इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (29 August)

  • 29 Aug 2019
  • 7 min read
  • 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंडोर स्टेडियम में फिट इंडिया अभियान लॉन्च किया। इसका उद्देश्य देश में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। ‘फिट इंडिया अभियान’ को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार के कई मंत्रालय आपसी तालमेल से काम करेंगे। इनमें खेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय शामिल हैं। ये मंत्रालय अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। यह अभियान करीब चार साल तक चलेगा। इसके तहत हर साल फिटनेस को लेकर अलग-अलग विषयों पर अभियान चलाया जाएगा। पहले साल शारीरिक फिटनेस, दूसरे साल खाने की आदतें, तीसरे साल पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली और चौथे साल रोगों से दूर रहने के तरीकों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। यह अभियान गाँव और पंचायत स्तर से शुरू होकर खंड, जिला और राज्यों के स्तर पर चलेगा। इसके लिये विभिन्न स्तरों पर स्वयंसेवकों की टीमें गठित की जाएंगी, जो लोगों को इस अभियान से जोड़ने में मदद करेंगी। गौरतलब है कि ‘फिट इंडिया अभियान’ पर सरकार को सलाह देने के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ, राष्ट्रीय खेल संघ, सरकारी अधिकारियों, निजी निकायों और प्रसिद्ध फिटनेस हस्तियों को शामिल किया गया था।
  • 29 अगस्त के दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजेलस) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलंपिक खेलों में भारत भारत का प्रतिनिधित्व किया और तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया। उन्हें 1956 में पद्मभूषण से समानित किया गया था। ज्ञातव्य है कि ध्यानचंद की जयंती के दिन ही खेल जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा खेलों में विशेष योगदान देने के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इसके तहत भारतीय खिलाड़ियों को राजीव गांधी खेल रत्न, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के अलावा अर्जुन पुरस्कार से नवाज़ा जाता है।
  • देश के प्रतिष्ठित डूरंड कप फुटबॉल के फाइनल में पहली बार खेल रहे गोकुलम केरल ने मोहन बागान को 2-1 से पराजित कर दिया। कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में खेले गए डूरंड कप के 129वें संस्करण के फाइनल मैच में गोकुलम के लिये दोनों गोल त्रिनिदाद के फॉरवर्ड मार्कस जोसफ ने किये। केरल की किसी टीम ने 22 साल बाद एशिया की सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता के खिताब को अपने नाम किया है। इससे पहले एफसी कोच्चि ने यह खिताब जीता था, जबकि मोहन बागान अब तक 16 बार यह खिताब जीत चुका है। कोलकाता के ही एक अन्य क्लब ईस्ट बंगाल को भी इस कप को 16 बार जीतने का गौरव हासिल है। आपको बता दें कि डूरंड कप एशिया और भारत में फुटबॉल का सबसे पुराना टूर्नामेंट है। वर्ष 1888 में शिमला में भारत में पहली फुटबॉल प्रतियोगिता डूरंड कप आयोजित हुई थी। आज भी यह इस खेल की दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी प्रतियोगिता है। इसका नाम इसके संस्थापक सर मोर्टीमर डूरंड के नाम पर रखा गया है, जो वर्ष 1884 से वर्ष 1894 के बीच विदेश सचिव थे।
  • पी.वी. सिंधु की विश्व खिताबी सफलता के साथ-साथ मानसी जोशी ने भी भारतीय पैरा बैडमिंटन में अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया। मानसी जोशी ने स्विट्ज़रलैंड के बासेल में विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप के महिला एकल एसएल-3 फाइनल में अपने ही देश की पारुल परमार को 21-12, 21-7 से हराकर खिताब जीता। ज्ञातव्य है कि मानसी ने वर्ष 2011 में एक दुर्घटना में अपना बायां पैर गंवा दिया था। उसके आठ साल बाद फाइनल में उन्होंने तीन बार की विश्व चैंपियन पारुल परमार को को पराजित किया। मानसी पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करती हैं।
  • 4 अगस्त को भारत के मिशन चंद्रयान-2 ने पहली बार अपने एलआई4 कैमरे द्वारा ली गई पृथ्वी की तस्वीरें भेजी थीं। 21 अगस्त को चंद्रमा की दूसरी कक्षा में प्रवेश करने के बाद 23 अगस्त को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह से 4375 किलोमीटर की ऊँचाई से तस्वीरें ली हैं। इन तस्वीरों में कई क्रेटर्स को भी चिह्नित किया गया है, जिनमें प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्र के नाम पर 'मित्र' क्रेटर भी शामिल है। पद्म भूषण से सम्मानित प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्र भारत के प्रख्यात भौतिकशास्त्री थे। इसके अलावा तस्वीरों में जैक्सन, माच और कोरोलेव क्रेटर्स को भी देखा जा सकता है। इसके पहले चंद्रयान-2 ने 21 अगस्त को तस्वीरें ली थीं, जिनमें मरे ओरिएंटल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को चिह्नित किया गया था। गौरतलब है कि चंद्रयान के साथ भेजा गया लैंडर ‘विक्रम’ 6 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर पहुँचेगा और उसके बाद रोवर 'प्रज्ञान' अपने प्रयोग शुरू करेगा। लैंडिंग के बाद 6 पहियों वाला रोवर प्रज्ञान लैंडर से अलग हो जाएगा। इसके बाद 14 दिन तक रोवर 'प्रज्ञान' चंद्रमा की सतह पर 500 मीटर तक चलेगा। यह चंद्रमा की सतह की तस्वीरें और विश्लेषण योग्य आँकड़े इकट्ठा करेगा और इसे विक्रम या ऑर्बिटर के ज़रिये हर 15 मिनट में पृथ्वी को भेजेगा।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2