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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 मई, 2020

  • 13 May 2020
  • 8 min read

फखरुद्दीन अली अहमद 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पूर्व भारतीय राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 13 फरवरी, 1905 को दिल्ली में जन्मे फखरुद्दीन अली अहमद को भारत के पाँचवे राष्ट्रपति (हालाँकि कार्यकाल के अनुसार वे छठे राष्ट्रपति थे) के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1928 में इंगलैंड से विधि में डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् फखरुद्दीन अली अहमद वापस भारत लौट आए और पंजाब उच्च न्यायालय में वकील के तौर पर नामांकित हुए। कुछ समय पश्चात् उन्होंने अपने गृह राज्य असम के गोवाहाटी उच्च न्यायालय में वकील के तौर पर कार्य करना प्रारंभ किया और जल्द ही वे अपनी प्रतिभा की बदौलत उच्चतम न्यायालय में बतौर वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्य करने लगे। वर्ष 1931 में फखरुद्दीन अली अहमद ने अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली।  वर्ष 1938 में जब असम में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो फखरुद्दीन अली अहमद को वित्त एवं राजस्व मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। उल्लेखनीय है कि उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कई अवसरों पर जेल भी गए। वर्ष 1952 में फखरुद्दीन अली अहमद को राज्यसभा की सदस्यता प्राप्त हुई और वे संसद पहुँच गए। 24 अगस्त, 1974 को फखरुद्दीन अली अहमद ने भारत के पाँचवें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। बतौर राष्ट्रपति उनका कार्यकाल उनकी मृत्यु के दिन यानि 11 फरवरी, 1977 तक चला और इसी दिन राष्ट्रपति भवन में हृदयाघात (Heart Attack) के कारण उनकी मृत्यु हो गई। 

‘FIR आपके द्वारा’ पहल 

हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने ‘FIR आपके द्वार’ (FIR Aapke Dwar) पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत पीड़ितों को ‘प्राथमिकी’ अथवा ‘प्रथम सूचना रिपोर्ट’ (First Information Report-FIR) दर्ज कराने के लिये पुलिस स्टेशन नहीं जाना होगा, बल्कि पुलिस अधिकारी स्वयं पीड़ितों के घर आकर FIR दर्ज करेंगे। इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के 23 पुलिस स्टेशनों में शुरू किया गया है, इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल हैं। इस योजना में लोगों की शिकायतों को दर्ज करने के लिये हेड कांस्टेबल तैनात किये गए हैं, जो फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (First Response Vehicle-FRV) के माध्यम से मौके पर ही अपेक्षाकृत कम गंभीर प्रकृति के अपराधों के लिये FIR दर्ज करेंगे। हालाँकि गंभीर अपराध के मामलों में उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लेना होगी। उल्लेखनीय है कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत दर्ज की गई पहली FIR भोपाल में एक वाहन चोरी से संबंधित थी। किसी भी अपराध के संबंध में पुलिस द्वारा दर्ज की गई सूचना प्राथमिकी अथवा ‘प्रथम सूचना रिपोर्ट’ (FIR) कहा जाता है। विदित हो कि भारत में FIR और इसकी वैधता को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 154 के तहत परिभाषित किया गया है। भारत में किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत के रूप में FIR दर्ज की जा सकती है। 

2020-21 में शून्य रह सकती है भारत की वृद्धि दर: मूडीज़

मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर शून्य कर दिया है। मूडीज़ के अनुसार, इस वर्ष भारत की GDP काफी कम रह सकती है और कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर संकट और गहराता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि COVID-19 के प्रभाव के कारण दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता ज़ाहिर की है। हालाँकि मूडीज़ का अनुमान है कि आगामी वितीय वर्ष (2021-22) में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में बढ़ोतरी होगी और यह 6.6 प्रतिशत पर पहुँच जाएगी। ध्यातव्य है कि दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमण के आँकड़े दिन-प्रति-दिन बढ़ते जा रहे हैं और इस वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है। वहीं कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गए लॉकडाउन के कारण विश्व की लगभग सभी आर्थिक और गैर-आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई हैं, जिससे भारत समेत संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ध्यातव्य है कि इस आर्थिक संकट से उबरने के लिये सरकार और RBI द्वारा काफी प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके तहत सरकार ने हाल ही में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की हैं।

‘प्रवासी राहत मित्र’ एप

हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘प्रवासी राहत मित्र’ एप की शुरुआत की है। इस एप की शुरुआत मुख्य रूप से कोरोनावायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के पश्चात् दूसरों राज्यों से उत्तरप्रदेश में लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के लिये की गई है। इस एप का उद्देश्य राज्य में वापस लौट रहे प्रवासी मज़दूरों को सरकार द्वारा घोषित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद करना है। साथ ही इस एप के माध्यम से मज़दूरों के स्वास्थ्य की निगरानी करने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही इस एप के माध्यम से प्रवासी मज़दूरों को उनके कौशल के अनुरूप रोज़गार तथा आजीविका के साधन प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इस एप में व्यक्ति की आवश्यक जानकारी जैसे कि नाम, शैक्षिक योग्यता, अस्थायी और स्थायी पता, बैंक खाता विवरण, COVID-19 संबंधित स्क्रीनिंग की स्थिति और पेशेवर अनुभव आदि ली जाएंगी।

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