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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (24 August)

  • 24 Aug 2019
  • 8 min read
  • आतंकी वित्त पोषण और धन शोधन मामलों पर नजर रखने वाले FATF के एशिया-प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को वैश्विक मानकों पर खरा उतरने में विफल रहने के चलते उसे विस्तृत काली सूची में डाल दिया है। ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में FATF के एशिया-प्रशांत समूह की दो दिनों तक हुई बैठक में यह फैसला किया गया। समूह ने यह पाया कि पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया। आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराना और धन शोधन के 11 प्रभावी मानकों में से पाकिस्तान 10 में खरा नहीं उतर पाया। पाकिस्तान 41 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह को यह नहीं समझा पाया कि किसी भी पैरामीटर पर उसे कैसे अपग्रेड किया जा सके। विदित हो कि जून 2018 से ही पाकिस्तान FATF की 'ग्रे लिस्‍ट' में मौजूद है। FATF का पूरा नाम Financial Action Task Force है। यह एक अंतर-सरकारी संस्था है जो मनी लान्डरिंग को रोकने से संबंधित नीतियाँ बनाने के लिये वर्ष 1989 में स्थापित की गई थी। वर्ष 2001 में इसका कार्यक्षेत्र विस्तारित किया गया और आतंकवाद का वित्त पोषण कराने के विरुद्ध नीतियाँ बनाना भी इसके कार्यक्षेत्र में सम्मिलित कर लिया गया। इसका सचिवालय स्थित OECD के मुख्यालय में है।
  • केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस वर्ष 1 दिसंबर से सभी चौपहिया वाहनों के लिये फास्टैग (FASTag) लगाना अनिवार्य करने का एलान किया है, क्योंकि सभी टोल प्लाज़ा की सभी लेन्स में फास्टैग से टोल लेने की व्यवस्था की जाएगी। अर्थात् जिन वाहनों में फास्टैग लगा होगा, वह किसी भी लेन से बिना रुके टोल गेट पार कर सकेंगे। फिलहाल देश में सभी टोल प्लाज़ा पर फास्टैग से टोल लेने की व्यवस्था हो गई है, लेकिन सभी लेन में ऐसा नहीं हो पाया है। सभी लेन फास्टैग होने से वाहन वहां बिना रुके टोल चुका कर आगे बढ़ जाएंगे। यह न सिर्फ सरकार डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाएगा बल्कि नकदी के व्यवहार में भी कमी लाएगा। ज्ञातव्य है कि फास्टैग एक रिचार्जेबल कार्ड है जिसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। कार की विंडस्क्रीन पर लगने वाले इस कार्ड का इस्तेमाल टोल टैक्स भरने में होगा। वाहन के मालिक को यह FASTag प्रीपेड अकाउंट से लिंक कराना होगा और फास्टैग लगी कार जब टोल प्लाज़ा पर पहुँचेगी तो एक डिवाइस से संपर्क में आने के बाद टोल टैक्स अपने आप कट जाएगा और चालक बिना रुके टोल प्लाज़ा पार कर लेगा।
  • पर्यावरण को प्‍लास्टिक के खतरे से बचाने के लिये चलाए जा रहे अभियान में पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अमूल और मदर डेयरी से अनुरोध किया है कि वे दूध की थैलियों का पुनर्चक्रण करने से संबंधित कार्ययोजना बनाकर पशुपालन एवं डेयरी विभाग के साथ साझा करे, ताकि उसका कार्यान्वयन करने के लिये उसे अन्य दुग्ध संघों तक पहुंचाया जा सके। गुजरात दुग्ध संघ (अमूल), कर्नाटक दुग्ध संघ (नंदिनी), पंजाब दुग्ध संघ (वेर्का), महाराष्ट्र दुग्ध संघ (महानंद) जैसे प्रमुख डेयरी संघों से अनुरोध किया है कि वे 3R- रिड्यूस, रिबेट और रियूज की कार्यनीति के तहत अभियान के रूप में दूध की प्लास्टिक की थैलियों के पुनः उपयोग को बढ़ावा दें। रिड्यूस यानी आधा लीटर दूध की थैली की तुलना में एक लीटर दूध की थैली का दाम घटाते हुए प्लास्टिक की थैलियों की खपत में कमी लाना, रिबेट यानी प्लास्टिक वापस लाने वाले उपभोक्ताओं को छूट देना, रियूज यानी सड़क निर्माण, पुनर्चक्रण करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिये थैलियों का पुनः उपयोग करना।
  • दयालुता पर पहले विश्व युवा सम्मेलन का आयोजन हाल ही में नई दिल्ली में हुआ। 23 अगस्त को आयोजित हुए इस सम्मेलन का उद्घाटन रास्त्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। यूनेस्को, महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से इस सम्मेलन का आयोजक किया। इस सम्मेलन में 27 देशों के युवा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का उद्देश्य युवाओं में सहानुभूति, सद्भावना और जागरूकता की भावना जागृत करना था ताकि वे अपने आपमें परिवर्तन लाकर अपने समुदायों में स्थायी शांति का माहौल बना सकें। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी एक महान और दूरदर्शी जननायक थे। उन्होंने कुछ सार्वभौमिक आदर्शों और मूल्यों का मानवीकरण किया। गांधीजी सभी युगों के लिए प्रासंगिक है और यह बात वर्तमान समय में भी सत्य है। गांधीजी वर्तमान वैश्विक चिंताओं, जैसे- शांति और सद्भावना की आवश्यकता, आतंकवाद तथा जलवायु परिवर्तन आदि के संदर्भ में भी प्रासंगिक हैं।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 23 अगस्त को नई दिल्ली में सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला और अनुभव पुरस्कार, 2019 प्रदान किये। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के आह्वान पर अनुभव पोर्टल तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त अधिकारियों के समृद्ध अनुभवों को डिजिटल रूप में संरक्षित करना है। वर्ष 2016 में पुरस्कार योजना शुरू की गई, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। वर्ष 2016 से ही हर वर्ष वार्षिक समारोहों का आयोजन भी होने लगा। यह इस श्रृंखला का चौथा वार्षिक पुरस्कार है।
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