विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जून, 2020
- 09 Jun 2020
- 8 min read
मनरेगा के तहत एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम अर्थात् मनरेगा के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के लिये एक लाख एक हज़ार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के तहत पहली बार इतनी बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें से 31 हज़ार 493 करोड़ रुपए की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के बजट में इस मद के लिये अनुमान के 50 प्रतिशत से अधिक है। आँकड़ों के अनुसार, मनरेगा के तहत अब तक कुल 60 करोड़ 80 लाख दिवस का रोज़गार सृजित किया गया है और 6 करोड़ 69 लाख कामगारों को कार्य दिया गया है। इस वर्ष मई में जिन लोगों को काम दिया गया था, उनकी औसत संख्या 2 करोड़ 51 लाख प्रतिदिन है। यह बीते वर्ष मई में दिये गए कार्य से 73 प्रतिशत अधिक है। योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक कुल 10 लाख कार्य पूरे किये जा चुके हैं। जल संरक्षण तथा सिंचाई, वृक्षारोपण, बागवानी और आजीविका संवर्द्धन के लिये व्यक्तिगत लाभकारी कार्यों से संबंधित कार्यों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम अर्थात् मनरेगा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 2010 में नरेगा (NREGA) का नाम बदलकर मनरेगा (MGNREGA) कर दिया गया। मनरेगा कार्यक्रम के तहत प्रत्येक परिवार के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों के लिये 100 दिन का गारंटीयुक्त रोज़गार, दैनिक बेरोज़गारी भत्ता और परिवहन भत्ता (5 किमी. से अधिक दूरी की दशा में) का प्रावधान किया गया है। मनरेगा एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है।
2022 महिला एशियाई कप
हाल ही में एशियाई फुटबॉल परिसंघ (Asian Football Confederation-AFC) ने पुष्टि की है कि भारत वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले महिला एशियाई कप (Women’s Asian Cup) की मेजबानी करेगा। उल्लेखनीय है कि एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) द्वारा गठित महिला फुटबॉल समिति (Women’s Football Committee) ने इसी वर्ष फरवरी माह में इस संदर्भ में सिफारिश की थी, जिसकी पुष्टि एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) द्वारा की गई है। संभवतः इसका आयोजन वर्ष 2022 में फीफा विश्व कप से पूर्व किया जाएगा। भारतीय टीम ने वर्ष 1981 में महिला एशियाई कप में कांस्य पदक जीता था। एशियाई फुटबॉल महासंघ (Asian Football Confederation-AFC) एशिया की फुटबॉल गवर्निंग बॉडी है। इसकी स्थापना 8 मई, 1954 में की गई थी। इसका मुख्यालय मलेशिया के कुआलालंपुर में है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) एक राष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना वर्ष 1937 में शिमला स्थित सेना मुख्यालय में हुई थी। एक महासंघ के रूप में यह देश भर में फुटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। AIFF एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जो एशिया में फुटबॉल का प्रबंधन करता है।
GST मुआवज़ा
केंद्र सरकार ने तीन महीने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को GST मुआवज़े के रूप में 36,400 करोड़ रुपए जारी किये हैं। यह GST मुआवज़ा दिसंबर, 2019 से फरवरी, 2020 की अवधि के लिये जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2019 से नवंबर, 2019 की अवधि के लिये केंद्र सरकार द्वारा पहले ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 1,15,096 करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं। विदित हो कि केंद्र सरकार ने GST के लागू होने की तिथि से पाँच वर्ष की अवधि तक GST कार्यान्वयन के कारण कर राजस्व में आने वाली कमी के लिये राज्यों को क्षतिपूर्ति देने का वादा किया था। केंद्र सरकार के इस वादे के चलते बड़ी संख्या में अनिच्छुक राज्य नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर हस्ताक्षर करने के लिये सहमत हो गए थे। हालाँकि बीते कुछ समय से केंद्र सरकार द्वारा मुआवज़े का भुगतान न करने पर राज्यों के समक्ष राजस्व को लेकर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, वहीं COVID-19 महामारी ने इस चुनौती को और भी गंभीर कर दिया था, ऐसे में राज्य केंद्र सरकार पर आर्थिक रूप से काफी अधिक निर्भर हो गए थे, कई विशेषज्ञों ने ऐसी स्थिति को सहकारी संघवाद पर एक संकट माना था। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में 69,275 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2017-18 में 41,146 करोड़ रुपए का GST मुआवज़ा जारी किया था। सरकार द्वारा GST को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिये केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Central Administrative Tribunal-CAT) की 18वीं खंडपीठ स्थापित की है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की खंडपीठ से न केवल सरकारी कर्मचारियों के सेवा संबंधित मामलों से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि इससे विभिन्न न्यायालयों का बोझ भी कम होगा। साथ ही इस खंडपीठ से सरकारी कर्मचारियों को उनकी शिकायतों था सेवा मामलों के संबंध में त्वरित राहत भी मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के न्यायाधिकरण को प्रशासनिक या न्यायिक कार्यों के साथ अदालतों के पदानुक्रम के बाहर एक निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है। प्रशासनिक न्यायाधिकरण राज्य के विभिन्न अंगों के मध्य विवाद का निराकरण करता है। प्रशासनिक न्यायाधिकरण का उद्गव संविधान के अनुच्छेद 323(A) से हुआ है,जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार को, केंद्र तथा राज्यों के कार्य संचालन के संबंध में सार्वजनिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की भर्ती और सेवा शर्तों के संबंध में विवादों और शिकायतों के निपटारे हेतु प्रशासनिक न्यायाधिकरण स्थापित करने की शक्ति प्राप्त है।