लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स 9 अगस्त

  • 09 Aug 2019
  • 8 min read
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 अगस्‍त को राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), डॉ. भूपेन्‍द्र कुमार हजारिका (मरणोपरांत) और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया। विदित हो कि भारत रत्न सम्मान चार साल के अंतराल के बाद दिया गया। इससे पहले वर्ष 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से नवाजा गया था। उपरोक्त तीन हस्तियों के साथ ही अब तक 48 प्रख्यात लोगों को भारत रत्न पुरस्कार मिल चुका है। प्रणब मुखर्जी यह सम्मान प्राप्त करने वाले पाँचवें पूर्व राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन, राजेंद्र प्रसाद, ज़ाकिर हुसैन और वी.वी. गिरि को यह सम्मान मिल चुका है। भारत रत्न से सम्मानित होने वालों को एक ताम्र पदक दिया जाता है। पीपल के पत्ते के आकार के ताम्र पदक पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना होता है, जिसके नीचे चाँदी से 'भारत रत्न' लिखा रहता है। इस सम्मान के साथ कोई नकद धनराशि नहीं दी जाती। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
  • हर साल देश में 8 अगस्त का दिन अगस्‍त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें स्‍वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस वर्ष अगस्त क्रांति की 77वीं वर्षगाँठ मनाई गई। 8 अगस्‍त, 1942 का दिन भारतीय इतिहास में आज़ादी की अंतिम लड़ाई के ऐलान के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन बंबई (अब मुंबई) के ग्वालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस महासमिति ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसे भारत छोड़ो प्रस्ताव कहा गया। महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की नींव इसी दिन रखी गई थी, जिसके बाद सारा भारत अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हो गया और ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पड़े। आज़ादी के बाद से ही इस दिन को क्रांति दिवस तथा बंबई (अब मुंबई) के जिस मैदान में झंडा फहराकर इसकी शुरुआत की गई थी, उसे क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है।
  • विश्व मूल निवासी दिवस (World Indigenous People's Day) 9 अगस्त को दुनियाभर में मनाया जाता है। विश्व मूल निवासी दिवस सभी देशों के उन लोगों के हितों और अधिकारों की सुरक्षा के लिये मनाया जाता है जो वहाँ के वास्तविक वासी यानी कि मूल निवासी हैं। मूल निवासियों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिये 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक कार्यदल United Nations Working Group on Indigenous Populations (UNWGIP) का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त, 1982 को हुई थी। इसलिये प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व मूल निवासी दिवस का आयोजन किया जाता है। UNWGIP कार्य दल के 11वें अधिवेशन में मूल निवासी घोषणा प्रारूप को मान्यता मिलने पर वर्ष 1994 को मूल निवासी वर्ष तथा 9 अगस्त को मूल निवासी दिवस घोषित किया गया। मूल निवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिये संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 अगस्त, 1994 को जिनेवा में विश्व के मूल निवासी प्रतिनिधियों का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मूल निवासी दिवस सम्मेलन आयोजित किया।
  • उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड्स विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग के लिये पूर्व में हुए समझौतों को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। दोनों पक्षों के बीच परस्पर सहयोग समझौते को 5 वर्ष के लिये बढ़ाने के पर भी हस्ताक्षर किये गए। अब यह समझौता वर्ष 2024 तक के लिये आगे बढ़ा दिया गया है। इससे उत्तर प्रदेश को नीदरलैंड्स से नई तकनीकें प्राप्त होंगी, जिसका लाभ जनता को मिलेगा। इस समझौते के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, नगरीय विकास, परिवहन प्रबंधन व अवस्थापना के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में रिन्यूएबल एनर्जी को भी बढ़ावा देने का कार्य किया जाएगा। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ गन्ना, आलू, पुष्प उत्पादन एवं डेयरी उद्योग में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है। नीदरलैंड्स सरकार गंगा नदी की सफाई तथा सीवेज ट्रीटमेंट में भी सहयोग प्रदान करेगी। इसके लिये नीदरलैंड्स और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए समझौते के बाद गंगा बैराज के पास 1100 हेक्टेयर क्षेत्र में मॉडल सिटी का निर्माण किया जाएगा। वर्ष 2015 में बैराज पर नीदरलैंड्स सरकार के सहयोग से मॉडल सिटी बनाने की रूपरेखा बनाई गई । इसमें बैराज के बाए मार्जिनल बंध के समानांतर सात किलोमीटर लंबा बंध बनाकर बीच में मिलने वाली जगह पर मॉडल सिटी का निर्माण किया जाना है।
  • यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे बारीक (पतला) सोना तैयार किया है जो केवल 2 अणुओं के बराबर पतला है। यह सोना सामान्य मनुष्य के नाखून से 10 लाख गुना पतला है। वैज्ञानिकों ने इस सोने की मोटाई 0.47 नैनोमीटर मापी है। इस पदार्थ को 2D बताया गया है क्योंकि इसमें एक के ऊपर एक अणुओं की 2 परतें हैं। इस सोने का चिकित्सकीय उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में व्यापक अनुप्रयोग हो सकता है। कुछ औद्योगिक कार्यों में रासायनिक प्रक्रियाओं के उत्प्रेरण में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रयोगशाला परीक्षणों में पता चला है कि यह सोना उत्प्रेरक के रूप में वर्तमान में इस्तेमाल किये जाने वाले स्वर्ण नैनो कणों की तुलना में अधिक प्रभावी है। इसका प्रयोग रोगों की जाँच करने वाले उपकरणों और पानी को साफ करने वाले वाटर प्यूरीफायर में भी किया जा सकेगा। सोने के नए प्रकार को एक विशेष रसायन की मदद से तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में क्लोरिक एसिड का प्रयोग किया गया है, जिसके जलीय घोल में गोल्ड नैनोशीट को डुबाकर यह 2D सोना बनाया गया है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2