महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में 2018-19 के लिये विभिन्न श्रेणियों में पोषण अभियान पुरस्कार प्रदान किये। यह पुरस्कार राज्यों, जिला, ब्लॉक स्तर पर तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदान किये गए। इनका चयन पोषण अभियान को बढ़ावा देकर देश के सभी परिवारों को लाभान्वित करने को सुनिश्चित बनाने में योगदान देने के लिये किया गया। पोषण अभियान कई मंत्रालयों के समन्वित प्रयास से चलाया जाता है और इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक देश से कुपोषण दूर करना है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत 363 पुरस्कार और 22 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई। इन पुरस्कारों का उद्देश्य सभी पक्षों की सहायता से कुपोषण की चुनौतियों से निपटना है। इसके अलावा 1 सितंबर से एक पोषण अभियान शुरू किया जा रहा है जो एक महीने चलेगा और इसमें सरकार ने 44 करोड़ लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष इस कार्यक्रम में 22 करोड़ लोग शामिल हुए थे। समारोह में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये सभी जिला कलेक्टरों की भागीदारी ज़रूरी है क्योंकि पोषण और पोषण आधारित नीतियों को प्रोत्साहन देने और उन्हें समझने के लिये जिला प्रशासन में क्षमता होनी बहुत ज़रूरी है।
हाल ही में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली आयोजित होमलैंड सिक्योरिटी 2019 सम्मेलन में स्मार्ट पुलिसिंग पुरस्कार प्रदान किये। इसके तहत उग्रवाद रोधी, बाल सुरक्षा, सामुदायिक पुलिसिंग, अपराध जाँच और अभियोजन, साइबर अपराध प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया, मानव तस्करी, सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन, स्मार्ट पुलिस स्टेशन, निगरानी और निगरानी, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण, महिला सुरक्षा और अन्य पुलिस पहल के क्षेत्रों में काम करने के लिये अधिकारियों को 35 स्मार्ट पॉलिसिंग पुरस्कार दिये गए। इस अवसर पर पुलिसिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं पर एक सार- संग्रह भी जारी किया गया। विदित हो कि हालिया दो दशकों स्मार्ट पुलिसिंग निर्माण की प्रकृति और चुनौतियाँ बदल गई हैं। कुछ साल पहले तक कुछ बदलावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। केंद्र सरकार विशेष रूप से, महिलाओं और मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित कानूनों के संबंध में स्मार्ट पुलिसिंग के निर्माण को अधिक प्रभावी बनाने के लिये प्रतिबद्ध है।
24 अगस्त से 1 सितम्बर तक ‘हुनर हाट’ का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है। इसमें दक्ष दस्तकारों और शिल्पकारों द्वारा हाथ से तैयार उत्पादों को देखने का अवसर मिलेगा। दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद केंद्र सरकार का यह पहला हुनर हाट है। इससे पहले पिछले तीन वर्षों में एक दर्जन से अधिक ‘हुनर हाट’ के ज़रिये लाखों दस्तकारों और शिल्पकारों को रोज़गार के अवसर प्रदान किये जा चुके हैं। इस ‘हुनर हाट’ में देशभर के हुनर के उस्तादों, महिला कारीगरों सहित 200 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं। ‘हुनर हाट’ दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोzगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में एक मजबूत अभियान साबित हुआ है। पिछले लगभग 3 वर्षों में ‘हुनर हाट’ के माध्यम से 2 लाख 40 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार और रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। जयपुर में आयोजित हो रहे ‘हुनर हाट’ में कारीगर अपने साथ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद लाए हैं। इनमें जैसे असम के बेंत एवं बाँस; झारखंड से सिल्क की अलग-अलग वैराइटी; भागलपुर का सिल्क एवं लिनेन; लाख एवं परंपरागत आभूषण; पश्चिम बंगाल का कांथा; वाराणसी सिल्क; लखनवी चिकनकारी; उत्तर प्रदेश के सेरेमिक टेराकोट्टा, काँच के सामान, लेदर, संगमरमर के उत्पाद; पूर्वोत्तर क्षेत्र के परंपरागत हस्तशिल्प; गुजरात का अजरख, बंधेज, मड वर्क, तांबे की घंटियाँ; आंध्र प्रदेश की कलमकारी और मंगलगिरी; पटियाला की मशहूर फुलकारी और जुत्ती, कालीन एवं दरियाँ; मध्य प्रदेश का बाटिक, बाघ प्रिंट, चंदेरी; ओडिशा का चाँदी का काम तथा राजस्थान का हस्तशिल्प और हथकरघा इत्यादि शामिल हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा इससे पहले ‘हुनर हाट’ इलाहाबाद, दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, बाबा खड़क सिंह मार्ग; पुद्दुचेरी के थीडल बीच और मुंबई में आयोजित किये गए हैं। आने वाले दिनों में ‘हुनर हाट’ का आयोजन देश के अन्य विभिन्न राज्यों में किया जाएगा।
उत्तराखंड और देश की पहली महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य का मुंबई में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1973 बैच की महिला IPS अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने वर्ष 2004 में उस वक्त यह उपलब्धि हासिल की थी जब वह उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक बनीं। 31 अक्टूबर 2007 को वे पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं। किरण बेदी के बाद कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की दूसरी महिला IPS अधिकारी थीं। उन्हें मेक्सिको में वर्ष 2004 में आयोजित इंटरपोल की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये चुना गया था। वर्ष 1997 में प्रतिष्ठित सेवाओं के लिये उन्हें ‘राष्ट्रपति पदक’ तथा वर्ष 2004 में राजीव गांधी विशेष सेवा मेडल मिला था। इनके जीवन से प्रेरणा लेकर दूरदर्शन पर एक सीरियल ‘उड़ान’ भी प्रसारित हो चुका है।