आर्थिक सुधारों को तेज़ी देने के क्रम में भारत सरकार ने 10 और बैंकों का आपस में विलय करने का फैसला किया है। देश में विश्वस्तरीय बैंक बनाने की दिशा में बड़ी पहल करते हुए सरकार ने चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है। बैंकों के इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कुल 12 रह जाएगी। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। कुछ समय पहले हुए विजया बैंक, और देना बैंक के विलय से बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा बड़ा बैंक बन गया है। अब सिंडिकेट बैंक के विलय के बाद केनरा बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के विलय से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पाँचवां सबसे बड़ा बैंक होगा। बैंक ऑफ इंडिया छठे नंबर पर है। इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंक में विलय के बाद यह सातवाँ सबसे बड़ा बैंक बनेगा। इसके बाद सेंट्रल बैंक आठवें नंबर पर, इंडियन ओवरसीज बैंक नौवें स्थान पर तथा यूको बैक 10वें नंबर पर है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक क्रमश: 11वें और 12वें नंबर पर है।
असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की अंतिम सूची 31 अगस्त की सुबह ऑनलाइन जारी कर दी गई, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है। NRC की सूची में शामिल होने के लिये आवेदन करने वाले 3.30 करोड़ से अधिक आवेदकों में से 3,11,21,004 लोगों को योग्य पाया गया जबकि अपनी नागरिकता के संबंध में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने वाले 19,06,657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया है। इस अंतिम सूची से यह पहचान हो सकेगी कि असम में रहने वाला कोई व्यक्ति भारतीय है अथवा विदेशी। अंतिम सूची में उन लोगों के नाम शामिल किये गए हैं जो 25 मार्च, 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं। असम सरकार ने 200 अतिरिक्त विदेशी न्यायाधिकरणों का गठन किया है जहाँ वे नागरिक अपना पक्ष रख सकते हैं जिनके नाम NRC की अंतिम सूची में नहीं हैं। गौरतलब है कि असम अकेला राज्य है जहां पहली बार 1951 में NRC तैयार किया गया था और तब से ऐसा पहली बार हुआ है जब इसे अपडेट किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में योग के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। इन पुरस्कारों की घोषणा रांची में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर की गई थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विद्वानों, चिकित्सकों और आयुष प्रणालियों से इलाज करने वालों के सम्मान में 12 स्मारक डाक टिकट भी जारी किये। इन स्मारक डाक टिकटों पर आयुष प्रणालियों के इन इलाज करने वालों के कार्यों पर प्रकाश डाला गया है। गौरतलब है कि योग के संवर्धन और विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना और घोषणा 21 जून, 2016 को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई थी। तब से यह पुरस्कार इस क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तियों को दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 25 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने हरियाणा में 10 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की भी शुरुआत की। समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिये आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में आयुष संघटकों को शामिल किया गया है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने परिवर्तित प्रबंधन के लिये एक अभियान अंगीकार और भारत की अतिसंवेदनशीलता एटलस (Vulnerability Atlas of India) पर ई-कोर्स की शुरुआत की। ‘अंगीकार’ में पीएमएवाई(यू) के तहत बनाए गए घरों के लाभार्थियों के लिये जल एवं ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, सफाई एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों पर सामुदायिक जुटाव और IEEC गतिविधियों के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ‘अंगीकार’ का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से मिशन के सभी लाभार्थियों तक पहुँचना है। सभी लक्षित शहरों में यह अभियान प्रारंभिक चरण के बाद महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2019 को शुरू होगा तथा 10 दिसंबर, 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन होगा। इसके अलावा योजना एवं वास्तुकला विद्यालय, नई दिल्ली और भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद के सहयोग से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अतिसंवेदनशीलता एटलस पर ई-कोर्स की पेशकश की है। यह एक ऐसा कोर्स है, जो प्राकृतिक खतरों के बारे में जागरुकता एवं समझ प्रदान करता है। यह विभिन्न खतरों (भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, बाढ़ आदि) को देखते हुए अति संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों की पहचान में मदद करता है और मौजूदा आवासीय भंडार को नुकसान के जोखिम के जिलेवार स्तर को स्पष्ट रूप से बताता है। यह ई-कोर्स वास्तुकला, सिविल इंजीनियरिंग, शहरी एवं क्षेत्रीय योजना, आवास एवं बुनियादी ढांचा योजना, निर्माण इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन और भवन एवं सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में आपदा शमन एवं प्रबंधन के लिये एक प्रभावी एवं कुशल साधन होगा।