदद करेगी, जबकि पेरिस में वर्ष 2024 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये यह समिति तैयारी का रोडमैप बनाएगी, तैयारी की समीक्षा तथा उससे संबंधित सलाह देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी हितधारकों में सामंजस्य बना रहे । ज्ञातव्य है कि लिएंडर पेस ने वर्ष 1996 के अटलांटा ओलंपिक में पुरुष एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था, जबकि गगन नारंग ने वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्द्धा में कांस्य पदक जीता था।
55 साल बाद डेविस कप में भाग लेने के लिये भारतीय टेनिस खिलाड़ी अगले महीने पाकिस्तान जाएंगे। भारतीय टीम प्रतियोगिता के एशिया-ओसियानिया ग्रुप-आई के मुकाबले में पाकिस्तान का सामना करेगी। दोनों टीमों के बीच मुकाबले 14 और 15 सितंबर को इस्लामाबाद के पाकिस्तान स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में ग्रास कोर्ट पर खेले जाएंगे। इस मुकाबले का जो भी विजेता होगा वह अगले वर्ष होने वाले वर्ल्ड ग्रुप प्ले ऑफ्स में जगह बनाएगा। पाकिस्तान ने वर्ष 2017 में इसी स्थान पर उज्बेकिस्तान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड का सामना किया था। गौरतलब है कि भारतीय टीम ने आखिरी बार मार्च 1964 में पाकिस्तान का दौरा किया और लाहौर में मेजबान टीम को 4-0 से पराजित किया था। इसके बाद पाकिस्तान और भारत के बीच अप्रैल 2006 में मुंबई में मुकाबले हुए थे। गौरतलब है कि डेविस कप एक विश्वस्तरीय प्रतियोगिता है जिसके लिये ओलंपिक चार्टर का पालन करना ज़रूरी है। डेविस कप दुनिया की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय टेनिस प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसमें केवल पुरुष खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं।