Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जनवरी, 2020 | 30 Jan 2020
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि
भारत में प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2020 में देश में महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। अपनी हत्या के समय गांधी जी 78 वर्ष के थे, नाथूराम गोडसे ने दिल्ली स्थित बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिये जाते हुए गांधी जी को गोली मार दी थी। 02 अक्तूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में जन्मे गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला
34वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन 1 से 16 फरवरी के बीच किया जाएगा। सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन प्रतिवर्ष सूरजकुंड मेला प्राधिकरण तथा हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र उद्योग, संस्कृति तथा विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है। इस वर्ष सूरजकुंड मेले का थीम राज्य हिमाचल प्रदेश है। सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन पहली बार वर्ष 1987 में भारत हस्तशिल्प, हथकरघा, सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि एवं विविधता को एक मंच पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था। वर्ष 2020 में सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के लिये ‘उज़्बेकिस्तान’ को भागीदार राष्ट्र के रूप में चुना गया है।
जनक राज
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के कार्यकारी निदेशक जनक राज को RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) का सदस्य नियुक्त किया गया है। विदित है कि जनक राज ने समिति के पूर्व सदस्य माइकल देवव्रत पात्रा का स्थान लिया है, जिन्हें हाल ही में केंद्रीय बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने ब्याज दर तय करने के लिये MPC का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता RBI के गवर्नर द्वारा की जाती है।
नगालैंड में युद्ध स्मारक
असम राइफल्स ने नगालैंड में असम राइफल्स के 357 शहीद सैनिकों के लिये एक संयुक्त युद्ध स्मारक का निर्माण किया है। ये सैनिक पूर्वोत्तर राज्य में उग्रवाद से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। स्मारक का निर्माण नगालैंड के मोकोकचुंग शहर में किया गया है जिसे नगालैंड का सांस्कृतिक और बौद्धिक केंद्र भी माना जाता है। ‘वीर स्मृति’ नाम का यह युद्ध स्मारक 13500 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 357 शहीदों के नाम एक ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरे गए हैं।