विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जून, 2020
- 17 Jun 2020
- 8 min read
शहीद जवानों की वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने तीनों रक्षा सेनाओं और अर्द्ध-सैनिक बलों के शहीदों के परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता में दोगुनी वृद्धि की है, नए नियमों के अनुसार यदि उत्तर प्रदेश से कोई भी सैनिक शहीद होता है तो राज्य सरकार उसके परिजनों को 50 लाख रुपए प्रदान करेगी, जो कि पहले 25 लाख रुपए था। नियमों के अनुसार, यदि शहीद विवाहित है और उसके माता-पिता में से एक या दोनों जीवित हैं, तो शहीद की पत्नी एवं बच्चों को 35 लाख रुपए तथा माता-पिता अथवा उनमें से जो भी जीवित है को 15 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी। वहीं यदि माता-पिता जीवित नहीं हैं, तो संपूर्ण राशि पत्नी को दी जाएगी, जबकि यदि शहीद अविवाहित है, तो 50 लाख रुपए की संपूर्ण राशि माता-पिता को प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, भले ही यह निर्णय सैनिकों के त्याग के समान नहीं है, किंतु इससे अर्द्ध सैन्यबलों एवं सेना के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के मनोबल पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। एक अन्य निर्णय में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मिर्ज़ापुर में एक केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने हेतु केंद्र सरकार को भूमि हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। केंद्रीय विद्यालय स्थापित होने से अर्द्ध सैन्यबलों एवं सेना के अधिकारियों तथा कर्मचारियों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इस प्रस्ताव के तहत कुल 6.50 एकड़ भूमि हस्तांतरित की जाएगी।
मैट पूरे
हाल ही में न्यूज़ीलैंड के प्रसिद्ध बल्लेबाज मैट पूरे (Matt Poore) का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। ध्यातव्य है कि मैट पूरे उस दौर में न्यूज़ीलैंड की टीम का हिस्सा थे, जब टीम ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था। मैट पूरे का जन्म 1 जून, 1930 को हुआ था। मैट पूरे ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच 13 मार्च, 1953 को दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेला था, वहीं उन्होंने अपना अंतिम 06 जनवरी, 1956 को भारत के विरुद्ध खेला था। मैट पूरे न्यूज़ीलैंड के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले 63वें खिलाड़ी थे। उल्लेखनीय है कि मैट पूरे ने अपने 23 वर्षीय लंबे कैरियर में मात्र 14 मैच ही खेले, चूँकि उस समय केवल टेस्ट ही खेला जाता था, इसीलिये खिलाड़ियों को खेलने के लिये काफी कम समय मिलता था। मैट पूरे ने अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कैरियर में कुल 355 रन बनाए थे, वहीं इस दौरान उन्होंने एक गेंदबाज़ के तौर पर कुल 9 विकेट लिये थे। इसके अतिरिक्त मैट पूरे ने वर्ष 1950 से वर्ष 1956 तक कैंटरबरी (Canterbury) के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेला था।
खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ‘खेलो इंडिया कार्यक्रम’ (Khelo India Programme) के तहत ‘खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस’ (Khelo India State Centres of Excellence) की स्थापना करेगा। इस पहल के तहत संपूर्ण देश में एक मज़बूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने के प्रयास के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में इस प्रकार का एक सेंटर चिन्हित किया जाएगा। पहले चरण में, मंत्रालय ने आठ राज्यों यथा- कर्नाटक, ओडिशा, केरल और तेलंगाना तथा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम और नागालैंड में सरकारी स्वामित्त्व वाले ऐसे खेल सुविधा केंद्रों की पहचान की है जिन्हें ‘खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस पहल का प्रमुख उद्देश्य राज्यों में खेल सुविधाओं को मज़बूत करना है। उल्लेखनीय है कि इन खेल सुविधा केंद्रों की पहचान एक सरकारी समिति द्वारा गहन विश्लेषण के बाद की गई है। इस प्रकार के केंद्रों में खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा सकेगा जिससे वे सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्द्धाओं विशेष रूप से ओलंपिक खेलों में देश के लिये पदक जीत सकें। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इन केंद्रों संचालन करेंगे और इनकी क्षमता बढ़ाकर इन्हें विश्व स्तरीय खेल सुविधा केंद्रों में बदलने का कार्य करेंगे। इन केंद्रों के प्रबंधन का उत्तरदायित्त्व भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर ही होगा।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) की दक्षिणी पीठ ने केरल के वन विभाग को जंगल की आग को रोकने के लिये उठाए गए कदमों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने और राज्य में वनाग्नि पर राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने के लिये एक माह का समय दिया है। NGT की पीठ द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये उठाए गए कदमों को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु तिरुवनंतपुरम में प्रधान महा वनसंरक्षक और वन रक्षा बल के प्रमुख को निर्देश दिये हुए कुल तीन माह बीत चुके हैं, किंतु अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। ध्यातव्य है कि इस वर्ष फरवरी माह में कोट्टमबथुर (त्रिशूर) में वनाग्नि के कारण तीन वन रक्षकों की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद NGT ने यह आदेश पारित किया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) पर्यावरण संरक्षण तथा वनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी एवं शीघ्र निपटान के लिये हेतु गठित एक विशिष्ट निकाय है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी। NGT के लिये किसी भी दाखिल मामले का 6 माह के भीतर निपटान करना अनिवार्य है।