Rapid Fire करेंट अफेयर्स (17 July) | 17 Jul 2019
- उत्तर प्रदेश के विधि आयोग ने मॉब लिंचिंग की बढ़ रही घटनाओं के मद्देनज़र ऐसे मामलों में शामिल आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा देने की सिफारिश की है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 128 पृष्ठों की एक रिपोर्ट भेजी है। काफी अध्ययन के बाद राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि किस तरह से इन घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है और आरोपियों को किस आधार पर उम्रकैद की सज़ा देनी चाहिये। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर तैयार इस रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग की कई घटनाओं और कोर्ट के फैसलों के बारे में भी बताया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर जो कानून बनेगा उसे उत्तर प्रदेश कॉम्बेटिंग ऑफ मॉब लिंचिंग एक्ट के नाम से जाना जाएगा। कमीशन ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि आरोपियों को सज़ा दिलाने की ज़िम्मेदारी पुलिस अधिकारियों और ज़िला मजिस्ट्रेट की रहेगी। यदि वे इस काम में असफल रहते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिये। कानून के तहत पीड़ित के परिजन को जान-माल के नुकसान के आधार पर मुआवज़ा भी दिया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में मणिपुर ने मॉब लिंचिंग रोकने के लिये प्रोटेक्शन फ्रॉम मॉब वायलेंस एक्ट, 2018 बनाया था, इसके तहत यदि भीड़ द्वारा किसी की जान ली जाती है तो दोषियों को आजीवन कारावास और पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। यह देश में अपनी तरह का यह पहला कानून है।
- मेघालय देश में जल नीति पेश करने वाला पहला राज्य बन गया है। इस नीति का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ सतत विकास और जल संसाधनों का इस्तेमाल करना है। इस नीति से स्वास्थ्य और आजीविका में सुधार होगा और लोगों के बीच भेदभाव नहीं होगा। यह एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता के ज़रिये वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिये सुशासन भी सुनिश्चित करेगा। इस नीति में जलग्रहण क्षेत्रों के संरक्षण और नदी प्रदूषण जैसे मुद्दों को भी रेखांकित किया गया है। जीवनयापन हेतु पानी के इस्तेमाल एवं जल निकायों का कैसे संरक्षण किया जाए जैसे मुद्दों को इस नीति में जगह दी गई है। इसमें गाँव के स्तर पर जल स्वच्छता ग्राम परिषद का गठन कर इस नीति को लागू करने में सामुदायिक भागीदारी को भी शामिल किया गया है। ज्ञातव्य है कि पहाड़ी राज्य होने के कारण मेघालय में पर्याप्त वर्षा होती है, लेकिन यह पानी ठहरता नहीं है और बिना रुके बांग्लादेश पहुँच जाता है।
- 15 जुलाई को पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारत की सभी तरह की असैन्य उड़ानों के लिये खोल दिया। इसका सबसे अधिक लाभ एयर इंडिया को होगा, क्योंकि फरवरी से अब तक अपनी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों, खासतौर से अमेरिका और यूरोप जाने वाली उड़ानों को दूसरे रास्ते से ले जाने के कारण कंपनी को करीब 491 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। अब भारतीय विमानन कंपनियाँ पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होते हुए अपने सामान्य रूट से उड़ानें शुरू करेंगी। गौरतलब है कि इसी वर्ष 26 फरवरी को भारत द्वारा की गई बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिये अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। उसके बाद से पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र के ज्ञात 11 रूटों में से सिर्फ दो खोले थे जो देश के दक्षिणी हिस्से से होकर गुज़रते थे। मार्च में पाकिस्तान ने आंशिक रूप से अपना हवाई क्षेत्र खोला था, लेकिन भारतीय विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी थी। पाकिस्तान के प्रतिबंध के बाद सभी यात्री उड़ानों को भारत के वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ दिया गया था। हवाई क्षेत्र बंद होने का सबसे ज़्यादा असर यूरोप से दक्षिण-पूर्व एशिया की उड़ानों पर पड़ा। इससे पाकिस्तान को भी काफी नुकसान हो रहा था क्योंकि कोई भी देश अपने हवाई क्षेत्र से गुज़रने वाले विमानों से एक निश्चित शुल्क वसूलता है। यह शुल्क उस देश के संबंधित विमानन प्राधिकरण को देना होता है। हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने हेतु शुल्क के लिये हर देश के अपने नियम होते हैं। यह शुल्क विमान के प्रकार और उसके द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर तय होता है।
- 14 जुलाई को फ्राँस ने अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया, जिसे बेस्टाइल डे कहा जाता है। यह ‘बेस्टाइल’ कारागार में जनता द्वारा 14 जुलाई 1789 को धावा बोलने की वषर्गांठ के रूप में मनाया जाता है। जुलाई 1789 में इसी दिन से फ्रेंच क्रांति की शुरुआत हुई थी। बेस्टाइल कारागार 16वें लुई की निरंकुश सत्ता का प्रतीक था, जिस पर कब्ज़ा कर लोगों ने यह जाहिर किया कि राजा की सत्ता अब निरंकुश नहीं है। राष्ट्रीय दिवस पर फ्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऐलान किया कि देश की वायुसेना में स्पेस कमांड बनाया जाएगा। चूँकि साइबर स्पेस और वायुमंडल से बाहर के क्षेत्र में टकराव के नए क्षेत्र बन गए हैं, इसलिये नया अंतरिक्ष सैन्य सिद्धांत बनाने की ज़रूरत है। इससे फ्राँस अंतरिक्ष में अपने हितों की रक्षा कर सकेगा। 1 सितंबर से यह कमांड बनाने का काम शुरू होगा तथा 2019-25 के दौरान अंतरिक्ष सुरक्षा पर फ्राँस चार अरब डॉलर खर्च करेगा।