भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और साबिर कुमार देबबर्मा के नेतृत्व में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT-SD) के बीच हाल ही में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इस समझौते के तहत NLFT-SD हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारत के संविधान का पालन करने के लिये सहमत हो गया है। इस संगठन ने अपने 88 सदस्यों के हथियार सहित आत्मसमर्पण करने पर भी सहमति जताई है। आत्मसमर्पण करने वाले सदस्यों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना, 2018 के अनुसार आत्मसमर्पण लाभ दिया जाएगा। साथ ही त्रिपुरा सरकार आत्मसमर्पण करने वाले सदस्यों को आवास, भर्ती और शिक्षा जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इसके लिये भारत सरकार त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के संबंध में त्रिपुरा सरकार के प्रस्तावों पर गौर करेगी। ज्ञातव्य है कि इस संगठन पर वर्ष 1997 से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार स्थित अपने शिविरों से हिंसा फैलाने जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है। NLFT ने वर्ष 2005 से 2015 की अवधि के दौरान 317 उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देते हुए हिंसक कार्रवाई की, जिसमें 28 सुरक्षा बलों और 62 नागरिकों को अपनी जान गँवानी पड़ी। लेकिन NFLT के साथ वर्ष 2015 में प्रारंभ हुई शांति वार्ता के बाद से इस संगठन ने वर्ष 2016 के बाद कोई हिंसक कार्रवाई नहीं की है।
भारत सरकार के प्रमुख थिंक टैंक नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (WTI) पुरस्कारों का चौथा संस्करण आरंभ किया है। भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेजीडेंट कोऑर्डिनेटर रेनाटा लोक-डेसालियन ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के साथ मिलकर WTI पुरस्कार 2019 के लिये नामांकन प्रक्रिया आरंभ की। यह नामांकन व्यक्ति विशेषों की तरफ से या स्वयं व्यक्ति विशेष द्वारा किये जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में शुरू हुए WTI पुरस्कार का उद्देश्य पूरे भारत की अनुकरणीय महिलाओं के कार्यों को सम्मानित करना है। WTI पुरस्कार 2019 की थीम महिला एवं उद्यमशीलता रखी गई है जो पिछले संस्करण की थीम की निरंतरता में है। WTI के तहत ऐसी महिला उद्यमियों को सम्मानित किया जाता है जो व्यवसायों और उद्यमों के माध्यम से रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ती रही हैं और एक गतिशील नवीन भारत के निर्माण में नवोन्मेषी विकास संबंधी समाधान उपलब्ध कराती रहीं हैं। Whatsapp ने WTI पुरस्कार 2019 के लिये WEP के साथ समझौता किया है और वह विजेताओं को 100,000 डॉलर के बराबर की सहायता प्रदान करेगा। यह अभियान पिछले तीन वर्षों के दौरान WTI पुरस्कारों की सफलता पर आधारित है। इसके वर्ष 2018 के संस्करण में 2300 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे और सख्त चयन प्रक्रिया के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, स्वच्छता, कला एवं संस्कृति, सामाजिक नवोन्मेषण एवं प्रभाव जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रेरक कार्य करने वाली 15 महिला उद्यमियों को सम्मानित किया गया था। WTI पुरस्कारों के पहले दो संस्करणों में असाधारण कार्य करने वाली 12 महिलाओं को सम्मानित किया गया था, जिसमें से प्रत्येक महिला ने भारत के नगरों, शहरों एवं गाँवों में समाजों को रूपांतरित करने तथा स्वयं को एवं अपने समुदायों को अधिकार संपन्न बनाने के लिये उल्लेखनीय कार्य किया था।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने देश के 100 शहरों में इस्तेमाल हो चुके खाना पकाने के तेल से बने बॉयो-डीज़ल को खरीदने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत तीनों तेल विपणन कंपनियाँ इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल से बॉयो-डीज़ल बनाने के लिये संयंत्रों की स्थापना हेतु निजी इकाइयों से अभिरुचि पत्र आमंत्रित करेंगी। प्रारंभ में तेल विपणन कंपनियाँ इस प्रकार से बने बायो-डीज़ल को 51 रुपए प्रति लीटर की तय दर से खरीदेंगी। दूसरे साल में इसे बढ़ाकर 52.70 रुपए एवं तीसरे वर्ष में 54.50 रुपए प्रति लीटर कर दिया जाएगा। इसके अलावा खाद्य तेल के पुन: इस्तेमाल का स्टिकर एवं इस्तेमाल हो चुके खाना पकाने के तेल को एकत्र करने को लेकर एक मोबाइल एप भी शुरू किया गया है। होटल और रेस्तराँ अपने परिसरों में ऐसे स्टिकर लगाएंगे कि वे बॉयो-डीज़ल उत्पादन के लिये इस्तेमाल हो चुके खाना पकाने के तेल की आपूर्ति करते हैं। भारत में विश्व जैव ईंधन को वैकल्पिक ऊर्जा दिवस के रूप में मनाने पर विचार चल रहा है। गौरतलब है कि खाना पकाने में इस्तेमाल हो चुके तेल के बार-बार उपयोग से उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर और यकृत से जुड़ी बीमारियों का खतरा हो सकता है।
12 अगस्त को दुनियाभर में विश्व हाथी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य हाथियों की रक्षा और सम्मान करने और उनके सामने आने वाले गंभीर खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये दुनिया को एक साथ लाना है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा पर ध्यान देने और पालतू/बंधक और जंगली हाथियों की बेहतर देखभाल और प्रबंधन के लिये ज्ञान और सकारात्मक समाधान साझा करने हेतु भी यह दिन मनाया जाता है। आधिकारिक रूप से पहला विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त, 2012 को आयोजित किया गया था। हाथियों के संरक्षण के लिये वर्ष 1992 में भारत में प्रोजेक्ट एलीफैंट की शुरुआत की गई थी। हाथी भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु भी है, एशियाई हाथी की महत्ता को रेखांकित करने के लिये वर्ष 2010 में इसे यह दर्जा दिया गया था।