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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (26 July)

  • 26 Jul 2019
  • 7 min read
  • केंद्र सरकार ने छोटे व्यापारियों-दुकानदारों की पेंशन योजना (प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना) के लिये नियम-शर्तों को अधिसूचित कर दिया है। इसके मुताबिक डेढ़ करोड़ रुपए तक सालाना कारोबार वाले इस योजना के तहत पेंशन के पात्र होंगे। 18 से 40 वर्ष का कोई भी कारोबारी इस योजना का लाभ उठा सकेगा और उसे हर माह के मामूली योगदान के बदले 60 वर्ष की उम्र से करीब तीन हजार रुपए पेंशन मिलेगी। लगभग तीन करोड़ खुदरा व्यापारी, कारोबारी या अपने किसी उद्यम में लगे लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। गौरतलब है नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंज़ूरी दी गई थी और बजट में भी इसके लिये 750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लघु व्यापारी के दायरे में दुकानदारों, खुदरा कारोबारियों, मिल के मालिक और कर्मचारी, कमीशन एजेंट, रियल एस्टेट ब्रोकर, छोटे होटल-रेस्तरां के मालिक और कर्मचारी शामिल हैं। इस योजना के संचालन के लिये सरकार एक पेंशन फंड बनाएगी और जीवन बीमा निगम (LIC) को इसके लिये पेंशन फंड मैनेजर चुना गया है। पेंशन संबंधी सभी रिकॉर्ड रखने के साथ इसके भुगतान की जिम्मेदारी भी LIC की होगी। इस योजना के तहत जितना अंशदान व्यापारियों का होगा, उतना ही सरकार अपनी ओर से देगी। इस योजना को 22 जुलाई 2019 से प्रभावी माना गया है।
  • थेरेसा मे के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में बने नए मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने तीन भारतवंशियों को भी शामिल किया है। गुजराती मूल की प्रीति पटेल को गृह मंत्री बनाया गया है, वे ब्रेक्ज़िट के मुद्दे को लेकर थेरेसा मे की नीतियों की मुखर आलोचक थीं। नवंबर 2017 में थेरेसा मे ने प्रीति पटेल को अंतर्राष्ट्रीय विकास मामलों के मंत्री पद से हटा दिया था। प्रीति पटेल वर्ष 2010 में पहली बार एसेक्स के विथेम से कंज़रवेटिव सांसद बनी थीं। इससे पहले ब्रिटेन के गृह मंत्री पाकिस्तानी मूल के साजिद जाविद थे, जिन्हें अब वित्त मंत्री बनाया गया है। इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनाक को ट्रेज़री मिनिस्टर और आलोक शर्मा को अंतर्राष्ट्रीय विकास मामलों का विदेश मंत्री बनाया गया है। बोरिस जॉनसन ने उन सभी लोगों को पदोन्नत किया है, जिन्होंने ब्रेक्ज़िट मुद्दे पर उनका साथ दिया था। बोरिस जॉनसन को कट्टर ब्रेक्ज़िट समर्थक माना जाता है।
  • हाल ही में गुजरात में चांदीपुरा वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। चांदीपुरा वायरस एक ऐसा खतरनाक वायरस है, जो 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को ही अपनी चपेट में लेता है। इस वायरस का नाम महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव के नाम पर रखा गया है, जहाँ पहली बार वर्ष 1965 में यह सैंडफ्लाई के कारण फैला। सैंडफ्लाई मक्खियों की एक ऐसी प्रजाति है जो कि रेत और कीचड़ में पाई जाती है और बारिश में इसका प्रकोप बढ़ जाता है। यह वायरस रोगी के न्यूरॉन्स यानी तंत्रिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण दिमाग में सूजन आ जाती है। अभी तक इस वायरस से बचाव का कोई विशेष उपचार सामने नहीं आया है, लेकिन इसके लक्षण इंसेफ्लाइटिस यानी दिमागी बुखार से मिलते-जुलते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2019 और 2020 के लिये भारत के विकास दर अनुमान में 0.3 फीसदी की कमी कर दी है। IMF के नवीनतम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत की वृद्धि दर 7 प्रतिशत और वर्ष 2020 में 7.2 प्रतिशत रहेगी। घरेलू मांग में उम्मीद से अधिक कमी की वज़ह से ऐसा किया गया है। इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा और चीन से काफी आगे होगा। IMF के अनुमान में बताया गया है कि चीन में शुल्क वृद्धि के नकारात्मक प्रभाव और कमज़ोर बाहरी मांग के कारण पहले से संरचनात्मक मंदी झेल रही अर्थव्यवस्था पर दबाव और बढ़ेगा। कर्ज़ पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिये चीन को नियामकीय मज़बूती की ज़रूरत होगी। नीतिगत समर्थन की वज़ह से चीन की वृद्धि दर वर्ष 2019 में 6.2 प्रतिशत और वर्ष 2020 में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। IMF ने वर्ष 2019 के लिये वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत तथा वर्ष 2020 के लिये 3.5 प्रतिशत कर दिया है अर्थात् दोनों वर्षों के लिये 0.1 प्रतिशत की कटौती की गई है।
  • ऑस्ट्रेलिया ने प्रशांत क्षेत्र के लिये एक अलग सैन्य इकाई बनाने का फैसला किया है। उसने यह फैसला प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिये किया है। यह सर्वविदित है कि अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चीन प्रशांत क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों को कर्ज़ देकर अपना प्रभुत्व जमाने में लगा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में अपना दबदबा कायम रखना चाहता है। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स के अनुसार, इस नई सैन्य इकाई के गठन का उद्देश्य प्रशांत क्षेत्र में सहयोगी देशों को सैन्य प्रशिक्षण देना और मदद करना है। इससे सहयोगी देशों से संबंधों में और मज़बूती आएगी। संभावना है कि सेना की यह इकाई इसी साल काम करना शुरू कर देगी। इस क्षेत्र में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड (Quad) समूह बनाकर सहयोग कर रहे हैं और इसका उद्देश्य भी प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करना है।
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