नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 जून, 2020

  • 10 Jun 2020
  • 7 min read

कोल एक्सचेंज

कोयला क्षेत्र (Coal Sector) में सरकारी एकाधिकार को पूरी तरह से समाप्त करने की घोषणा की दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने देश में एक कोयला व्यापार मंच स्थापित करने का निर्णय लिया है। कोयले के व्यापार के लिये एक्सचेंज स्थापित करने का अर्थ है कि अब ईंधन आपूर्ति समझौता (Fuel Supply Agreement) समाप्त हो जाएगा। इस प्रकार देश में कमोडिटी एक्सचेंज (Commodity Exchange) की तर्ज़ पर ‘कोल एक्सचेंज’ (Coal Exchange) के माध्यम से एक नियामक के ज़रिये कोयले की खरीद-बिक्री की जा सकेगी। इस संबंध में तैयार किये गए प्रस्ताव के अनुसार, देश में होने वाले कोयला उत्पादन का पूरा हिस्सा ‘कोल एक्सचेंज’ में ट्रेडिंग के लिये रखा जाएगा। ‘कोल एक्सचेंज’ एक प्रकार का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा, जहाँ कीमत के संदर्भ में पारदर्शिता होगी। यह कीमत मांग और पूर्ति के अनुसार निर्धारित की जा सकेगी। इस कदम का उद्देश्य भारत में कोयले के उत्पादन को बढ़ाना और आयातित कोयले पर निर्भरता को कम करना है। कोयला भंडार की उपलब्धता के मामले में विश्व में पाँचवे स्थान पर होने के बावजूद भी भारत को कोयले का आयात करना पड़ता है। वर्तमान में भारत में प्रतिवर्ष स्थानीय कोल उत्पादन लगभग 700-800 मिलियन टन है, जबकि प्रतिवर्ष औसतन लगभग 150-200 मिलियन टन कोयले का आयात किया जाता है। वर्ष 1973 में भारत में कोयले के राष्ट्रीकरण के बाद वर्ष 1975 में कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited- CIL) की स्थापना की गई थी। वर्तमान में देश के कुल कोयला उत्पादन में CIL की भागीदारी लगभग 82% है।  

वंदे उत्कल जननी गीत

हाल ही में ओडिशा सरकार ने कांतकवि लक्ष्मीकांत महापात्र (Kantakabi Laxmikanta Mohapatra) द्वारा रचित एक देशभक्ति गीत ‘वंदे उत्कल जननी' को राज्यगीत का दर्जा दिया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में ‘वंदे उत्कल जननी' गीत को सरकार मान्यता देने संबंधी निर्णय लिया गया है। ‘वंदे उत्कल जननी’ गीत की रचना कांतकवि लक्ष्मीकांत महापात्र द्वारा वर्ष 1910 में की गई थी। यह गीत सर्वप्रथम वर्ष 1912 में उत्कल सम्मिलनी (Utkal Sammilani) की बैठक में गाया गया था और तभी से यह उत्कल सम्मिलनी की सभी बैठकों में गाया जाता है। उत्कल सम्मिलनी स्वतंत्रता सेनानी मधुसूदन दास द्वारा स्थापित एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1936 में जब ओडिशा एक अलग राज्य बना, तब भी इस गीत को गाया गया था। सर्वप्रथम वर्ष 1994 में ओडिशा विधानसभा ने प्रत्येक सत्र के अंत में ‘वंदे उत्कल जननी’ गीत गाने का संकल्प किया था। तभी से इसे राज्य गीत बनाने पर कई विचार-विमर्श किया जा रहा है। वर्ष 2000 और और वर्ष 2006 में भी इस गीत को सरकारी मान्यता देने की मांग उठी थी। ओडिया कवि लक्ष्मीकांत महापात्र का जन्म 9 दिसंबर, 1888 को ओडिशा के भद्रक ज़िले में हुआ था।

भारत और डेनमार्क के बीच बिजली क्षेत्र में क्षेत्र के सहयोग के लिये समझौता 

हाल ही में भारत और डेनमार्क ने समानता, पारस्पारिक आदान-प्रदान और आपसी लाभ के आधार पर बिजली क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य मज़बूत, गहरा और दीर्घकालिक सहयोग विकसित करने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते में अपतटीय पवन ऊर्जा, दीर्घकालीन ऊर्जा नियोजन, ग्रिड में लचीलापन, बिजली खरीद समझौते में लचीलापन आदि जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बात कही गई है। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत चिह्नित बिंदुओं के कार्यान्वयन के लिये एक संयुक्त कार्य दल (Joint Working Group-JWG) स्थापित किया जाएगा। JWG की अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी। समझौता ज्ञापन के माध्यम से पहचाने गए क्षेत्रों में पारस्परिक लाभ के लिये बिजली क्षेत्र में रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा बढ़ावा देने के लिये सरकार आवश्यक कदम उठाने का प्रयास करेगी। वर्ष 1957 में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की डेनमार्क यात्रा के साथ भारत और डेनमार्क के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों की शुरुआत हुई थी। 

मोनिका कपिल मोहता 

वरिष्ठ राजनयिक मोनिका कपिल मोहता को स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) में भारत की नई राजदूत नियुक्त किया गया है। मोनिका कपिल मोहता वर्ष 1985 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) की  अधिकारी हैं और वर्तमान में स्वीडन (Sweden) में भारत की राजदूत हैं। इससे पूर्व वे विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (दक्षिण) के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। भारत और स्विट्ज़रलैंड के मध्य भारतीय स्वतंत्रता के बाद से सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। ऐतिहासिक रूप से ही भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति और स्विट्ज़रलैंड की तटस्थता की पारंपरिक नीति दोनों देशों के मध्य घनिष्ठ संबंधों का एक कारण रही है। स्विट्ज़रलैंड ने भारतीय स्वतंत्रता के तुरंत बाद ही भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिये थे और 14 अगस्त, 1948 को नई दिल्ली में भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच मित्रता संधि (Treaty of Friendship) पर हस्ताक्षर किये गए थे। उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत, स्विटज़रलैंड का 8वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow