Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 जुलाई, 2020 | 14 Jul 2020
भारत की पहली ई-लोक अदालत
हाल ही में COVID -19 प्रकोप के कारण प्रतिबंधित न्यायिक कार्य के बीच छत्तीसगढ़ में भारत की पहली राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत की शुरुआत की गई। इसका उद्घाटन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी. आर. रामचंद्र मेनन द्वारा किया गया। इस दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगभग 195 खंडपीठों का गठन किया गया और एक दिन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुल 2270 मामलों का निपटारा किया गया। आँकड़ों के अनुसार, रायपुर में कुल मामलों में से सबसे अधिक 515 मामले सुलझाए गए। ध्यातव्य है कि ई-लोक अदालत की यह नवीन अवधारणा, न्यायिक प्रणाली के लिये खासतौर पर मौजूदा COVID-19 के समय में काफी मददगार साबित हो सकती है। लोक अदालतें ऐसे मंच या फोरम होते हैं जहाँ मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है। यह सामान्य न्यायालयों से अलग होता है, क्योंकि यहाँ विवादित पक्षों के बीच परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया जाता है। हम कह सकते हैं कि मौजूदा लोक अदालतों की संकल्पना गांवों में लगने वाली पंचायतों पर आधारित हैं। लोक अदालतों का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा अन्य हितधारकों के साथ मिल कर किया जाता है। लोक अदालतों में सभी दीवानी मामले, वैवाहिक विवाद, नागरिक मामले, भूमि विवाद, मज़दूर विवाद, संपत्ति बँटवारे संबंधी विवाद, बीमा और बिजली संबंधी विवादों का निपटारा किया जाता है। विधि के तहत ऐसे अपराध जिनमें राजीनामा नहीं हो सकता तथा ऐसे मामले जहाँ संपत्ति का मूल्य एक करोड़ रुपए से अधिक है, का निपटारा लोक अदालतों में नहीं हो सकता है।
रोको-टोको अभियान
कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण को सीमित करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने रोको-टोको अभियान (Roko -Toko Campaign) की शुरुआत की है, यह अभियान मुख्य रूप से उन लोगों के लिये संचालित किया जा रहा है, जो घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करना अनिवार्य है। अब इस अभियान के तहत राज्य के चयनित स्वैच्छिक संगठन उन लोगों को मास्क प्रदान करेंगे जो सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनते हैं और उन लोगों से इस संबंध में प्रति मास्क 20 रुपए का शुल्क भी वसूला जाएगा। इस संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ज़िला कलेक्टर इस कार्य के लिये ज़िले के स्वैच्छिक संगठनों का चयन करेगा। चयन करते समय स्वैच्छिक संगठन में उपलब्ध व्यक्तियों की संख्या, विश्वसनीयता और दक्षता को ध्यान में रखा जाएगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार, ज़िला कलेक्टर ही इन स्वैच्छिक संगठनों को मास्क के वितरण के लिये उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराएंगे। सभी चयनित संगठनों को 'जीवन शक्ति योजना' के तहत बनाए गए 100 मास्क प्रदान किये जाएंगे।
आंद्रेज़ डूडा
हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों में पोलैंड के मौजूदा राष्ट्रपति आंद्रेज़ डूडा (Andrzej Duda) लगातार दूसरी बार पाँच वर्ष के कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए हैं। पोलैंड के रूढ़िवादी विचारों वाले दल के आंद्रेज़ डूडा को चुनावों में कुल 50.21 प्रतिशत मत प्राप्त हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 48.79 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि पोलैंड मध्य यूरोप में स्थित एक देश है। यह पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में बेलारूस और यूक्रेन तथा उत्तर में रूस और बाल्टिक सागर से घिरा है। पोलैंड की आबादी 38.5 मिलियन से अधिक है और लगभग 312,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रहती है। उल्लेखनीय है कि पोलैंड यूरोपियन यूनियन (EU) का छठा सबसे बड़ा देश है और यह वर्ष 2004 में इसमें शामिल हुआ है। भारत और पोलैंड ने वर्ष 1954 में राजनयिक संबंध स्थापित किये थे, जिससे वर्ष 1957 में पोलैंड में भारतीय दूतावास के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त हुआ। दोनों देशों की वैचारिक धारणाओं में काफी अधिक समानता है, जो कि मुख्य तौर पर उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और नस्लवाद के विरोध पर आधारित है।
भारत का सबसे व्यापारिक भागीदार अमेरिका
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अमेरिका लगातार दूसरी बार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार देश बना रहा, जो कि दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों को दर्शाता है। संबंधित आँकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में अमेरिका और भारत के बीच 88.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार किया गया, जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 87.96 बिलियन डॉलर था, इस प्रकार बीते वर्ष के मुकाबले वर्ष 2019-20 में भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी देखने को मिली है। अमेरिका उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। गौरतलब है कि अमेरिका वित्तीय वर्ष 2018-19 में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार देश बना था। आँकड़ों के अनुसार, चीन वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश था। ध्यातव्य है कि बीते दिनों चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे में कमी देखने को मिली थी और वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह घटकर 48.66 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 53.56 बिलियन डॉलर था।