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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (11 July)

  • 11 Jul 2019
  • 9 min read
  • 11 जुलाई को दुनियाभर में विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास कार्यक्रम के तहत वर्ष 1989 से विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत हुई। बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत इसमें परिवार नियोजन, लिंग समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के महत्त्व की जानकारी लोगों को दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र परिषद हर साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम निर्धारित करती है, लेकिन वर्ष 2019 में किसी विशिष्ट विषय का चयन नहीं किया गया। इसके बजाय जनसंख्या और विकास पर वर्ष 1994 के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अधूरे एजेंडे को पूरा करने पर विश्व का ध्यान आकृष्ट किया गया।
  • भारत और रूस के बीच दूसरे दौर की रणनीतिक-आर्थिक वार्ता (IRSED) 10 जुलाई को नई दिल्ली में हुई। इस वार्ता में परिवहन सुविधा एवं प्रौद्योगिकियों का विकास; कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास; लघु एवं मध्यम कारोबार सहायता; डिजिटल सुधार एवं अग्रणी प्रौद्योगिकियाँ; व्यापार, बैंकिंग, वित्त एवं उद्योग के क्षेत्र में सहयोग तथा पर्यटन एवं संपर्कता जैसे क्षेत्रों में सहयोग के 6 प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया गया। ज्ञातव्य है कि 5 अक्तूबर, 2018 को नीति आयोग और रूसी संघ के आर्थिक विकास मंत्रालय के बीच 19वें वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर के बाद IRSED की स्थापना की गई थी। भारत और रूस के बीच पहले दौर की रणनीतिक-आर्थिक वार्ता 25-26 नवंबर, 2018 को सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित की गई थी।
  • 9 जुलाई को नई दिल्ली में भारत-आसियान त्रिगुट (Trokia) व्‍यापार मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्‍य वर्तमान में जारी क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) पर अनौपचारिक सलाह-मशविरा करना था। भारत RCEP को अपनी ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ नीति का एक तार्किक विस्तार मानता है, जिसमें आर्थिक विकास एवं स्‍थायित्‍व के लिये व्‍यापक संभावनाएँ हैं। हाल ही में मेलबर्न में विशेषज्ञ स्‍तर पर RCEP वार्ताओं का 26वाँ दौर आयोजित हुआ था, जिसमें सदस्‍य देशों ने कुछ हद तक लचीलापन एवं सामंजस्‍यपूर्ण रुख दर्शाया। भारत ने भी ऐसा करते हुए कुछ महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में समु‍चि‍त सामंजस्‍य बैठाने में मदद की। लेकिन भारतीय वस्‍तुओं के मामले में, विशेषकर चीन के साथ बाज़ार पहुँच से जुड़े मुद्दे काफी जटिल हैं। भारत यह भी मानता है कि पिछले मुक्‍त व्‍यापार समझौतों के प्रभाव को लेकर भारत में अनेक आशंकाएं हैं क्योंकि भारत ने वस्‍तुओं के मामले में जितनी रियायतें दी हैं उनके मुकाबले उसे अपेक्षाकृत कम छूट प्राप्‍त हुई है।
  • नई दिल्ली में ही उपरोक्त बैठक से इतर भारत और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रियों की द्विस्तरीय बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इंडोनेशिया में भारतीय वाहन और वाहन उपकरण उद्योग के आयात कोटा प्रतिबंधों की चिंता को रेखांकित किया। इन प्रतिबंधों से भारतीय निर्यात पर विपरीत असर पड़ा है। द्विपक्षीय FTA व्‍यवस्‍था के कारण भारतीय वाहन निर्माताओं की तुलना में अन्‍य प्रतियोगियों को बेहतर सुविधा मिली हुई है। भारत ने इंडोनशिया के साथ व्‍यापार को लेकर भी चिंता जताई। भारत यह मानता है कि कृषि, वाहन, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, जैव प्रौद्योगिकी और स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल क्षेत्रों में व्‍यापार विस्‍तार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार वर्ष 2018-19 के दौरान 21.13 बिलियन डॉलर रहा और इस दौरान व्‍यापार संतुलन (10.57) बिलियन डॉलर इंडोनेशिया के पक्ष में रहा। गौरतलब है कि आसियान क्षेत्र में इंडोनेशिया भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्‍यापार सहयोगी है। पहले स्‍थान पर सिंगापुर है।
  • 9 और 10 जुलाई को नई दिल्ली में नशीली दवाओं की तस्‍करी और इससे संबंधित मुद्दों को लेकर भारत के नारकोटिक्‍स नियंत्रण ब्‍यूरो और म्‍यांमार में नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिये केंद्रीय समिति के बीच चौथी महानिदेशक स्‍तर की वार्ता का आयोजन किया गया। इस द्विपक्षीय बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं की तस्‍करी के खिलाफ समन्वित और ठोस कार्रवाई करना था। बैठक में दोनों पक्षों ने नशीली दवाओं की समस्‍या के संबंध में आपसी चिंताओं को साझा किया तथा नशीली दवाइयों और इनकी तस्‍करी से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी के आदान-प्रदान का संकल्‍प लिया। ज्ञातव्य है कि म्यांमार में खसखस की अवैध खेती और हेरोइन उत्पादन की प्रवृत्ति, म्यांमार से भारत में हेरोइन की तस्करी, भारत-म्यांमार सीमा पर एफेड्रिन/श्‍यूडो-इफेड्रिन भारत के लिये चिंता का एक बड़ा कारण है।
  • इंग्लैंड के मैनचेस्टर में 9-10 जुलाई को खेले गए ICC विश्व कप क्रिकेट के वर्षा बाधित सेमीफाइनल मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 18 रन से पराजित कर दिया। भारत के सामने जीत के लिये 240 रनों का लक्ष्य था, लेकिन उसकी पारी 49.3 ओवर में 221 रनों पर सिमट गई। न्यूज़ीलैंड के मैट हेनरी ने 37 रन देकर तीन विकेट लिये और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इस प्रकार न्यूज़ीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा। न्यूज़ीलैंड वर्ष 2015 में भी फाइनल में पहुँचा था, जहाँ उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। ज्ञातव्य है कि पाँचवीं बार इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित ICC विश्व कप क्रिकेट का यह 12वाँ संस्करण था। इस बार का विश्व कप राउंड रोबिन पद्धति पर खेला गया जिसमें सभी टीमें आपस में एक-दूसरे के साथ मैच खेलती हैं। पहला विश्व कप (प्रूडेंशियल कप) वर्ष 1975 में इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित किया गया था, जिसमें वेस्ट इंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए फाइनल में 17 रनों से हराया था।
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