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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (09 April)

  • 09 Apr 2019
  • 11 min read
  • सुप्रीम कोर्ट ने आगामी लोकसभा चुनावों में चुनाव प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं का विश्वास बनाए रखने के लिये निर्वाचन आयोग को मतगणना के दौरान एक विधानसभा क्षेत्र में VVPAT से पर्चियों की आकस्मिक जाँच के लिये अब पाँच EVM की पर्चियों का मिलान करने का आदेश दिया है। इनमें से किन्हीं भी पाँच मशीनों की पर्चियाँ जाँच के लिये चुनी जाएंगी। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू तथा 21 अन्य पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परिणाम की घोषणा से पहले एक लोकसभा सीट पर 50% EVM की VVPAT से मिलान की मांग की थी।
  • विश्व बैंक ने 2019-20 के लिये भारत की GDP विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। निवेश, खासकर निजी निवेश में मजबूती आने, मांग बेहतर होने तथा निर्यात में सुधार की वजह से यह बढ़ोतरी की गई है। विश्व बैंक ने हाल ही में दक्षिण एशिया पर जारी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में यह वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही। रिपोर्ट के अनुसार मांग के संदर्भ में घरेलू खपत इस वृद्धि का मुख्य कारक बनी हुई। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान मुद्रास्फीति की स्थिति अधिकांश समय नियंत्रण में रही। रिपोर्ट के अनुसार, चालू खाता घाटा तथा राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण में रहने की संभावना है।
  • मालदीव में हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को सफलता मिली है। इन चुनावों में मोहम्मद नशीद ने निर्वासन से लौटने के केवल पाँच महीने बाद जीत हासिल की है और राष्ट्रीय संसद (मजलिस) के शीर्ष पद पर वापसी की है। उनकी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को 87 सदस्यीय सदन में दो-तिहाई बहुमत मिला है। गौरतलब है कि मोहम्मद नशीद के विरोधी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को पाँच साल के कार्यकाल के बाद सत्ता से बेदखल होना पड़ा था और वह धन शोधन और गबन के आरोपों का सामना कर रहे हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पिछले वर्ष सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी जिसके बाद मोहम्मद नशीद स्वदेश लौटे थे। अब्दुल्ला यामीन ने अपने कार्यकाल में मोहम्मद नशीद को चुनाव लड़ने से रोक दिया था।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 6-7 अप्रैल, 1944 की रात हुई भयंकर लड़ाई में 221 अग्रिम आयुध डिपो के आयुध कार्मिकों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने हेतु मणिपुर में इम्फाल के निकट कंगला तोंगबी युद्ध स्मारक पर सेना आयुध कोर द्वारा 7 अप्रैल, 2019 को इस युद्ध की प्लेटिनम जयंती मनाई गई। आपको बता दें कि कंगला तोंगबी के इस युद्ध को द्वितीय विश्व युद्ध के भयंकर युद्धों में से एक माना जाता है। इस युद्ध में जापानी सेना ने तीन तरफ से आक्रमण करके इम्फाल और इसके आसपास के क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने की एक योजना बनाई थी। उसने भारतीय डिवीज़न के मार्ग को अवरुद्ध करते हुए मुख्य कोहिमा-मणिपुर राजमार्ग पर अपना कब्ज़ा जमा लिया और कंगला तोंगबी की ओर आगे बढ़ना शुरू कर दिया। कंगला तोंगबी में तैनात 221 अग्रिम आयुध डिपो की एक छोटी टुकड़ी ने जापानी सैनिकों को रोकने के लिये उनका कड़ा प्रतिरोध किया। कंगला तोंगबी वॉर मेमोरियल 221 अग्रिम आयुध डिपो के आयुध कर्मियों की कर्त्तव्य के प्रति अगाध श्रद्धा का प्रमाण होने के साथ-साथ उनके सर्वोच्च बलिदान का भी प्रमाण है।
  • अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा मंत्री कर्स्टजेन नीलसन ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमापार अवैध शरणार्थियों के संकट को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड के साथ उनके मतभेद थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने नीलसन से शरणार्थियों को आश्रय देने की प्रक्रिया बंद करने को कहा था। आपको बता दें कि अमेरिका की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर शरणार्थियों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है और इसी के मद्देनज़र डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल होने वाले शरणार्थियों को रोकने के लिये मेक्सिको सीमा पर दीवार खड़ी करने का अभियान चला रखा है।
