राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के लिये गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किये। वर्ष 2015 के लिये विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी को, 2016 के लिये संयुक्त रूप से अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को, 2017 के लिये एकल अभियान न्यास को तथा 2018 के लिये योहेई ससाकावा को पुरस्कृत किया गया। गौरतलब है कि अहिंसा के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिये गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत 1995 में हुई थी। पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपए और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है। 1995 में पहला गांधी शांति पुरस्कार तंजानिया के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जूलियस के. न्येरेरे को दिया गया था। वर्ष 2004, 2006, 2007, 2008, 2009, 2010, 2011 और 2012 में पुरस्कार नहीं दिया गया था।
भारत सरकार के भूविज्ञान मंत्रालय ने IIT भुवनेश्वर और NIT राउरकेला के साथ मिलकर मानसून के दौरान तूफान की पूर्व चेतावनी देने वाली प्रणाली का विकास किया है। इस प्रणाली से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कब, कहाँ और कितनी बारिश होने वाली है। इससे तूफान के दौरान होने वाली जन-धन की क्षति में कमी लाई जा सकती है। इस प्रणाली के लिये वैज्ञानिकों ने दशकों तक जुटाए डेटा की मदद से एक अहम खाका तैयार किया है। सैटेलाइट से मिले चित्रों तथा अन्य आँकड़ों की मदद से मृदा की नमी और तापमान का डेटा एकत्र किया गया है। देश के मानसूनी इलाकों के लिये इस तरह का डेटा पहले नहीं जुटाया गया था। इस डेटा संग्रह की सहायता से यह अनुमान लगाने में आसानी होगी कि कब, कहाँ और कितना तेज़ तूफान आ सकता है।
अमेरिका के तमाम प्रबंधों को दरकिनार करते हुए ईरान ने अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करने के दौरान पहली बार पनडुब्बी से क्रूज़ मिसाइल दागने का परीक्षण किया। यह परीक्षण फारस की खाड़ी के मुहाने पर स्थित होरमुज जलडमरूमध्य क्षेत्र में चल रहे ईरान के वार्षिक सैन्य अभ्यास के दौरान नौसेना की एक पनडुब्बी से किया गया। इस परीक्षण से ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते और खराब होने की आशंका जताई जा रही है। ईरान की बढ़ती सामरिक शक्ति को देखते हुए अमेरिका ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा चुका है। इसके जवाब में ईरान कई बार होरमुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे चुका है। आपको बता दें कि होरमुज जलडमरूमध्य का वैश्विक व्यापार में काफी महत्त्व है और दुनियाभर में कच्चे तेल के कारोबार का एक-तिहाई हिस्सा इसी क्षेत्र से होकर गुज़रता है।
संयुक्त राष्ट्र की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण सूडान में इस वर्ष मई से जुलाई के बीच 70 लाख लोगों के सामने भुखमरी का संकट आ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस देश में 2018 में अनाज का उत्पादन 61 प्रतिशत था, जो इस साल घटकर सिर्फ 52 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है। दक्षिण सूडान में विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक साइमन कैमेलबीक ने कुपोषित महिलाओं और बच्चों को बचाने और उनकी खाद्यान्न संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये तुरंत कुछ उपाय करने की बात कही है। आपको बता दें कि गृहयुद्ध में घिरा दक्षिणी सूडान लंबे समय से अकाल और भुखमरी की चपेट में है।
अमेरिका में नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के जीव वैज्ञानिकों ने छोटे टायरानोसोर की एक नई प्रजाति का पता लगाया है। इससे टी-रेक्स के विकास के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल हो सकती हैं। इस नई प्रजाति का नाम मोरोस इंट्रीपेडस है जो 9 करोड़ 60 लाख वर्ष पूर्व धरती पर विचरण करते थे। उत्तरी अमेरिका में खोजी गई कैटियस टायरानोसोर की यह अब तक की सबसे पुरानी प्रजाति है। एक दशक तक खोज करने के बाद चट्टानों से टायरानोसोर के कुछ दांत और शरीर के अंश मिले। टी-रेक्स के विशाल बनने के क्रम का एक हिस्सा मोरोस इंट्रीपेडस भी था।
