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Rapid Fire करेंट अफेयर्स 17 अगस्त

  • 17 Aug 2019
  • 9 min read
  • 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जल जीवन मिशन शुरू करने का ऐलान किया। इस मिशन के तहत हर घर में पाइप के जरिये पानी पहुँचाने का लक्ष्य है और सरकार इस पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। जल-जीवन मिशन के लिये केंद्र और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम करेंगे. देश में अभी करीब 50 प्रतिशत परिवारों को पाइप के जरिये पानी नहीं मिल पा रहा है। उल्लेखनीय सरकार ने वर्ष 2024 तक हर घर में नल के जरिये पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसका ज़िक्र जुलाई में पेश बजट में भी किया गया था। सभी तक नल से जल पहुँचाने और जल स्रोतों के संरक्षण के लिये जल शक्ति नाम से एक नया मंत्रालय बनाया गया है।
  • 16 राज्यों की सरकारों ने वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिये योजना- समर्थ (SCBTS) को आगे ले जाने के लिये वस्त्र मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय के साथ साझेदारी करने के लिये 18 राज्यों ने सहमति दी थी। शुरुआत में, मंत्रालय ने इस योजना को कार्यान्वित करने के लिये राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियों को 3.5 लाख से ज़्यादा लक्ष्य आवटित किये हैं। प्रशिक्षण के बाद इन लाभार्थियों को वस्त्र से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। यह कार्यक्रम कताई और बुनाई के अलावा वस्त्र क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को कवर करता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उन्नत प्रौद्योगिकी में आधार पर आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, समर्पित कॉल सेंटर, मोबाइल एप पर आधारित सूचना प्रणाली और ऑनलाइन निगरानी जैसी विशेषताएँ शामिल हैं। वस्त्र क्षेत्र में लगे श्रमिकों में से 75% और मुद्रा ऋण के लाभार्थियों में से 70% महिलाएँ हैं। वस्त्र क्षेत्र में भारत का वैश्विक बाजार में हिस्सा बहुत कम है और इसमें रोज़गार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कपड़ा उद्योग में 16 लाख प्रशिक्षित कुशल कामगारों की कमी है, इसीलिये समर्थ योजना में कामगारों के कौशल विकास के लिये उच्च मानक स्थापित किये गए हैं ताकि उद्योग द्वारा उन्हें आसानी से रोज़गार प्रदान किया जा सके। विदित हो कि संस्थागत क्षमता तथा उद्योग और राज्य सरकारों के साथ कायम किये गए सहयोग का लाभ उठाने की दृष्टि से आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक एक नई कौशल विकास योजना ‘समर्थ’- वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिये योजना को स्वीकृति दी थी। वस्त्र उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये यह रोजगारोन्मुख कार्यक्रम है। इस योजना का लक्ष्य 1300 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय के साथ कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला में वर्ष 2020 तक 10 लाख युवाओं का कौशल विकास करना है।
  • उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने हाल ही में 4 नये भौगोलिक संकेतकों (GI) को पंजीकृत किया है। तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलानी शहर के पलानीपंचामिर्थम, मिज़ोरम के तल्लोहपुआन एवं मिजोपुआनचेई और केरल के तिरुर के पान के पत्ते को पंजीकृत GI की सूची में शामिल किया गया है। डिंडीगुल जिले के पलानी शहर की पलानी पहाड़ियों में अवस्थित अरुल्मिगु धान्दयुथापनी स्वामी मंदिर के पीठासीन देवता भगवानधान्दयुथापनी स्वामी के अभिषेक से जुड़े प्रसाद को पलानीपंचामिर्थम कहते हैं। इस प्रसाद को एक निश्चित अनुपात में पांच प्राकृतिक पदार्थों- केले, गुड़-चीनी, गाय के घी, शहद और इलायची को मिलाकर बनाया जाता है। पहली बार तमिलनाडु के किसी मंदिर के प्रसादम को GI टैग दिया गया है। तवलोहपुआन मिजोरम का एक भारी, अत्यंत मजबूत एवं उत्कृष्ट वस्त्र है जो तने हुए धागे, बुनाई और जटिल डिज़ाइन के लिये जाना जाता है। इसे हाथ से बुना जाता है। मिज़ो भाषा में तवलोह का मतलब एक ऐसी मज़बूत चीज़ होती है जिसे पीछे नहीं खींचा जा सकता है। मिज़ो समाज में तवलोहपुआन का विशेष महत्त्व है और इसे पूरे मिजोरम राज्य में तैयार किया जाता है। आइज़ोल और थेनज़ोल शहर इसके उत्पादन के मुख्य केंद्र हैं। मिज़ोपुआनचेई मिज़ोरम का एक रंगीन मिज़ो शॉल/वस्त्र है जिसे मिज़ो वस्त्रों में सबसे रंगीन माना जाता है। मिज़ोरम की प्रत्येक महिला का यह एक अनिवार्य वस्त्र है और यह इस राज्य में विवाह के अवसर पर पहने जाने वाली महत्त्वपूर्ण पोशाक है। मिज़ोरम में मनाए जाने वाले उत्सवों के दौरान होने वाले नृत्यों और औपचारिक समारोहों में प्रायः इस पोशाक का ही उपयोग किया जाता है। केरल के तिरुर के पान के पत्ते की खेती मुख्यत: तिरुर, तनूर, तिरुरांगडी, कुट्टिपुरम, मलप्पुरम और मलप्पुरम जिले के वेंगारा प्रखंड की पंचायतों में की जाती है। इसके सेवन से अच्छे स्वाद का एहसास होता है और इसके साथ ही इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। आमतौर पर इसका उपयोग पान मसाला बनाने में किया जाता है और इसके कई औषधीय, सांस्कृतिक एवं औद्योगिक उपयोग भी हैं।
  • गौरतलब है कि GI टैग उन उत्पादों को दिया है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में ही पाए जाते हैं और उनमें वहाँ की स्थानीय विशेषताएँ अंतर्निहित होती हैं। GI टैग लगे किसी उत्पाद को खरीदते समय ग्राहक उसकी विशिष्टता एवं गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त रहते हैं। GI टैग वाले उत्पादों से दूरदराज़ के क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ होता है, क्योंकि इससे कारीगरों, किसानों, शिल्पकारों और बुनकरों की आमदनी बढ़ती है।
  • सभी फॉरमेट्स में टीम इंडिया के क्रिकेट कप्तान विराट कोहली एक दशक यानी 10 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 20 हज़ार रन बनाने वाले विश्व के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। वेस्ट इंडीज के खिलाफ हालिया वन-डे सीरीज़ में अपने वन-डे करियर का 43वाँ शतक लगाकर उन्होंने यह कारनामा अंजाम दिया जो क्रिकेट इतिहास में आज तक कोई बल्लेबाज़ नहीं कर सका था।

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  • विराट कोहली ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 20,502 रन बनाए हैं, जिनमें से 20,018 रन उन्होंने वर्तमान दशक में बनाए हैं। उन्होंने टेस्ट और टी-20 इंटरनैशनल में वर्ष 2010 में शुरुआत की थी, जबकि वन-डे में वर्ष 2008 में ही उन्होंने खेलना शुरू कर दिया था।
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