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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (25 July)

  • 25 Jul 2019
  • 8 min read
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2018 को मंज़ूरी दे दी है। इस विधेयक द्वारा उत्तर प्रदेश के लिये दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 438 में संशोधन किया गया है। इसके लागू होने से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी अग्रिम ज़मानत का प्रावधान हो गया है। संशोधन के बाद अग्रिम ज़मानत पर सुनवाई के दौरान आरोपी का मौजूद रहना ज़रूरी नहीं होगा। साथ ही इसमें अग्रिम ज़मानत देने पर विचार करने से पहले अदालत द्वारा कुछ अनिवार्य शर्तें लगाए जाने का भी प्रावधान है। जैसे कि आरोपी को जब कभी पुलिस पूछताछ के लिये बुलाएगी, तो उसे पेश होना होगा। आरोपी मामले में शामिल किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से डरा-धमका नहीं सकता और अदालत की इज़ाजत के बिना देश नहीं छोड़ सकता। इसके अलावा गंभीर अपराधों के मामले में अग्रिम ज़मानत नहीं दी जाएगी। उन मामलों में भी अग्रिम ज़मानत नहीं मिलेगी जिनमें सज़ा फाँसी की हो। गैंगस्टर कानून के तहत आने वाले मामलों में भी अग्रिम ज़मानत नहीं दी जाएगी। अदालत को 30 दिनों के भीतर अग्रिम ज़मानत के लिये दिये गए आवेदन पर फैसला देना होगा। विदित हो कि राज्य सूचना आयोग ने भी वर्ष 2009 में इस संशोधित विधेयक को लाने की अनुशंसा की थी। वर्ष 2010 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक विधेयक को मंजूरी दी थी और स्वीकृति के लिये उसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया था। केंद्र ने इसे यह कहकर वापस भेज दिया था कि इसमें अभी कुछ बदलावों की ज़रूरत है। अब इस नए विधेयक को मंज़ूरी दिये जाने से पहले वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व की खामियों एवं अन्य राज्यों में प्रावधान के प्रयोग पर अध्ययन करने के लिये एक समिति गठित की थी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों में अग्रिम ज़मानत का प्रावधान है। वर्ष 1975 में आपातकाल के दैरान उत्तर प्रदेश में अग्रिम ज़मानत देने वाले इस कानून को हटा दिया गया था।
  • केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। इनमें मॉडल किरायेदारी अधिनियम को जल्‍द ही राज्‍यों के साथ साझा करना; स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 50-50 और शहरों को ODF+ (मौजूदा संख्‍या 377) एवं ODF++ (मौजूदा संख्‍या 167) करना; 50 और शहरों (मौजूदा संख्‍या 53) को ‘3-स्‍टार कचरा मुक्‍त सिटी’ में बदलना शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों के लिये ‘अंगीकार’ अभियान शुरू करना; दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की सभी पात्र महिला सदस्‍यों को ‘आयुष्‍मान भारत’ और ‘पोषण योजना’ से जोड़ने के लिये ‘स्‍वस्‍थ एसएचजी परिवार’ शुरू किया जाएगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ‘एक जैसे शहर, एक जैसे प्रभाव’ की परिकल्‍पना 100 स्‍मार्ट सिटीज़ में सकारात्‍मक असर वाली कम-से-कम एक ऐसी पहल करने के लिये की गई है जिसे 100 दिनों में पूरा किया जा सकता है। अटल कायाकल्‍प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत 100 दिवसीय कार्ययोजना को भी लागू करने का निर्णय लिया गया है। देशभर में 100 सरकारी कॉलोनियों में स्‍वच्‍छता के टिकाऊ तौर-तरीकों को अपनाने, खाली पड़े क्षेत्रों को हरित बनाने, वर्षा जल के संचयन की सुविधाएँ स्‍थापित करने और ठोस अग्निशमन उपायों पर अमल की शुरुआत की गई है।
  • आयकर विभाग ने 24 जुलाई को आयकर दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर आयकर विभाग के क्षेत्रीय (फील्ड) कार्यालयों ने करदाताओं की मदद के लिये शिकायत निवारण पखवाड़े का आयोजन किया है। यह अभियान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने तैयार किया है। आयकर विभाग ने इस मौके पर करदाता-ई-सहयोग अभियान भी शुरू किया। यह करदाताओं और अन्य हितधारकों को ई-रिटर्न फाइल करने और कर-संबंधी अन्य दायित्वों के निर्वहन में सक्षम बनाने में सहायता करेगा। 24 जुलाई को आयकर दिवस के रूप में इसलिये मनाया जाता है क्योंकि पहली बार जेम्स विल्सन की ओर से आयकर सबसे पहले 24 जुलाई, 1860 को लागू हुआ था। देश में केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के अंतर्गत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड एक सांविधिक प्राधिकरण के तौर पर काम करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक युकिया अमानो का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय तक फ्राँस, अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड आदि देशों में जापान के राजनयिक रहे युकिया अमानो दिसंबर 2009 में IAEA के महानिदेशक बने थे। तब उन्होंने मिस्र के मोहम्मद अल बरदई का स्थान लिया था तथा IAEA के प्रमुख के तौर पर उनका तीसरा कार्यकाल नवंबर 2021 में समाप्त होना था। विदित हो कि उनकी ही देखरेख में ईरान और छह विश्व शक्तियों- ब्रिटेन, चीन, फ्राँस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के बीच वर्ष 2015 में परमाणु समझौता हुआ था। इस करार के तहत ईरान प्रतिबंध हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिये राज़ी हो गया था, लेकिन अमेरिका ने मई 2018 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था जिसके बाद से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय तनाव चरम पर है। IAEA एक स्वायत्त वैश्विक संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है। यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है। IAEA का गठन 29 जुलाई, 1957 को हुआ था।
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