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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 जुलाई, 2020

  • 13 Jul 2020
  • 8 min read

अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी

हाल ही में अमेरिकी एविएशन कंपनी ‘बोइंग’ (Boeing) द्वारा भारतीय वायु सेना (Indian Air Force-IAF) को पाँच AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Apache Attack Helicopters) की अंतिम डिलीवरी कर दी गई है। गौरतलब है कि भारत ने ‘बोइंग’ कंपनी के साथ कुल 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था, जिसमें से 17 अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति वायुसेना को पहले ही की जा चुकी है। भारत सरकार ने सितंबर, 2015 में 22 अपाचे हेलिकॉप्टर्स (Apache Helicopters) तथा 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters) के प्रोडक्शन तथा ट्रेनिंग के लिये अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग के साथ 3 बिलियन डॉलर का सौदा किया था। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों, हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों तथा रॉकेटों पर निशाना साधने के अलावा अपाचे हेलीकॉप्‍टर में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare- EW) क्षमताएँ विद्यमान हैं। यह हेलीकॉप्‍टर अनेक हथियारों की डिलीवरी करने में भी सक्षम हैं। अपाचे हेलीकॉप्‍टर में फायर कंट्रोल रडार भी है, जो 360 डिग्री का कवरेज प्रदान करता है और इसमें नाइट विज़न प्रणाली भी शामिल है। इस हेलीकॉप्‍टर का रख-रखाव करना भी काफी आसान है तथा यह उष्‍णकटिबंधीय एवं रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में संचालन हेतु सक्षम है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में अपाचे हेलिकॉप्टर की आपूर्ति चीन के विरुद्ध एक मज़बूत घेराबंदी करने में मददगार साबित होगी। लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के बीच अपाचे को लेह हवाई अड्डे पर तैनात कर दिया गया है। चीन के साथ सीमा विवाद के चलते 22 अपाचे हेलीकाप्टरों में से एक बेड़े को असम के जोरहाट वायुसेना बेस पर तैनात किया गया है। 

अखिल भारतीय बाघ आकलन का नया रिकॉर्ड

अखिल भारतीय बाघ आकलन, 2018 ने विश्व का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। नवीनतम गणना के अनुसार, देश में बाघों की अनुमानित संख्या 2,967 है। इसी के साथ भारत ने वर्ष 2010 में बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से बहुत पूर्व ही प्राप्त कर लिया है। इस सर्वेक्षण के दौरान मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण का प्रयोग किया गया था, जो कि किसी भी जानवर के आवागमन को रिकॉर्ड करते हैं। इस दौरान कैमरा ट्रैप उपकरणों को कुल 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर (46,848 वर्ग मील) के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया। इन उपकरणों के माध्यम से वन्यजीवों की कुल 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा (जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए के; शेष अन्य जीव-जंतुओं के थे)।

ब्रिटेन में FDI का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत भारत

ब्रिटेन सरकार के तहत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (DIT) द्वारा जारी हालिया आँकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत, यूनाइटेड किंगडम (UK) में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया है। DIT द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, अभी भी अमेरिका ब्रिटेन के लिये FDI का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है, अमेरिका से ब्रिटेन में कुल 462 परियोजनाओं में निवेश किया गया है, जिसके कारण कुल 20,131 नौकरियाँ सृजित हुई हैं। वहीं भारत ने ब्रिटेन की कुल 120 परियोजनाओं में निवेश किया। ब्रिटेन में निवेश के संदर्भ में अमेरिका और भारत के पश्चात् फ्रांँस, चीन और हॉन्गकॉन्ग का स्थान है। गौरतलब है कि इससे बीते वर्ष ब्रिटेन में भारत से कुल 106 परियोजनाओं में निवेश किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 4,858 नए रोज़गार सृजित हुए थे। भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) एक मज़बूत और ऐतिहासिक संबंध साझा करते हैं। अब भारत में ब्रिटेन के व्यवसायों की संख्या वर्ष 2000 से दोगुनी से अधिक हो गई है, और भारत में ब्रिटेन से निवेश आकर्षित करने वाले मुख्य क्षेत्रों में शिक्षा, उपभोक्ता वस्तुएँ, जीव विज्ञान, स्वास्थ्य सेवा और इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं। 

मस्जिद में परिवर्तित हुआ हागिया सोफिया संग्रहालय

हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एरदोगन (Recep Erdoğan) ने औपचारिक तौर पर इस्तांबुल (Istanbul) के ऐतिहासिक हागिया सोफिया संग्रहालय (Hagia Sophia Museum) को मस्जिद में बदलने का आदेश पारित कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व तुर्की के शीर्ष न्यायालय ने हागिया सोफिया को मस्जिद में परिवर्तित करने के पक्ष में निर्णय देते हुए वर्ष 1934 में इसे संग्रहालय के रूप में परिवर्तित करने के निर्णय को रद्द कर दिया था। इस्तांबुल की इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण तकरीबन 532 ईस्वी में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य (Byzantine Empire) के शासक जस्टिनियन (Justinian) के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ था, उस समय इस शहर को कस्तुनतुनिया (Qustuntunia) के रूप में जाना जाता था। तकरीबन 1500 वर्ष पुराना यह ढाँचा (Structure) यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध है, गौरतलब है कि इस इमारत का निर्माण सर्वप्रथम एक गिरजाघर (Cathedral) के रूप में किया गया था, हालाँकि वर्ष 1453 में जब इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य (Ottoman Empire) के सुल्तान मेहमत द्वितीय (Sultan Mehmet II) ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा किया, तो शहर का नाम बदलकर इस्तांबुल कर दिया गया। साथ ही हागिया सोफिया को एक मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया। वर्ष 1934 में आधुनिक तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क (Mustafa Kemal Ataturk) ने तुर्की को अधिक धर्मनिरपेक्ष देश बनाने के प्रयासों के तहत मस्जिद को एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया। किंतु तुर्की के राष्ट्रवादी समूह बीते कई वर्षों से इसे मस्जिद के रूप में परिवर्तित करने की मांग कर रहे थे।

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