सरकार ने देशभर में नागरिकों की जनसंख्या का लेखा-जोखा रखने के लिये उसका आधार तैयार करने हेतु सितंबर 2020 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register-NPR) तैयार करने का निर्णय किया है। NPR बनाने का उद्देश्य देश के हर नागरिक के लिये एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है, जिसमें जनसांख्यिकी एवं बायोमीट्रिक जानकारी रहेगी। यह NPR देश में रहने वाले नागरिकों की एक सूची होगी, जिसके पूरा होने और प्रकाशित होने के बाद नेशनल रजिस्ट्रेशन आइडेंटिटी कार्ड (National Registration Identity Card –NRIC) तैयार करने के लिये इसके एक आधार बनने की उम्मीद है। यह NRIC असम के NRC का अखिल भारतीय प्रारूप होगा। NPR के लिये किसी नागरिक को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाएगा, जो उस स्थानीय इलाके में पिछले 6 महीने से रह रहा हो या जो इलाके में 6 महीने या इससे अधिक समय तक रहने का इरादा रखता हो। भारत के प्रत्येक निवासी को NPR में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह NPR स्थानीय (ग्राम/कस्बा), अनुमंडल, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा। ‘नागरिकता (नागरिकों के पंजीयन एवं राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने संबंधी) नियमावली, 2003 के नियम 3 के उपनियम (4) के अनुपालन में केंद्र सरकार ने NPR तैयार करने और उसे अद्यतन करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार ने एक देश-एक राशन कार्ड योजना पायलट आधार पर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में लॉन्च की है। इस राज्यों में यह योजना 1 अगस्त, 2019 से प्रभावी हो गई है। विदित हो कि केंद्र सरकार ने अगस्त, 2020 तक इस योजना का क्रियान्वयन पूरे देश में करने का लक्ष्य रखा है। इससे निर्धन लोगों को समय पर उनका हक़ दिलाने और राशन वितरण की प्रक्रिया में चोरी/लापरवाही रोकने में सहायता मिलेगी। इस योजना के तहत उपभोक्ता किसी अन्य राज्य की किसी भी राशन दुकान से रियायती दरों पर अनाज ले सकेंगे। एक देश-एक राशन कार्ड की इस सुविधा से रोज़गार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करने वाले निर्धन लोगों को सबसे ज़्यादा फायदा मिल सकेगा। देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल होने से फ़र्ज़ी राशन कार्ड बनाने वालों पर भी लगाम कसी जा सकेगी। आधार कार्ड की तर्ज पर प्रत्येक राशन कार्ड को एक विशिष्ट पहचान नंबर दिया जाएगा। इससे फ़र्ज़ी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा, साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी, जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत सिस्टम बनाया जाएगा। इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा तथा इससे राशन दुकानदारों द्वारा उपभोक्ताओं को अनाज की आपूर्ति आदि की जानकारी वास्तविक समय (Real Time) में दर्ज की जा सकेगी।
हाल ही में भारतीय वायुसेना ने अपना वीडियो गेम लॉन्च किया है। इस गेम का नाम Indian Air Force: A Cut Above है और इसे गूगल प्ले-स्टोर के अलावा एपल स्टोर से भी फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने इस गेम को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया। इंडियन एयरफोर्स के इस गेम का उदेश्य युवाओं को भारतीय वायु सेना के बारे में जानकारी देना और उन्हें एयरफोर्स जॉइन करने के लिये प्रोत्साहित करना है। इस गेम के प्रमुख फीचर्स में ट्रेनिंग, सिंगल प्लेयर और फ्री फ्लाइट जैसे कई मोड्स दिये गए हैं। इसके अलावा इस गेम में भारतीय वायुसेना के बारे में भी पूरी जानकारी दी गई है। इस गेम में प्लेयर्स को 10 मिशन मिलेंगे और इसे ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी खेला जा सकेगा। इसके अलावा एक टीम के रूप में भी कई लोगों के साथ यह गेम खेला जा सकता है और गेमिंग के दौरान ऑनलाइन ही लोगों से जुड़ने की भी सुविधा है। गेम के बेहतरीन अनुभव के लिये इसमें ऑग्युमेंट रियलिटी का भी सपोर्ट दिया गया है। गेम के दौरान प्लेयर्स को एयरक्राफ्ट को हैंडल करने और चलाने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी तथा इसके बाद ही प्लेयर्स को एयरक्राफ्ट चलाने का मौका मिलेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के नागरिकों के आजीविका संवर्द्धन के लिये हर ज़िले में आजीविका अंगना योजना लॉन्च करने की योजना बना रही है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में बिलासपुर ज़िले के तखतपुर ब्लॉक के गनियारी स्थित पहले आजीविका अंगना केंद्र (मल्टी-एक्टिविटी सेंटर) की शुरुआत की। इस मल्टी एक्टिविटी सेंटर में एक ही परिसर में स्वरोजगार की अनेक गतिविधियाँ संचालित होती हैं। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित 'आजीविका अंगना' में डोम के भीतर महिलाएँ गणवेश और जूट बैग की सिलाई, अगरबत्ती, एलईडी बल्ब, कांच की चूड़ियाँ तथा सेनेटरी पैड बनाने का काम करती हैं। दूसरी तरफ डोम के बाहर वे पेपर ब्लॉक, फ्लाई-ऐश ब्रिक्स, सीमेंट पोल एवं चेन-लिंक फेंसिंग बनाने का काम करती हैं, जिसे अब तक पुरुषों के वर्चस्व वाला माना जाता था। इस योजना में स्वरोज़गार शुरू करने के पहले सभी महिलाओं को उनके कार्यों का व्यापक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा श्रम विभाग की योजनाओं के तहत यहाँ स्वरोज़गार की गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इस योजना का उद्देश्य स्वयं-सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अलावा यहाँ काम करने वाली महिलाओं को परिसर में ही संचालित श्रमिक अन्न सहायता केंद्र में मात्र 5 रुपए में पर्याप्त भोजन मिल जाता है।