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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 मार्च, 2020

  • 16 Mar 2020
  • 5 min read

विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस संपूर्ण विश्व में उपभोक्‍ताओं के अधिकारों के संरक्षण के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने हेतु मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1983 में कंज्यूमर्स इंटरनेशनल (Consumers International) नामक संस्था द्वारा की गई थी। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को उनके अधिकारों के संदर्भ में जागरूक करना है। सर्वप्रथम उपभोक्‍ता आंदोलन की शुरुआत अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा की गई थी, जिसके परिणामस्‍वरूप 15 मार्च, 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण का विधेयक पेश किया गया। अमेरिका के पश्चात् भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1966 में मुंबई से हुई थी। वर्ष 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के पश्चात् विभिन्न राज्यों में उपभोक्ता कल्याण के लिये संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन तेज़ होता गया जिसके पश्चात् 9 दिसंबर, 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक प्रस्तुत किया गया। ध्यातव्य है कि भारत में प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया जाता है।

दक्षिण अफ्रीका में राष्‍ट्रीय आपातकाल

दक्षिण अफ्रीका में कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों की संख्‍या 61 तक पहुँचने के कारण वहाँ राष्‍ट्रीय आपात की घोषणा की गई है। राष्‍ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने राष्‍ट्रीय टेलीविज़न पर लाइव प्रसारण में यह घोषणा की। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय का सबसे बड़ा वार्षिक चैरिटी और सांस्‍कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।  कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण देश में राष्‍ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की वजह से यह फैसला लिया गया है। COVID-19 वायरस मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर में स्वास्थ्य और जीवन के लिये गंभीर चुनौती बना है। अब संपूर्ण विश्व में इसका प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है। WHO के अनुसार, COVID-19 में CO का तात्पर्य कोरोना से है, जबकि VI विषाणु को, D बीमारी को तथा संख्या 19 वर्ष 2019 (बीमारी के पता चलने का वर्ष) को चिह्नित करता है। 

रणजी ट्रॉफी

वर्ष 2020 में सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता है। सौराष्ट्र की टीम ने फाइनल मैच की पहली पारी में बंगाल के खिलाफ लीड हासिल की थी जिसके आधार पर सौराष्ट्र को विजेता घोषित किया गया। ध्यातव्य है कि सौराष्ट्र की टीम को पहले नवानगर और पश्चिमी भारत के रूप में जाना जाता था। सौराष्ट्र की टीम ने इससे पूर्व वर्ष 1936-37 और वर्ष 1943-44 में ट्रॉफी जीती थी। वर्ष 1950 में इसका नाम बदलकर सौराष्ट्र कर दिया गया और इसने घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर दिया। रणजी ट्रॉफी भारत की प्रथम श्रेणी घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता भारत के क्षेत्रीय (राज्य) क्रिकेट टीमों के बीच आयोजित की जाती है। इस प्रतियोगिता का नाम भारतीय क्रिकेटर रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया है जिन्हें रणजी के नाम से भी जाना जाता था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की निगरानी में यह प्रतियोगिता पहली बार 1934 में शुरू की गई थी।

बशीर अहमद खान

IAS अधिकारी बशीर अहमद खान को जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल जी.सी. मुर्मू का सलाहकार नियुक्त किया गया है। बशीर अहमद खान 2000 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और वर्तमान में कश्मीर के संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात हैं। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय में उप सचिव (जम्मू-कश्मीर और लदाख विभाग) आनंदी वेंकटेश्वरन द्वारा यह आदेश जारी किया गया।

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