Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 मई, 2020 | 26 May 2020
आभास झा
भारतीय मूल के अर्थशास्त्री आभास झा को विश्व बैंक (World Bank) में दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिये जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर कार्यविधि प्रबंधक (Practice Manager) के पद पर नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि आभास झा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारत और बांग्लादेश को चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। कार्यविधि प्रबंधक के तौर पर आभास झा के अधिकार क्षेत्र में भारत, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मालदीव आदि देश शामिल हैं। कार्यविधि प्रबंधन के तौर पर आभास झा का कार्य उक्त देशों की समस्याओं का सर्वाधिक उपयुक्त समाधान देने हेतु उच्च योग्य पेशेवरों के एक समूह की तैनाती करना और इनका नेतृत्त्व करना है। विश्व बैंक में इस महत्त्वपूर्ण पद को प्राप्त करने वाले आभास झा का संबंध मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना से है। आभास झा वर्ष 2001 में विश्व बैंक में शामिल हुए थे और वह बांग्लादेश, भूटान, भारत तथा श्रीलंका के विश्व बैंक कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के तौर पर कार्य कर चुके हैं। विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) की ऋण प्रदान करने वाली एक विशिष्ट संस्था है, इसका उद्देश्य सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को एक वृहद वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल करना तथा विकासशील देशों में गरीबी उन्मूलन के प्रयास करना है। यह नीति सुधार कार्यक्रमों एवं संबंधित परियोजनाओं के लिये ऋण प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक केवल विकासशील देशों को ऋण प्रदान करता है।
क्रिकेट से संबंध व्यापक दिशा-निर्देश
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (International Cricket Council-ICC) ने कोरोनावायरस महामारी के बीच क्रिकेट से संबंधित गतिविधियों को एक बार पुनः शुरू करने को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन दिशा-निर्देशों में सुरक्षा मानकों के पालन पर विशेष ध्यान दिया गया है। ICC द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट गतिविधियों को पुनः शुरू करने के लिये प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण शिविरों में 14-दिवसीय प्री-मैच आइसोलेशन (अलगाव) की सिफारिश की गई है। ICC के अनुसार, यह चिकित्सा अधिकारी सरकारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और प्रशिक्षण तथा प्रतिस्पर्द्धाओं के दौरान स्वास्थ्य संबंधी नियम लागू कराने हेतु ज़िम्मेदार होगा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सुझावों के अनुसार, T20s में लौटने वाले किसी भी गेंदबाज़ को अंतर्राष्ट्रीय मैच में गेंदबाज़ी करने के लिये कम-से-कम 5-6 सप्ताह की तैयारी की आवश्यकता होगी। अनिवार्य प्रशिक्षण के दौरान गेंदबाज़ों को चोट लगने पर टीम को नुकसान न हो इसके लिये ICC ने सभी देशों को ‘बड़े’ समूह के साथ यात्रा करने की सलाह दी है। साथ ही ICC ने प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्द्धाओं के दौरान स्वास्थ्य जाँच की समुचित प्रणाली विकसित करने की भी सिफारिश की है। उल्लेखनीय है कि विश्व भर में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बाद से ही क्रिकेट समेत के बाद सभी देशों में क्रिकेट गतिविधियाँ पूर्ण रूप से बंद पड़ी हैं।
बलबीर सिंह सीनियर
25 मई, 2020 को प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का जन्म 10 अक्तूबर, 1924 को पंजाब के एक गाँव में हुआ था। बलबीर सिंह सीनियर भारत के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे, जो कि तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम के सदस्य रहे थे। बलबीर सिंह सीनियर लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबॉर्न (1956) ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। बलबीर सिंह सीनियर वर्ष 1975 में भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर और चीफ कोच के पद पर भी थे और उनके कोच रहते भारतीय हॉकी टीम ने पुरुष हॉकी विश्वकप भी जीता था। बलबीर सिंह सीनियर को वर्ष 1957 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और यह पहला अवसर था, जब किसी खिलाड़ी को यह सम्मान मिला था। वर्ष 2015 में बलबीर सिंह सीनियर को मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 1948 में लंदन ओलंपिक के दौरान अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच में बलबीर सिंह सीनियर ने कुल छह गोल किये थे।
विश्व थायराइड दिवस
थायराइड के संबंध में जागरुकता फैलाने और इसके उपचार हेतु लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 25 मई को विश्व थायराइड दिवस (World Thyroid Day) मनाया जाता है। विश्व थायराइड दिवस की शुरुआत वर्ष 2008 में की गई थी। इस दिवस की स्थापना मुख्य रूप से थायराइड के नए उपचारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा तथा रोकथाम कार्यक्रमों की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिये विश्व स्तर पर अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन (American Thyroid Association) और यूरोपीय थायराइड एसोसिएशन (European Thyroid Association) के नेतृत्त्व में चल रहे अभियान के एक हिस्से के रूप में की गई थी। थायराइड ग्रंथि, गर्दन के सामने वाले हिस्से में पाई जाती है। आँकड़ों के अनुसार, प्रत्येक 10वाँ वयस्क हाइपोथायरायडिज्म (Typothyroidism) रोग से ग्रसित है, इस रोग में थायराइड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाती है।