अमेरिका के SETI इंस्टीट्यूट में फाउंडेशन फॉर एप्लाइड मोलेकुलर इवोल्यूशन के खगोल विज्ञानियों ने पृथ्वी के सौरमंडल में नेपच्यून (वरुण) ग्रह के पास एक नए चंद्रमा की खोज की है। यह इसके बड़े चंद्रमा प्रोटियस का एक टुकड़ा है, जो ब्रह्मांड में हुई टक्करों का परिणाम हो सकता है। अनुमान है कि करोड़ों वर्ष पूर्व धूमकेतु की टक्कर से इसका निर्माण हुआ होगा। वैज्ञानिकों ने इसका नाम हिप्पोकैंप रखा है और इसकी परिधि मात्र 34 किमी. है। प्रोटियस से हिप्पोकैंप की दूरी 7500 मील है। गौरतलब है कि नेपच्यून हमारे सौरमंडल का आठवाँ और चौथा सबसे बड़ा ग्रह है।
हाल ही में जर्मनी में 29वीं इंटरनेशनल स्लेज डॉग रेस का आयोजन किया गया। ओबेरहोफ में 2460 फीट की पगडंडी में होने वाली यह रेस जर्मनी के थिएशियन फॉरेस्ट के लोकप्रिय रास्ते रेनेस्टिग से होकर विभिन्न स्थानों से होती हुई संपन्न होती है। गौरतलब है कि यह रेस 1973 से आयोजित होती आ रही है और 1975 में जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड तथा नीदरलैंड्स की टीमों ने शामिल होकर इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता का रूप दिया।
नई दिल्ली में डॉ. कर्णी सिंह रेंज में चल रही ISSF वर्ल्ड कप में भारतीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने स्वर्ण पदक जीत लिया। सौरभ ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्द्धा में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 245 अंक हासिल किये। उन्होंने यूक्रेन के ओलेह ओमेलचुक (243.6 अंक) का रिकॉर्ड तोड़ा। इसके साथ ही सौरभ ने 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिये कोटा भी हासिल कर लिया। सौरभ यह कोटा पाने वाले तीसरे भारतीय शूटर हैं। उनसे पहले अपूर्वी चंदेला ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में 252.9 अंक हासिल कर विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। पहले यह रिकॉर्ड चीन की रुओझू झाऊ के नाम था, जिन्होंने 2018 में 252.4 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता था। अपूर्वी ने इस इवेंट में 16 साल बाद देश को स्वर्ण पदक दिलाया है। इससे पहले अंजलि भागवत ने 2003 के वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। इनके अलावा अंजुम मौद्गिल को भी ओलंपिक कोटा मिल चुका है।
अमेरिका ने केली नाइट क्राफ्ट को संयुक्त राष्ट्र में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है। वह अक्तूबर 2017 से कनाडा में अमेरिका की राजदूत के तौर पर काम कर रही हैं। अमेरिकी सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद वह भारतवंशी निक्की हेली की जगह लेंगी, जिन्होंने गत वर्ष अक्टूबर में ही UN में राजदूत का पद छोड़ने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर रह चुकीं निक्की हेली कैबिनेट के किसी भी पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं।
हाल ही में अमेरिका और थाईलैंड ने संयुक्त रूप से कोबरा गोल्ड सैन्याभ्यास का आयोजन किया। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में होने वाला अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है। 1982 में पहली बार यह अभ्यास आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य आपसी सैन्य सहयोग और अंतर-संचालन को मज़बूत बनाना है। भारत ने इस सैन्य अभ्यास में 2016 में पहली बार हिस्सा लिया था, जबकि चीन 2015 में पहली बार इसमें शामिल हुआ था। अमेरिका और थाईलैंड के अलावा सिंगापुर, चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया और दक्षिण कोरिया इसके सक्रिय भागीदार हैं। कोबरा गोल्ड सैन्याभ्यास में सैन्य क्षेत्र प्रशिक्षण, मानवीय सहायता और आपदा राहत शामिल किये जाते हैं।