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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अप्रैल, 2020

  • 28 Apr 2020
  • 7 min read

पाकिस्तान का एंटी-शिप मिसाइल परीक्षण 

हाल ही में पाकिस्तान नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में एंटी शिप मिसाइलों की एक श्रृंखला का सफल परीक्षण किया है। इस संबंध में सूचना देते हुए पाकिस्तानी नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि इन मिसाइलों को समुद्र की सतह पर खड़े जहाज़ों तथा स्थिर और रोटरी-विंग हवाई जहाज़ों द्वारा दागा गया था। इस अवसर पर पाकिस्तानी नौसेना के प्रमुख ज़फर महमूद अब्बासी भी मौजूद थे। एंटी-शिप मिसाइलें वे मिसाइलें हैं जिनका प्रयोग बड़ी नावों और जहाज़ों के विरुद्ध किया जाता है। ध्यातव्य है कि हिटलर के शासनकाल के दौरान जर्मनी द्वारा सर्वप्रथम एंटी-शिप मिसाइलें विकसित की गई थीं। पाकिस्तानी नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, इस मिसाइल से पाकिस्तान की नौसेना की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी। भारत के पास भी कई महत्त्वपूर्ण एंटी-शिप मिसाइल मौजूद हैं, जिनमें ब्रह्मोस, निर्भय, धनुष और ब्रह्मोस II शामिल हैं। ब्राह्मोस (BRAHMOS) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPOM के मध्य एक संयुक्त उद्यम है, जिसका नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है। इसकी वास्तविक रेंज 290 किलोमीटर है, परंतु इसे लड़ाकू विमान से दागे जाने पर यह लगभग 400 किलोमीटर हो जाती है। इसे भविष्य में 600 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है।

मनीषा सिंह

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल की मनीषा सिंह को आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development-OECD) में अमेरिका का अगला दूत नियुक्त किया है। ध्यातव्य है कि मनीषा सिंह वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी राजनयिक हैं। वर्तमान में वे अमेरिका के विदेश विभाग में सहायक मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं, जहाँ वे आर्थिक एवं व्यापारिक मामले देखती हैं। मनीषा सिंह ने वाशिंगटन के अमेरिकन विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय विधि में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और वे इससे पहले सीनेट की विदेश संबंध समिति के उप मुख्य वकील के रूप में कार्य कर चुकी हैं। 14 दिसंबर 1960 को 20 देशों द्वारा मूल रूप से आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के बाद से 16 अन्य देश इस संगठन की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। जुलाई 2018 में लिथुआनिया की सदस्यता के साथ वर्तमान में इसके सदस्य की देशों कुल संख्या 36 है। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में है। दुनिया भर में लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण में सुधार लाने वाली नीतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना OECD का प्रमुख उद्देश्य है।

ज़रीना हाशमी

हाल ही में प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार और शिल्पकार ज़रीना हाशमी (Zarina Hashmi) का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। ज़रीना हाशमी का जन्म वर्ष 1937 में भारत की आज़ादी से पूर्व अलीगढ़ में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1958 में विज्ञान में अलीगढ़ के विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने भारत और विदेश से प्रिंटमेकिंग (Printmaking) के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त की। ज़रीना हाशमी ने 1980 के दशक के दौरान ‘न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्यूट’ (New York Feminist Art Institute) के बोर्ड मेंबर के रूप में भी कार्य किया। भारत के विभाजन की कहानी ने अन्य चित्रकारों जैसे-गणेश हलोई, कृष्ण खन्ना और जोगेन चौधरी आदि की तरह ज़रीना हाशमी की कला को भी विशिष्ट आकार देने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। 

बैंकिंग उद्योग सेवा- सार्वजनिक उपयोगिता सेवा घोषित

केंद्र सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Disputes Act) के प्रावधानों के तहत बैंकिंग उद्योग को 21 अक्तूबर तक छह माह की अवधि के लिये सार्वजनिक उपयोगिता सेवा (Public Utility Service) घोषित किया है। केंद्र सरकार द्वारा की गई इस घोषणा का अर्थ है कि अधिनियम लागू रहने की अवधि तक बैंकिंग उद्योग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा कोई हड़ताल आयोजित नहीं की जाएगी। यह निर्णय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के मद्देनज़र लिया गया है, ध्यातव्य है कि कोरोनावायरस के कारण लागू किये गए लॉकडाउन के प्रभावस्वरूप, भारत की आर्थिक गतिविधियाँ काफी अधिक प्रभावित हुई हैं। बैंकिंग उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिता सेवा घोषित करने के का प्रमुख उद्देश्य COVID-19 महामारी के फलस्वरूप आर्थिक संकट का सामना कर रहे ग्राहकों को सुरक्षा एवं बेहतर सेवा प्रदान करना है। उल्लेखनीय है कि बैंकिंग उद्योग में एक दर्जन से अधिक कर्मचारी और अधिकारी यूनियन संघ हैं, जो समय-समय पर सदस्यों के वेतन जैसे विषयों से संबंधित मुद्दों को लेकर हड़ताल के रूप में अपना विरोध दर्ज कराते हैं, किंतु इस नियम के बाद 6 महीने की अवधि के लिये ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

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