  • इस वर्ष रवांडा में तुत्सी समुदाय के नरसंहार की 25वीं बरसी मनाई जा रही है। इस नरसंहार में आठ लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था, जिनमें बड़े पैमाने पर तुत्सी, उदारवादी हुतू और नरसंहार का विरोध करने वाले अन्य लोग शामिल थे। इन सभी को तीन महीने से भी कम समय में रणनीति के तहत मौत के घाट उतारा गया था। मारे गए लोगों की याद में हाल ही में रवांडा की राजधानी किगाली में ‘वाक टू रिमेम्बर’ का आयोजन किया गया। इसमें रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगमे के साथ इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने हिसा लिया।
  • अमेरिका ने ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि ईरान सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। रिवोल्यूशनरी गार्ड आतंकवाद के लिये धन मुहैया कराते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सभी बैंकों और व्यावसायिक संस्थानों से रेवोल्यूशनरी गार्ड्स से लेन-देन बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ईरान की सशस्त्र सेना का हिस्सा है। इसका गठन 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद किया गया था। देश की पारंपरिक सैन्य इकाइयाँ सीमाओं की रक्षा करती हैं, जबकि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स देश में इस्लामी गणतंत्र प्रणाली की निगरानी करता है।
  • मिस्र की राजधानी काहिरा में एक कब्रिस्तान की खुदाई में लगभग ढाई हज़ार वर्ष पुरानी तीन ममियों का पता चला है। मिस्र के पुरातत्त्व विशेषज्ञ के नेतृत्व में की गई खुदाई में निकली इन ममियों में से एक को प्राचीन काल के बड़े पुजारी का बताया गया है। पत्थर के खास तरह के ताबूत में इस ममी को रखकर लिनेन में लपेटकर संरक्षित किया गया है। इस पर मिस्र की प्राचीन काल की देवी आइसिस की छाप भी है। दो अन्य ममियों में एक महिला की है और दूसरी किसी परिवार के पिता की बताई गई है। ये सभी मिस्र के प्राचीन 26वें राजवंश के काल के हैं। गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले ही इस कब्रिस्तान का पता चला था।
  • अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल फीफा कार्यकारी समिति के सदस्य चुने गइ हैं। वह इस परिषद में चुने जाने वाले पहले भारतीय हैं। उनके पक्ष में 46 में से 38 मत पड़े। आपको बता दें कि एशियाई फुटबॉल परिसंघ की ओर से पाँच सदस्यों को फीफा परिषद के लिये चुना गया है जिसमें परिसंघ के अध्यक्ष और एक महिला सदस्य भी शामिल हैं। कुआलालंपुर में एशियाई फुटबॉल परिसंघ की 29वीं कॉन्ग्रेस के दौरान यह चुनाव हुए। इन सदस्यों का चयन 2019 से 2023 तक के चार साल के कार्यकाल के लिये हुआ है। आपको बता दें कि International Federation of Association Football को फीफा के नाम से जाना जाता है। फीफा की स्थापना 21 मई, 1904 को हुई थी और इसका मुख्यालय ज्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड में है। फिलहाल इससे 208 सदस्य देश जुड़े हुए हैं। फीफा विश्व कप की शुरुआत 1930 में हुई थी और यह टूर्नामेंट हर चार साल बाद आयोजित किया जाता है।
  • जर्मनी के वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के लिये सबसे अधिक ज़िम्मेदार कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर वायुमंडल में 3 मिलियन वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। जर्मनी में पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च में एक नए कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग करके किये गए अनुसंधान से यह बात सामने आई है। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछली बार जब कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर इतना अधिक हुआ था, तब ग्रीनलैंड ज्यादातर हरा था, समुद्र का स्तर आज की तुलना 20 मीटर तक अधिक था और अंटार्कटिका पर पेड़ उगा करते थे। गौरतलब है कि मानव गतिविधियों से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण माना जाता है।
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