Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 जून, 2020 | 19 Jun 2020
नेपाल के नए मानचित्र को राष्ट्रपति की मंज़ूरी
भारत के विरोध के बावजूद नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidhya Devi Bhandari) ने नेपाल के नए मानचित्र को अपनी स्वीकृति दे दी है, राष्ट्रपति की इस मंज़ूरी के साथ ही नेपाल का नया मानचित्र अब नेपाल के संविधान का हिस्सा बन गया है। इससे पूर्व नेपाल की संसद के उच्च सदन और निचले सदन ने नेपाल के विवादीय मानचित्र को अपनी मंज़ूरी दी थी। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व नेपाल द्वारा आधिकारिक रूप से नेपाल का नवीन मानचित्र जारी किया गया था, जिसमें उत्तराखंड के कालापानी (Kalapani) लिंपियाधुरा (Limpiyadhura) और लिपुलेख (Lipulekh) को नेपाल का हिस्सा बताया गया था। नेपाल के अनुसार, सुगौली संधि (वर्ष 1816) के तहत काली नदी के पूर्व में अवस्थित सभी क्षेत्र, जिनमें लिम्पियाधुरा (Limpiyadhura), कालापानी (Kalapani) और लिपुलेख (Lipulekh) शामिल हैं, नेपाल का अभिन्न अंग हैं, भारत इस क्षेत्र को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले का हिस्सा मानता है। भारत ने नेपाल के नवीन मानचित्र को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि नेपाल के नए मानचित्र में देश के क्षेत्र का अनुचित रूप से विस्तार किया गया है, जो कि ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। भारत के अनुसार, नेपाल का कृत पूर्णतः एकपक्षीय है और कूटनीतिक संवाद के माध्यम से शेष सीमा मुद्दों को हल करने के लिये द्विपक्षीय समझौते के विपरीत है।
93वें अकादमी पुरस्कार स्थगित
कोरोना वायरस (COVID-19) के मद्देनज़र वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले 93वें अकादमी पुरस्कारों अथवा ऑस्कर (Oscars) को दो माह के लिये स्थगित कर दिया गया है। नई घोषणा के अनुसार, अकादमी पुरस्कारों को 25 अप्रैल, 2021 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है, इससे पूर्व इन 93वें अकादमी पुरस्कार का आयोजन 28 फरवरी, 2021 को किया जाना था। उल्लेखनीय है कि यह चौथी बार है जब ऑस्कर स्थगित किया गया है। सर्वप्रथम वर्ष 1938 में लॉस एंजिल्स में आई बाढ़ के बाद अकादमी पुरस्कारों को स्थगित किया गया था, जिसके बाद एक बार पुनः वर्ष 1968 में मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद और वर्ष 1981 में 40वें अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) की हत्या के प्रयास के बाद ऑस्कर को स्थगित किया गया था। अकादमी पुरस्कार अथवा ऑस्कर, कैलिफोर्निया (California) स्थित एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ (Academy of Motion Picture Arts and Sciences) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार फिल्म उद्योग में तमाम उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिये प्रदान किया जाता है। अकादमी पुरस्कार पहली बार वर्ष 1929 में प्रदान किये गए थे और विजेताओं को सोने की एक प्रतिमा प्रदान की गई थी, जिसे आमतौर पर ऑस्कर कहा जाता है।
कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया है। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत भारत सरकार द्वारा की गई अनेक घोषणाओं की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह नीलामी प्रक्रिया कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) द्वारा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से की जा रहा है। कोयला खदानों के आवंटन के लिये दो चरणों वाली इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यह कदम कोयला खनन सेक्टर से संबंधित सुधारों और युवाओं के लिये लाखों रोज़गार अवसरों की शुरुआत को भी दर्शाता है। कोयला भंडार की उपलब्धता के मामले में विश्व में पाँचवे स्थान पर होने के बावजूद भी भारत को कोयले का आयात करना पड़ता है। वर्तमान में भारत में प्रतिवर्ष स्थानीय कोयला उत्पादन लगभग 700-800 मिलियन टन है, जबकि प्रतिवर्ष औसतन लगभग 150-200 मिलियन टन कोयले का आयात किया जाता है। वर्ष 1973 में भारत में कोयले के राष्ट्रीकरण के बाद वर्ष 1975 में कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited- CIL) की स्थापना की गई थी। वर्तमान में देश के कुल कोयला उत्पादन में CIL की भागीदारी लगभग 82 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि
हाल ही में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India-SIDBI) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के लिये सिडबी (SIDBI) को एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल करना है। समझौते की शर्तों के अनुसार, सिडबी (SIDBI) पीएम स्वनिधि योजना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में लागू करेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) की शुरुआत छोटे दुकानदारों और फेरीवालों (Street Venders) को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करने हेतु की गई थी। इस योजना के तहत छोटे दुकानदार 10,000 रुपए तक के ऋण के लिये आवेदन कर सकते हैं। ऋण प्राप्त करने के लिये आवेदकों को किसी प्रकार की ज़मानत या कोलैट्रल (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी। इस योजना के तहत प्राप्त हुई पूंजी को चुकाने के लिये एक वर्ष का समय दिया जाएगा, विक्रेता इस अवधि के दौरान मासिक किश्तों के माध्यम से ऋण का भुगतान कर सकेंगे।