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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 अप्रैल, 2020

  • 27 Apr 2020
  • 7 min read

‘रुहदार’ वेंटिलेटर

IIT बॉम्बे, NIT श्रीनगर और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IUST) के छात्रों के एक समूह ने स्थानीय स्‍तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करते हुए कम लागत वाला वेंटिलेटर बनाया। समूह के लिये ‘रुहदार’ वेंटिलेटर के प्रोटोटाइप की लागत लगभग 10,000 रुपए रही वहीं समूह के अनुसार, जब इस वेंटिलेटर का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा, तो वेंटिलेटर की लागत इससे बहुत कम हो जाएगी। ध्यातव्य है कि वेंटिलेटर COVID-19 से संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु आवश्यक चिकित्सा अवसंरचना का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जो गंभीर रूप से बीमार लोगों को श्वास लेने में सहायता प्रदान करते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमित होने वालों में लगभग 80 प्रतिशत केवल सामान्य रूप से बीमार होते हैं, लगभग 15 प्रतिशत को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और शेष 5 प्रतिशत जिनकी स्थिति गंभीर या नाज़ुक होगी, उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। ‘रुहदार’ वेंटिलेटर के प्रोटोटाइप का मेडिकल परीक्षण किया जाना अभी शेष है। इस वेंटिलेटर को स्वीकृति मिलते ही इसका बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा और लघु उद्योग को इसके उत्पादन में शामिल किया जाएगा।

देवानंद कुंवर

बिहार, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल तथा कांग्रेस के दिग्गज नेता देवानंद कुंवर का 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ध्यातव्य है कि देवानंद कुंवर एक कुशल राजनेता, विधिवेत्ता, शिक्षाविद व प्रशासक थे। देवानंद कुंवर का जन्म वर्ष 1934 को असम में हुआ था। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत गुवाहाटी में अंग्रेज़ी के एक शिक्षक के तौर पर की थी। देवानंद कुंवर वर्ष 1955 में छात्र नेता के रूप में कॉन्ग्रेस में शामिल हुए थे। देवानंद कुंवर 29 जून, 2009 से 21 मार्च, 2013 तक बिहार के राज्यपाल रहे, जिसके पश्चात् उन्हें त्रिपुरा के राज्यपाल के पद पर नियुक्त कर दिया गया और वे 25 मार्च 2013 से 29 जून 2014 तक इस पद पर रहे। विदित है कि देवानंद कुंवर को दिसंबर 2009 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। देवानंद कुंवर वर्ष 1991 और वर्ष 2001 में असम मंत्रिमंडल के सदस्य भी रहे थे।

ओज़ोन परत का छिद्र बंद हुआ

यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट European Centre for Medium-Range Weather Forecasts-ECMWF) ने पुष्टि की है कि पृथ्वी के बाहरी वातावरण की सुरक्षा के लिये ज़िम्मेदार ओज़ोन परत पर बना सबसे बड़ा छिद्र बंद हो गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, आर्कटिक के ऊपर बना 10 लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि वाला छिद्र बंद हो गया है, ध्यातव्य है कि यह ओज़ोन परत का सबसे बड़ा छिद्र था। अनुमानानुसार, यह छिद्र उत्तरी ध्रुव पर कम तापमान के परिणामस्वरूप बना था और इसकी खोज वैज्ञानिकों द्वारा इसी वर्ष मार्च माह में की गई थी। ओज़ोन (Ozone-O3) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमंडल में बेहद कम मात्रा में पाई जाती हैं। पृथ्वी की सतह से 30-32 किमी. की ऊँचाई पर इसकी सांद्रता अधिक होती है। यह हल्के नीले रंग की तीव्र गंध वाली विषैली गैस है। ओज़ोन गैस समतापमंडल (Stratosphere) में अत्यंत पतली एवं पारदर्शी परत के रूप में पाई जाती है। हमारे वायुमंडल में ओज़ोन परत का बहुत महत्त्व है क्योंकि यह सूर्य से आने वाले अल्ट्रा-वॉयलेट रेडिएशन यानी पराबैंगनी विकिरण को सोख लेती है। पराबैंगनी विकिरण मनुष्य, जीव जंतुओं और वनस्पतियों के लिये अत्यंत हानिकारक है। ओज़ोन परत को पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहा जाता है, हालाँकि पृथ्वी पर लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण इस कवच की मज़बूती लगातार कम होती जा रही है। यदि यह परत समाप्त हो जाती है तो मानव जीवन के लिये बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है।

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस

प्रतिवर्ष 26 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस (World Intellectual Property Day) का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क तथा डिज़ाइन के महत्त्व के संबंध में जागरूकता को बढ़ावा देना है। वर्ष 2020 के लिये विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का थीम ‘इनोवेट फॉर ए ग्रीन फ्यूचर’ (Innovate for a Green Future) है। इस दिवस की स्थापना विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization-WIPO) द्वारा वर्ष 2000 में की गई थी, ध्यातव्य है कि 26 अप्रैल, 1970 को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना हेतु समझौता अर्थात् WIPO कन्वेंशन (WIPO Convention) लागू हुआ था। WIPO बौद्धिक संपदा सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये एक वैश्विक मंच है। यह संगठन 193 सदस्य देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है। इसका उद्देश्य एक संतुलित एवं प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (IP) प्रणाली के विकास हेतु नेतृत्त्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार और रचनात्मकता को सक्षम बनाता है। इसकी स्थापना वर्ष 1967 में की गई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटज़रलैंड में है।

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