Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 जुलाई, 2020 | 23 Jul 2020
मणिपुर जलापूर्ति परियोजना
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर के लिये एक जलापूर्ति परियोजना (Water Supply Project) की आधारशिला रखी है। गौरतलब है कि इस परियोजना के माध्यम से राज्य के लगभग 25 शहरों और 1700 गाँवों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना को न केवल वर्तमान बल्कि आगामी 20-22 वर्षों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस परियोजना से न केवल लाखों लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा, बल्कि हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिलेगा। इस संबंध जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मणिपुर जलापूर्ति परियोजना वर्ष 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्य सरकार के ठोस प्रयासों में एक अहम कदम है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी, इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप जलापूर्ति (हर घर जल) सुनिश्चित करना है। जल जीवन मिशन की प्राथमिकता देश भर के सभी भागों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आज़ाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था, और उन्हें एक विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक तथा राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता था। स्वतंत्र भारत की नींव रखने में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है, गौरतलब है कि उन्होंने आम लोगों में स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष करने की चेतना जागृत करने तथा उन्हें एकजुट करने के लिये अपनी भविष्य उन्मुखी सोच के तहत ‘होमरूल लीग’ की भी स्थापना की। बाल गंगाधर तिलक एक निर्भीक एवं स्वाभिमानी नेता थे। वे अपनी राय बेबाकी व आक्रामक तेवरों के साथ अपने समाचार पत्रों (मराठा और केसरी) में लिखते थे। 1 अगस्त, 1920 को मुंबई में बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु हुई थी, उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने बाल गंगाधर तिलक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ‘आधुनिक भारत का निर्माता’ कहा था। वहीं भारत के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के एक गाँव में हुआ था, काकोरी ट्रेन रॉबरी, असेंबली बम घटना और लाहौर में सॉन्डर्स की हत्या जैसी घटनाओं में शामिल होकर चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी भारत का चेहरा बन गए। 27 फरवरी, 1931 को मात्र 24 वर्ष की उम्र में तत्कालीन अल्फ्रेड पार्क (अब आज़ाद पार्क) में चारों ओर घिरने के पश्चात् उन्होंने स्वयं गोली मारकर खुद की हत्या कर ली थी।
ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश
अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन (Houston) में अपना वाणिज्य दूतावास (Consulate) बंद करने का आदेश दिया है, इस आदेश के बाद विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। ध्यातव्य है कि अमेरिका-चीन के संबंध लगातार लगभग सभी मोर्चों पर बिगड़ते जा रहे हैं। चीन ने अमेरिका के इस हालिया निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि यदि अमेरिका जल्द ही अपने इस निर्णय को वापस नहीं लेता है तो चीन भी कुछ कड़े कदम उठाने के लिये मजबूर होगा। ध्यातव्य है कि अमेरिका में चीन के कुल 6 वाणिज्यिक दूतावास हैं, जिसमें से एक को बंद करने का आदेश दिया गया है। अमेरिकी प्रशासन के इस निर्णय की पुष्टि करते हुए विदेश विभाग ने कहा कि यह कदम ‘अमेरिकी बौद्धिक संपदा’ और अमेरिका की गुप्त जानकारी की रक्षा के उद्देश्य से लिया गया है। विदित हो कि चीन और अमेरिका के बीच विभिन्न मुद्दों पर तनाव बना हुआ है, जिसमें व्यापार, तकनीक, कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी, हॉन्गकॉन्ग और उईगर मुस्लिमों से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पूर्व अमेरिका ने हॉन्गकॉन्ग के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था। वहीं इससे पूर्व अमेरिका और चीन दोनों ही देशों ने एक-दूसरे के अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगाए थे।
मधु बाबू पेंशन योजना
हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य में रहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के सभी सदस्यों को भी मधु बाबू पेंशन योजना में शामिल कर लिया है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार के इस हालिया निर्णय के माध्यम से राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित लगभग 5000 लोगों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी। मधु बाबू पेंशन योजना (MBPY) राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। ओडिशा सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य में निराश्रित बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों और विधवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत राज्य के लगभग 5,000 ट्रांसजेंडर अपनी उम्र के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के तहत पेंशन के रूप में 500 रुपए, 700 रुपए और 900 रुपए प्रति माह प्रतिमाह प्राप्त करने के पात्र होंगे। सार्वजनिक अधिसूचना के अनुसार, लाभार्थियों के पास अनिवार्य प्रमाणपत्र होना चाहिये, साथ यह भी अनिवार्य है कि लाभार्थी की आय प्रति वर्ष 40,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिये। इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ प्राप्त नहीं होगा, जो राज्य में आयकर का भुगतान करते हैं, अथवा जो सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं।