सरकार ने राज्यसभा में अनिवासी (प्रवासी) विवाह रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2019 पेश किया है। इस विधेयक का मकसद भारतीय महिलाओं को अनिवासी भारतीयों द्वारा किये जाने वाले कपटपूर्ण विवाह से बचाना और कुछ सुरक्षा उपाय करना है। इसके तहत भारत और भारत के बाहर होने वाले ऐसे विवाह का पंजीकरण विवाह की तारीख से 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य किया गया है। इस विधेयक के ज़रिये पासपोर्ट अधिनयम, 1967 और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन का प्रावधान है।
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद अपने 61वें स्थापना दिवस के अवसर पर 12 से 18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह आयोजित कर रही है। इस वर्ष की थीम है उत्पादकता और निरंतरता के लिये सर्कुलर अर्थव्यवस्था। सर्कुलर अर्थव्यवस्था ‘बनाओ-उपयोग करो-वापस पाओ (Built-Operate-Transfer-BOT’ से जुड़े सर्कुलर बिज़नेस मॉडल के लिये अवसरों को परिलक्षित करती है। साथ ही यह विभिन्न वस्तुओं या सामग्री की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाओं से जुड़े अवसर भी प्रदान करती है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 13 फरवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मीडिया इकाइयों का पहला सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न मीडिया इकाइयों के अंतर्गत कार्य कर रहे भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को अखिल भारतीय स्तर पर एक स्थान पर लाने के लिये एक मंच प्रदान करना था, जहाँ वे उभरते हुए संचार प्रतिमानों के बारे में चर्चा कर सकें। प्रत्येक व्यक्ति तक जानकारी पहुँचाने के लिये सम्मेलन में संचार व्यवस्था में नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में भी चर्चा की गई।
खाद्य सुरक्षा और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मसाला बोर्ड ने नई दिल्ली में खाद्य सुरक्षा के बारे में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इसमें खेत से मेज़ पर पहुँचने तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने पर ज़ोर दिया गया। सम्मेलन में खेत स्तर पर उत्पन्न उपज की चिंताओं को दूर करने और फसल कटाई के बाद सफाई की आवश्यकता तथा सुरक्षित भोजन के लिये गैर-इरादतन मिलावट को रोकने की आवश्यकता जताई गई। खाद्य सुरक्षा उपाय लागू करने के लिये भविष्य की योजनाओं के बारे में भी सम्मेलन में चर्चा की गई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक्स विभाग ने नई दिल्ली में एक कार्यशाला का आयोजन किया। देश के इस सेक्टर में उपलब्ध अवसरों और चुनौतियों पर लॉजिस्टिक्स से जुड़े हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के लिये इसका आयोजन किया गया था। भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर काफी हद तक विखंडित है, इसलिये इसके तहत मुख्य उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के मौजूदा 14% से घटाकर 2022 तक 10% के स्तर से भी नीचे लाना है। आपको बता दें कि भारत को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में 2014 में 54वाँ स्थान मिला था जो 2016 में 35वें स्थान पर पहुँच गया।
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब जाने के लिये डेरा बाबा नानक चौकी को अधिकृत आव्रजन केंद्र बनाने का फैसला किया है। यह चौकी करतारपुर साहिब आने और जाने वालों के लिये प्रवेश बिंदु होगी। इस यात्रा के वैध दस्तावेज़ों के साथ कोई भी व्यक्ति यहाँ प्रवेश कर सकेगा या बाहर निकल सकेगा। सरकार ने यह फैसला पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम, 1950 के नियम 3 के उप-नियम (B) के तहत किया है। आपको बता दें कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक ने अपने जीवन के 18 साल यहाँ गुज़ारे थे और करतारपुर साहिब की स्थापना की थी। यह भारत-पाक सीमा से 3-4 किमी. भीतर पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित है।
अब राजस्थान में सरपंच और पार्षद का चुनाव लड़ने के लिये पढ़ा-लिखा होना ज़रूरी नहीं होगा। राज्य में हाल ही में बनी नई सरकार ने इसके लिये शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। इसे पहले पूर्ववर्ती सरकार ने सरपंच बनने के लिये 8वीं और पंचायत समिति, ज़िला परिषद का सदस्य बनने के लिये 10वीं पास होना ज़रूरी कर दिया था। आदिवासी इलाकों में सरपंच के लिये शैक्षिक योग्यता 5वीं पास रखी गई थी।
पाकिस्तान के कराची में पाँच दिवसीय बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास अमन-19 आयोजित किया गया, जिसमें 46 देशों ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास की शुरुआत 2007 में हुई थी और यह प्रत्येक दो वर्ष बाद आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जाता है, जिसमें बंदरगाह चरण और समुद्री चरण शामिल होते हैं। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य एक-दूसरे की समुद्री अवधारणाओं और संचालन प्रक्रियाओं को समझने और समुद्र में सामान्य खतरे का सामना करने के तरीकों और साधनों पर नज़र रखना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले के विशाखापत्तनम में स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व सुविधा राष्ट्र को समर्पित की। इसकी भंडारण क्षमता 13 लाख 30 हज़ार मीट्रिक टन है। 1125 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह देश की सबसे बड़ी भूमिगत भंडारण सुविधा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ONGC की S-1 वशिष्ठ नामक विकास परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। आंध्र प्रदेश में कृष्णा-गोदावरी (KG) अपतटीय बेसिन में स्थित इस परियोजना की लागत लगभग 5,700 करोड़ रुपए है। यह परियोजना 2020 तक तेल आयात को 10% कम करने में योगदान करेगी।
उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में हिमालय क्लाउड वेधशाला की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर उनसे होने वाले नुकसान को कम करना है। यह वेधशाला टिहरी के चंबा में SRT कॉम्प्लेक्स में स्थापित की गई है और अभी इस पर परीक्षण किये जा रहे हैं। IIT कानपुर द्वारा स्थापित यह वेधशाला बादलों की गतिविधियों की निगरानी करने वाली देश की दूसरी वेधशाला है जो अधिक ऊँचाई (High Altitude) पर कार्य कर सकती है। यहाँ वर्षा, तापमान, हवा की गति, हवा की दिशा के लिये अलग-अलग पैरामीटर हैं, जिनसे डेटा तैयार किया जाएगा।