18 अप्रैल को विश्व के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों को धरोहरों के रूप में संरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) का आयोजन किया जाता है। ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ माउंटेंस एंड साइट्स द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में 18 अप्रैल,1982 को विश्व धरोहर दिवस मनाने का सुझाव दिया गया, जिसे कार्यकारी समिति द्वारा मान लिया गया। नवंबर,1983 में यूनेस्को के सम्मेलन के 22वें सत्र में हर साल 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। विश्व धरोहर सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्त्व के वे स्थल होते हैं, जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व होता और इन्हें बचाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने की ज़रूरत होती है। ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘यूनेस्को’ विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। कोई भी स्थल जिसे यूनेस्को समझता है कि यह मानवता के लिए जरूरी है...वहाँ का सांस्कृतिक और भौतिक महत्त्व है, उसे विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है।
भारतीय नौसेना ने 13 से 16 अप्रैल तक कैम रण खाड़ी, वियतनाम में वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास (IN-VPN BILAT-EX) के दूसरे संस्करण में हिस्सा लिया। यह अभ्यास दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में पूर्वी बेड़े के जहाजों की चल रही प्रवासी तैनाती के एक भाग के रूप में किया गया था। इस अभ्यास का पहला संस्करण वियतनाम के डा नांग में पिछले वर्ष 21 से 26 मई तक आयोजित किया गया था। गौरतलब है कि दोनों देशों ने व्हाइट शिपिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और एक ‘सूचना साझाकरण’ कार्यक्रम चलाया है।
भारत और डेनमार्क के बीच अपतटीय पवन ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर समझौता हुआ। साथ ही भारत में भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर रिन्यूअबल एनर्जी की स्थापना पर भी सहमति जताई गई। इस सहयोग समझौते का उद्देश्य अपतटीय पवन ऊर्जा पर विशेष ध्यान देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। सहयोग के क्षेत्रों में अपतटीय पवन परियोजनाओं के प्रबंधन के लिये तकनीकी क्षमता विकसित करना, विंड पवन टर्बाइन, कलपुर्जे और अनुमान लगाना व समय-सारणी बनाना आदि शामिल हैं। भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्सिलेंस नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के मूल्यांकन का काम करेगा। इसके अतिरिक्त यह केंद्र पवन, सौर, जल-विद्युत और भंडारण तकनीक को आपस में जोड़ने, नवीकरणीय ऊर्जा को उच्च स्तर के पवन ऊर्जा से एकीकृत करने, जाँच और अनुसंधान तथा कौशल विकास व क्षमता निर्माण करने पर भी विशेष ध्यान देगा।
चिकित्सा की परंपरागत पद्धतियों और होम्योपैथी के क्षेत्र में भारत और बोलिविया के बीच सहयोग के लिये समझौता हुआ है। यह समझौता चिकित्सा की परंपरागत पद्धतियों और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिये दोनों देशों के बीच सहयोग की रूपरेखा तैयार करेगा। इससे बोलिविया में चिकित्सा की परंपरागत पद्धतियों और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनका प्रचार-प्रसार होगा तथा बोलिविया में आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) के महत्त्व को बढ़ावा मिलेगा। यह समझौता चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण देने तथा सहयोगपूर्ण अनुसंधान के उद्देश्य से विशेषज्ञों के आदान-प्रदान की सुविधा को बढ़ाएगा, जिससे औषधि विकास और चिकित्सा की परंपरागत पद्धतियों में नए अविष्कार किये जा सकेंगे।
इसके अलावा भारत और बोलिविया के बीच भू-विज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी एक समझौते पर दस्तखत किये गए हैं। यह समझौता खनिज संसाधनों के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग के लिये एक संस्थागत तंत्र प्रदान करेगा। समझौता ज्ञापन संसाधनों के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान, कानून और नीति, विकास रणनीति के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करने के लिये सेमिनारों के आयोजन, दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को प्रोत्साहन और मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देगा, जिससे प्रलेखन और प्रसार आदि का कार्य करने में मदद मिलेगी।
भारत और ब्राज़ील ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अंतर्गत नवोन्मेष में सहयोग हेतु द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। इसका उद्देश्य जैव-प्रौद्योगिकी शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में ठोस रणनीतिक योजना तैयार करना है। इस समझौते के तहत सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में जैव औषधि और स्वास्थ्य (विशेषकर जैव आधारित उत्पाद), कृषि प्रजनन अभ्यास, जैव ईंधन और जैव ऊर्जा, नैनो प्रौद्योगिकी एवं जैव यंत्र विन्यास तथा जैव विविधता और वर्गीकरण विज्ञान आदि क्षेत्र शामिल हैं।
संचार क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत और कम्बोडिया के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते से संचार क्षेत्र में भारत और कम्बोडिया के बीच आपसी समझ और द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी।
भारत और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त रूप से डाक टिकट जारी करने को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षा किये हैं। इसके तहत भारत के संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक विभाग और दक्षिण कोरिया के विज्ञान तथा आईसीटी (कोरिया डाक) मंत्रालय ने ‘कोरिया की रानी – ह्यो ह्वांग-ओक’ की थीम पर एक संयुक्त डाक टिकट जारी करने पर सहमति जताई है। इस समझौते के तहत 2019 के अंत तक आपसी सहमति द्वारा तय की गई तिथि को संयुक्त डाक टिकटें जारी की जाएंगी।
लंबे समय से नकदी के संकट से जूझ रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज़ ने परिचालन अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा की है। विमानन कंपनी के अनुसार, ऋणदाता बैंकों की ओर से उसे परिचालन में बनाए रखने के लिए ज़रूरी कर्ज़ देने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। ज्ञातव्य है कि लगभग ढाई दशक से सेवाएँ दे रही जेट एयरवेज़ को उबारने के लिए बैंकों के समूह ने 400 करोड़ रुपए का आपात कर्ज़ देने से इनकार कर दिया है। इस तरह पिछले एक दशक में किंगफिशर एयरलाइन के बाद कामकाज बंद करने वाली जेट एयरवेज़ दूसरी बड़ी विमानन कंपनी बन गई है। किंगफिशर ने 2012 में कामकाज बंद कर दिया था।