विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 मई, 2020
- 19 May 2020
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भारत को वेंटिलेटर देगा अमेरिका
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को वेंटिलेटर प्रदान करने की घोषणा की है। इस संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस महामारी के दौर में अमेरिका प्रत्येक कदम पर भारत के साथ खड़ा है और इस अदृश्य शत्रु से लड़ने में यथासंभव मदद कर रहा है। अमेरिका इससे पूर्व भी कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से मुकाबला करने के लिये भारत को आर्थिक सहायता प्रदान कर चुका है। ध्यातव्य है कि अमेरिका न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के कई अन्य देशों को भी इस वायरस से मुकाबला करने के लिये आर्थिक मदद प्रदान कर रहा है। वेंटिलेटर COVID-19 से संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु आवश्यक चिकित्सा अवसंरचना का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जो गंभीर रूप से बीमार लोगों को श्वास लेने में सहायता प्रदान करते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमित होने वालों में लगभग 80 प्रतिशत केवल सामान्य रूप से बीमार होते हैं, वहीं लगभग 15 प्रतिशत संक्रमित लोगों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और शेष 5 प्रतिशत लोग जिनकी स्थिति गंभीर या नाज़ुक होगी, उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। विदित हो कि भारत समेत विश्व के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज़ी से वृद्धि दर्ज की जा रही है और कोरोना संक्रमण तथा मृत्यु के आँकड़े प्रति दिन नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहे हैं।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों में उच्च रक्तचाप के संदर्भ में जागरूकता पैदा करना और इसकी गंभीरता को देखते हुए लोगों को इसे नियंत्रित करने के लिये प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2020 के लिये विश्व उच्च रक्तचाप दिवस का थीम ‘अपने रक्तचाप को मापिये, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें’ (Measure Your Blood Pressure, Control It, Live Longer) है। विदित हो कि शरीर में ऑक्सीजन और ऊर्जा के प्रवाह के लिये रक्त शोधन करना ह्रदय का प्रमुख कार्य है और धमनियों के ज़रिये रक्त के प्रवाह के लिये दबाव की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। यदि रक्त प्रवाह का यह दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो यह धमनियों की दीवार पर अतिरिक्त तनाव डालता है। इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी भूमध्य क्षेत्र में प्रत्येक पाँच में से दो वयस्क उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। उच्च रक्तचाप दुनिया भर में असामयिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। उच्च रक्तचाप की गंभीरता को देखते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ (Silent Killer) भी कहा जाता है।
कोरोनावायरस से निपटने में WHO की भूमिका की समीक्षा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से निपटने में संगठन की भूमिका की स्वतंत्र समीक्षा करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने हाल ही में 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि WHO पारदर्शिता के लिये प्रतिबद्ध है और इसलिये आगामी समय में इस महामारी के प्रकोप के लिये अपनी प्रतिक्रिया की स्वतंत्र समीक्षा करेगा। WHO प्रमुख का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत समेत विश्व के 116 देशों ने यूरोपीय संघ (European Union) द्वारा निर्मित एक ऐसे प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें कोरोना वायरस महामारी की स्वतंत्र जाँच की बात की गई है। इस प्रस्ताव के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के उद्गम की जाँच की जानी चाहिये, ताकि इस वायरस के उद्गम को लेकर अन्य देशों पर दोष डालने की प्रथा को समाप्त किया जा सके। इस प्रस्ताव का उद्देश्य वायरस के लिये किसी विशिष्ट देश को ज़िम्मेदार ठहराना नहीं है, बल्कि यह जानना है कि अंततः इस वायरस का उद्गम किस प्रकार हुआ है। मौजूदा जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस (COVID-19) एक ज़ूनोटिक रोग (Zoonotic Disease) है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। WHO एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो अपने सदस्य राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के सहयोग से कार्य करता है। WHO वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्त्व प्रदान करते हुए स्वास्थ्य अनुसंधान संबंधी एजेंडा को आकार देता है तथा विभिन्न मानदंड एवं मानक निर्धारित करता है। इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को की गई थी।
‘संग्रहालयों का पुनर्जीवन और सांस्कृतिक स्थल’ वेबिनार
हाल ही में संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर ‘संग्रहालयों का पुनर्जीवन और सांस्कृतिक स्थल’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार का उद्देश्य उन संभावित नीतिगत कार्यों की पहचान करना है जो संग्रहालयों, सांस्कृतिक स्थलों और व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र के संकट के लघु तथा दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने में मदद करेंगे। इस वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों ने संस्कृति तथा रचनात्मक उद्योग को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। साथ ही इस दौरान चर्चा में महामारी के बाद पारिस्थितिकी तंत्र में संग्रहालयों और सांस्कृतिक स्थानों के संदर्भ में प्रभाव, नवाचारों और बाद के संकट की योजना जैसे विषयों को छुआ गया। सामाजिक विकास में संग्रहालयों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को लेकर जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व भर में 18 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता पैदा करना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक बनाना है।