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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 मार्च, 2020

  • 31 Mar 2020
  • 6 min read

‘प्रगयाम’ एप

झारखंड सरकार ने राज्य में लॉकडाउन के दौरान आवश्‍यक सेवाओं की डिलीवरी में लगे प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति को ई-पास जारी करने के लिये ‘प्रगयाम’ नाम से एक मोबाइल एप शुरू किया है। एंड्रोएड प्‍लेटफॉर्म पर चलने वाला और स्‍थानीय तौर पर डिज़ाइन किया गया यह एप गूगल प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ज़िला यातायात अधिकारी इस एप पर अपलोड किये गए दस्‍तावेजों की जाँच के बाद गाड़ियों को ऑनलाइन ई-पास जारी कर सकते हैं। यह एप 21 दिन की लॉकडाउन अवधि के दौरान रोज़मर्रा की मेडिकल, बैकिंग और अन्‍य आवश्‍यक सेवाओं तथा आवश्‍यक वस्‍तुओं की आपूर्ति के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करेगा। झारखंड सरकार के अनुसार, किसी भी तरह की अनियमितता या नकली पास दिखाने पर व्यक्ति के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिसूचना के अनुसार, एप  के माध्यम से मिलने वाले पास के अप्रूवल के लिये ज़िला स्तरीय पदधिकारियों की विभिन्न टीमें बनाई गई हैं। 

एशियाई विकास बैंक (ADB)

हाल ही में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure Fund) के माध्यम से भारत की अवसंरचना में 100 मिलियन डॉलर की राशि का निवेश करने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि ADB द्वारा यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण काफी बुरी तरह प्रभावित हुई है। एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष के माध्यम से किया जा रहा निवेश. निजी क्षेत्र की कंपनियों के दीर्घावधि वित्तपोषण के लिये लाभदायी होगा। इससे देश की अवसंरचना के विकास के साथ देश का आर्थिक विकास और गुणवत्तापूर्ण रोज़गार उपलब्ध कराने में मदद मिल सकेगी। ADB एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को की गई थी। इस बैंक की स्थापना का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति प्रदान करना था। इसका मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में स्थित है।

पी.के. मिश्रा की अध्यक्षता में उच्च-स्तरित पैनल

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि के पश्चात् सामान्य स्थिति बहाल करने के लिये एक उच्च-स्तरीय पैनल का गठन किया है। यह उच्च-स्तरीय पैनल स्वास्थ्य देखभाल और अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिये उपाय सुझाएगा। इस पैनल का गठन प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा की अध्यक्षता में गठित किया गया है। इस पैनल में अलग-अलग कार्य समूह हैं और प्रत्येक समूह में 6 सदस्य हैं। इसमें सभी 20 सचिवों और 40 अन्य अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। ‘अर्थव्यवस्था और कल्याण’ पैनल आर्थिक मामलों के सचिव के अधीन गठित किया गया है। इस पैनल को औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्रों में कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान का कार्य दिया गया है। वहीं नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल के नेतृत्व में एक और समूह का गठन किया गया है। यह समूह चिकित्सा उपकरणों, दवाओं की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने और अस्पताल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय सुझाएगी।

ऑस्‍ट्रेलिया में वेतनभोगियों के लिये 130 अरब डॉलर का पैकेज

ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरीसन ने देश में कोरोनावायरस (COVID-19) से प्रभावित 60 लाख से अधिक लोगों के वेतन के लिये 130 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की है। ऑस्‍ट्रेलिया में इस महामारी से अब तक 19 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऑस्‍ट्रेलिया सरकार इस पैकेज से लोगों को कार्य पर बनाए रखने में कारो‍बारियों की सहायता करने के लिये प्रत्‍येक कर्मचारी के आधार पर प्रत्येक सप्‍ताह एक हजार पाँच सौ ऑस्‍ट्रेलियाई डॉलर की वेतन सब्सिडी देगी। ध्यातव्य है कि हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ‘कोरोनावायरस’ (COVID-19) के विरुद्ध लड़ाई में गरीबों की मदद करने के उद्देश्‍य से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इससे पूर्व अमेरिका ने भी कोरोनावायरस (COVID-19) संचालित आर्थिक मंदी से निपटने के लिये 1 ट्रिलियन डॉलर का प्रस्ताव किया था, इसके अलावा जर्मनी ने कोरोनावायरस से प्रभावित हुई कंपनियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से 610 बिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी।

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