Rapid Fire करेंट अफेयर्स (04 जुलाई) | 04 Jul 2019
- अमेरिकी सीनेट ने भारत को नाटो देशों जैसा दर्जा देने वाले विधेयक को मंज़ूरी दे दी है। अब रक्षा संबंधों के मामले में अमेरिका भारत के साथ नाटो के अपने सहयोगी देशों, इज़राइल और दक्षिण कोरिया के समान डील करेगा। वित्त वर्ष 2020 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट में संशोधन को अमेरिकी सीनेट ने मंज़ूरी दे दी है। इस विधेयक में कहा गया है कि हिंद महासागर में भारत के साथ मानवीय सहयोग, आतंक के खिलाफ संघर्ष, काउंटर-पाइरेसी और समुद्री सुरक्षा पर काम करने की ज़रूरत है। इस दर्जे का अर्थ है कि भारत अब अमेरिका से अधिक उन्नत और महत्त्वपूर्ण तकनीक वाले हथियारों की खरीद कर सकता है। ज्ञातव्य है कि नाटो (North Atlantic Treaty Organization-NATO) एक सैन्य गठबंधन है और इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रसेल्स में स्थित है। अमेरिका की अगुवाई में नाटो की स्थापना शीतकालीन युद्ध के दौर में 4 अप्रैल, 1949 को हुई थी। इस संगठन में शामिल देशों के बीच एक-दूसरे की सामूहिक सुरक्षा का ज़िम्मा होता है।
- हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने 50 से अधिक पहलों की मदद से उच्च शिक्षा में बदलाव लाने के लिये शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन और समावेशन कार्यक्रम या एजुकेशन क्वालिटी अपग्रेडेशन एंड इन्क्लूजन प्रोग्राम (EQUIP) नामक पाँच वर्षीय विज़न प्लान जारी किया। इसे 10 क्षेत्रों को कवर करने वाले विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें उच्च शिक्षा क्षेत्र को बदलने के लिये विभिन्न पहलों का सुझाव दिया गया है। इस विज़न में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को दोगुना करने और भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में भौगोलिक और सामाजिक रूप से मुश्किल पहुँच को आसान बनाने, शिक्षा की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाकर टॉप 1000 वैश्विक विश्वविद्यालयों में 50 भारतीय संस्थानों को स्थान दिलाने जैसे विभिन्न लक्ष्यों को निर्धारित किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधारों के लिये एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसका संयोजक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को बनाया गया है। समिति में कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्रीय कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सदस्य होंगे। यह समिति राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में सुधारों को अपनाने एवं समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के उपायों के बारे में सुझाव देगी। इन सुधारों में कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्द्धन एवं सहायता) कानून, 2017, कृषि उपज और पशुधन ठेका खेती और सेवाएँ (संवर्द्धन एवं सहायता) कानून, 2018 शामिल हैं। इसके अलावा, समिति आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के विभिन्न प्रावधानों की भी समीक्षा करेगी और कृषि विपणन तथा बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिये कानून में बदलाव के सुझाव देगी। साथ ही समिति कृषि निर्यात को बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण में वृद्धि करने, आधुनिक बाज़ार बुनियादी सुविधा, मूल्य श्रृंखला और लॉजिस्टिक में निवेश आकर्षित करने के बारे में भी सुझाव देगी।
- तमाम अमेरिकी विरोधों को दरकिनार कर भारत ने रूस के साथ 200 करोड़ रुपए का एंटी-टैंक मिसाइल समझौता किया है। आपातकालीन नियमों के तहत रूस से यह रक्षा सौदा हुआ है तथा इन मिसाइलों को MI-35 हेलीकॉप्टरों में लगाया जाएगा। इस समझौते के तहत तीन महीने के भीतर ही मिसाइलों की आपूर्ति कर दी जाएगी। तुरंत युद्ध की स्थिति के मद्देनज़र आपातकालीन प्रावधान के तहत वायुसेना ने कई देशों के साथ स्पाइस 2000 स्टैंड ऑफ वेपन सिस्टम और हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल की डील की है। रूस से मिलने वाली एंटी-टैंक मिसाइल को युद्धक MI-35 में लगाए जाने से दुश्मनों के टैंक और अन्य हथियारों से निपटने की क्षमता हासिल हो जाएगी। ज्ञातव्य है कि MI-35 भारतीय वायुसेना का अटैकिंग हेलीकॉप्टर है और इसे अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर के स्थान पर लाया गया है।
- 4 जुलाई से ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में 10 दिन तक चलने वाले भगवान जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव की शुरुआत हुई। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हिंदुओं के लिये धार्मिक रूप से बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। ज्ञातव्य है कि भगवान जगन्नाथ विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज रथ पर बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज पर सुभद्रा व सुदर्शन चक्र और अंत में गरुड़ ध्वज रथ पर भगवान जगन्नाथ सबसे पीछे चलते हैं। इन सभी की प्रतिमाओं को रथ में बिठाकर नगर का भ्रमण करवाया जाता है। यात्रा के तीनों रथ लकड़ी से बने होते हैं, जिन्हें श्रद्धालु खींचते हुए चलते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिये, बलराम के रथ में 14 व सुभद्रा के रथ में 12 पहिये लगे होते हैं। रथयात्रा द्वारा भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडीचा मंदिर पहुँचाया जाता है, जहाँ भगवान जगन्नाथ विश्राम करते हैं।
- 30 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह (Asteroid) दिवस का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने क्षुद्रग्रह के खतरे को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिये 30 जून, 2017 से अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस मनाने की घोषणा की थी। दरअसल 30 जून, 1908 को रूस की तुंगुस्का नदी के पास भयंकर विस्फोट हुआ था जिसके लिये क्षुद्रग्रह को ज़िम्मेदार बताया गया था। यह हाल के इतिहास में पृथ्वी पर सबसे हानिकारक ज्ञात क्षुद्रग्रह-संबंधी घटना है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य क्षुद्रग्रहों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और आने वाली पीढ़ियों को उनसे होने वाली किसी संभावित भयावह घटना से बचने के लिये सचेत करना है। ज्ञातव्य है कि ब्रह्माण्ड में गति करने वाले क्षुद्रग्रह एक प्रकार का खगोलीय पिंड होते हैं, जो आकार में ग्रहों से छोटे तथा उल्कापिंडों से बड़े होते हैं।