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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 जून, 2020

  • 20 Jun 2020
  • 8 min read

खेलो इंडिया केंद्र 

एथलीटों को ज़मीनी-स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करने में पूर्व खेल चैंपियनों की विशेषज्ञता और अनुभव का दोहन करने के लिये और खेल पारिस्थितिकी तंत्र में उनके लिये आय का एक निरंतर स्रोत सुनिश्चित करने के लिये युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने पूरे देश में ज़िला-स्तर पर 1,000 खेलो इंडिया सेंटर (Khelo India Centres-KIC) स्थापित करने का फैसला किया है। इन केंद्रों का संचालन या तो किसी एक पूर्व चैंपियन अथवा किसी कोच द्वारा किया जाएगा। यह निर्णय ज़मीनी स्तर के खेलों को मज़बूती प्रदान करते हुए यह भी सुनिश्चित करेगा कि पूर्व चैंपियन (Champions) भारत को खेल के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने में अपना योगदान दे सकें और खेलों के माध्यम से अपनी आजीविका भी अर्जित कर सकें। खेलो इंडिया केंद्रों (KIC) के देशव्यापी नेटवर्क का निर्माण करने के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India-SAI) के मौजूदा केंद्रों को KIC में परिवर्तित करने और योजना के अंतर्गत वित्तीय अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिये एक पूर्व चैंपियन की भर्ती करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। खेलो इंडिया केंद्रों (KIC) में 14 चिन्हित खेलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाज़ी, बैडमिंटन, साइकिलिंग, तलवारबाजी, हॉकी, जूडो, नौकायन, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, कुश्ती शामिल हैं। नए KIC की पहचान करने की प्रक्रिया को संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल विभागों द्वारा ज़िला कलेक्टरों के साथ समन्वय के माध्यम से पूरा किया जाएगा और मूल्यांकन के लिये उस प्रस्ताव को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के क्षेत्रीय केंद्र में भेजा जाएगा। ध्यातव्य है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 100 खेलो इंडिया केंद्र (KIC) स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

बी.पी.आर. विट्ठल

देश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री और 1950 बैच के पूर्व IAS अधिकारी बी.पी.आर. विट्ठल का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार संजय बारू के पिता बी.पी.आर. विट्ठल ने अविभाजित आंध्रप्रदेश में वर्ष 1972 से वर्ष 1982 तक सबसे लंबे समय के लिये वित्त एवं योजना सचिव के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान की थीं। इसके अतिरिक्त वे राज्य योजना मंडल (State Planning Board) के उपाध्यक्ष और दसवें वित्त आयोग के सदस्य भी थे। मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक करने के बाद बी.पी.आर. विट्ठल वर्ष 1949 में हैदराबाद सिविल सर्विस (Hyderabad Civil Service) में शामिल हो गए। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व उन्होंने गांधी जी के आह्वान पर भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। बी.पी.आर. विट्ठल ने अपने संपूर्ण जीवन में कई सारी पुस्तकें लिखीं जिसमें उनकी किताब ‘द तेलंगाना सरप्लस: ए केस स्टडी’ (The Telangana Surpluses: A Case Study)। माना जाता है कि उस किताब ने अलग तेलंगाना राज्य की मांग को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका अदा की थी। वर्ष 1960 में उन्हें उस्मानिया विश्वविद्यालय (Osmania University) के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया था। 

150 मिलियन डॉलर के मूल्य वाली पहली भारतीय कंपनी रिलायंस 

हाल ही में मुंबई स्थित भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड’ (Reliance Industries Limited-RIL) बाज़ार पूंजीकरण (Market Capitalisation) के मामले में 150 मिलियन डॉलर के मूल्य को प्राप्त करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) के बाज़ार का आकार आगामी 3 वर्षों में दोगुना हो सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) के इस विकास में सबसे बड़ा योगदान जियो (Jio) का माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने स्वयं को पूरी तरह से ऋण मुक्त कंपनी घोषित कर दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पर 31 मार्च, 2020 तक 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध ऋण था। इससे पूर्व रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) ने मात्र दो माह के भीतर वैश्विक निवेशकों और ‘राइट इश्यू’ तंत्र के माध्यम से कुल 1.69 लाख करोड़ रुपए प्राप्त किये थे। विश्व की सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों की सूची में 1.7 लाख करोड़ डॉलर के साथ सऊदी अरामको (Saudi Aramco) शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद एप्पल (Apple), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और अमेज़न (Amazon) का स्थान आता है।

विश्व शरणार्थी दिवस

विश्व भर में शरणार्थियों की स्थिति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 20 जून को ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्व भर के शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय एवं उनके प्रति सम्मान को स्वीकृति देना है। यह दिवस मुख्यतः उन लोगों के प्रति समर्पित है,  जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मज़बूर होना पड़ता है। इस दिवस का आयोजन वस्तुतः शरणार्थियों की दुर्दशा और समस्याओं का समाधान करने हेतु किया जाता है। वर्ष 2020 के लिये विश्व शरणार्थी दिवस की थीम ‘एवरी एक्शन काउंट्स’ (Every Action Counts) चुनी गई है। अफ्रीकी देशों की एकता को अभिव्यक्त करने के लिये 4 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में वर्ष 2001 को शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित वर्ष 1951 की संधि की 50वीं वर्षगाँठ के रूप में चिह्नित किया गया। ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी (AOU) अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी दिवस को अफ्रीकी शरणार्थी दिवस के साथ 20 जून को मनाने के लिये सहमत हो गया। एक शरणार्थी का अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से होता है जिसे उत्पीड़न, युद्ध या हिंसा के कारण उसके देश से भागने के लिये मज़बूर किया गया है।

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