वित्त मंत्रालय ने ग्राहकों को नियम पालन में सुविधा देने के मद्देनज़र PAN कार्ड की जगह आधार कार्ड के इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है। ऐसे में हर उस स्थान पर आधार कार्ड को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, जहाँ PAN कार्ड का उपयोग अनिवार्य है। अगर किसी के पास PAN कार्ड नहीं है, तो वह बैंक में आधार कार्ड दिखाकर भी 50 हजार रुपए से अधिक नकद का लेनदेन कर सकता है। जहाँ कहीं भी PAN कार्ड का उपयोग अनिवार्य हो, वहाँ ग्राहक आधार कार्ड का उपयोग कर काम चला सकता है। वर्तमान में बैंक से 50 हज़ार रुपए से अधिक की नकद निकासी या जमा के लिये ग्राहक के पास PAN कार्ड होना जरूरी है। इसके लिये बैंकों से अपना सिस्टम अपग्रेड करने को कहा गया है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में 22 करोड़ PAN कार्ड ही आधार से जुड़े हैं, जबकि 120 करोड़ से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड है।
श्रीलंका ने भारत की मदद से युद्ध प्रभावित लोगों के लिये एक आवास योजना के तहत अपने यहां बनाए गए पहले मॉडल गाँव का उद्घाटन किया। यह गाँव गामपाहा के रानीदुगामा में बनाया गया है, जिसमें लाभार्थियों को पूर्ण रूप से निर्मित मकान सौंपे गए। ज्ञातव्य है कि भारत ने 120 करोड़ रुपए के अनुदान से श्रीलंका में कुल 2400 मकान बनाने के लिये आवास एवं निर्माण तथा संस्कृति मंत्रालय के साथ भागीदारी की है। इस संयुक्त परियोजना से श्रीलंका के 2400 परिवार लाभान्वित होंगे।
दुनियाभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कर्नाटक सरकार ने प्रख्यात इंजीनियर भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर आइसा-कर्नाटका विश्वेश्वरैया सोलर अवार्ड देने का निर्णय लिया है। यह अवार्ड हर साल दुनिया के एक देश को फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर दिया जाएगा। विदित हो कि हरियाणा सरकार द्वारा अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर आइसा-हरियाणा कल्पना चावला सोलर अवार्ड शुरू करने के निर्णय के बाद कर्नाटक देश का दूसरा राज्य है जिसने ऐसा अवार्ड शुरू करने का फैसला किया है। इस अवार्ड के लिये नियमानुसार कर्नाटक सरकार इंटरनेशनल सोलर एलायंस (ISA) के खाते में दस करोड़ रुपये जमा कराएगी। इसका जो ब्याज आएगा उसमें से 75 प्रतिशत राशि अवार्ड के रूप में दी जाएगी। फिलहाल फ्लोटिंग सोलर के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले दुनिया के एक देश को हर साल अवार्ड देने का विचार है। आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वर्ष 2015 के दौरान इंटरनेशनल सोलर एलायंस अस्तित्व में आया। इसका मुख्यालय गुरुग्राम में है।
7 जुलाई को भारत ने स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का तीन बार सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पोखरण की टेस्ट फायरिंग रेंज में किया गया तथा परीक्षण के दौरान मिसाइल का दिन और रात दोनों समय टेस्ट फायर किया गया। नाग मिसाइल दिन और रात में बराबर क्षमता के साथ दुश्मन के टैंकों पर आक्रमण कर सकती है और युद्ध में दुश्मनों के टैंक को चार किलोमीटर दूर से ही ध्वस्त करने की क्षमता रखती है। यह मिसाइल थर्मल टारगेट सिस्टम तकनीक पर काम करती है। इस तकनीक से ऑपरेशनल टैंक की थर्मल इमेज क्रिएट हो जाती है, जिसके बाद टारगेट को लॉक करके मिसाइल दाग दी जाती है। मिसाइल लॉन्च होने के बाद इमेजिन इंफ्रा-रेड रडार से मिसाइल लॉक्ड टारगेट को फॉलो करते हुए हिट करती है। लॉन्चिंग के बाद इसे किसी भी तरह की एक्सटर्नल कमांड की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसकी रेंज 500 मीटर से 4 किलोमीटर तक है।
हाल ही में जारी विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली के वातावरण में बीते सालभर में ओज़ोन के प्रदूषक कणों की मात्रा डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। पिछले वर्ष 1 अप्रैल से 5 जून के बीच 17 दिन ऐसे थे जब हवा में ओज़ोन की मात्रा मानकों से अधिक थी, जबकि इस वर्ष 28 दिन ऐसे रहे जब ओज़ोन प्रदूषण की मात्रा निर्धारित मानक से काफी ज़्यादा रही। पिछले साल 8 घंटे के औसत में ओजोन की मात्रा 106 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर थी, जबकि इस वर्ष यह 122 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही। वैज्ञानिकों के अनुसार, 8 घंटे के औसत में ओज़ोन प्रदूषक की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिये। ज्ञातव्य है कि हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जब तीखी धूप के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तो ओज़ोन प्रदूषक कणों का निर्माण होता है। वाहनों और फैक्टरियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड व अन्य गैसों की रासायनिक क्रिया भी ओज़ोन प्रदूषक कणों का निर्माण करती है।
फ्राँस के लियोन में अमेरिका ने मौजूदा यूरोपियन चैंपियन नीदरलैंड्स को 2-0 से पराजित कर लगातार दूसरी बार फीफा महिला विश्व कप जीत लिया। यह कुल मिलाकर अमेरिकी महिला टीम का चौथा विश्व कप खिताब है। इससे पहले अमेरिका ने वर्ष 1991, 1999 और 2015 में विश्व कप जीता था। मेगन रेपिनो को गोल्डन बूट दिया गया, उन्होंने टूर्नमेंट में कुल 6 गोल किये। Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) को ही फीफा के नाम से जाना जाता है और यह फुटबॉल का अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण निकाय है। इसका मुख्यालय ज्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड में है। फीफा महिला विश्व कप की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी तथा वर्ष 1930 में पुरुषों का पहला फीफा विश्व कप आयोजित हुआ था।