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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 जून, 2020

  • 08 Jun 2020
  • 7 min read

रिचर्ड डॉकिंस अवार्ड

भारत के प्रसिद्ध गीतकार और प्रख्यात लेखक जावेद अख्तर को हाल ही में रिचर्ड डॉकिंस अवार्ड (Richard Dawkins Award) से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। उल्लेखनीय है कि जावेद अख्तर यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं। यह पुरस्कार विज्ञान, शोध, शिक्षा या मनोरंजन के क्षेत्र से एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने सार्वजनिक रूप से तर्कसंगत होकर धर्मनिरपेक्षता के प्रति कार्य किया है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध अंग्रेज़ी विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस (Richard Dawkins) के नाम पर दिया जाता है। रिचर्ड डॉकिंस ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर थे और सृष्टिवाद (Creationism) के मुखर आलोचक थे। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। उर्दू लेखक जाँनिसार अख्तर और लेखिका साफिया अख्तर के पुत्र जावेद अख्तर 70 और 80 के दशक के दौरान सबसे प्रसिद्ध पटकथा लेखकों में से एक हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा की कुछ बेहतरीन फिल्मों जैसे- ‘शोले’ और ‘मिस्टर इंडिया’ आदि में बतौर लेखक कार्य किया। कुछ ही समय में जावेद अख्तर ने पटकथा लेखन छोड़ दिया और गीतकार तथा सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्त्ता बन गए। जावेद अख्तर को वर्ष 1999 में पद्म श्री से और उसके पश्चात् वर्ष 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। जावेद अख्तर को अपने काव्य संग्रह ’लावा’ के लिये उर्दू में साहित्य अकादमी पुरस्कार और फिल्म उद्योग में योगदान के लिये कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Awards) भी प्राप्त हुए हैं। 

पोषण स्तर में सुधार हेतु कार्यदल 

भारत सरकार ने पोषण स्तर बेहतर करने से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ कुछ अन्‍य संबंधित विषयों पर गौर करने के लिये एक कार्यदल का गठन किया है। जया जेटली को इस कार्यदल का अध्यक्ष नामित किया गया है, साथ ही इस कार्यदल में राज्य के विभिन्न विभागों के सचिवों को भी पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह कार्यदल विवाह एवं मातृत्व की आयु के साथ निम्नलिखित के सह-संबंध पर गौर करना (1) माँ का स्वास्थ्य, चिकित्सीय सेहत एवं पोषण की स्थिति (2) प्रमुख मापदंड जैसे कि शिशु मृत्यु दर (Infant Martality Rate), मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) और कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) आदि (3) इस संदर्भ में स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित कोई अन्य प्रासंगिक बिंदु। इसके अतिरिक्त यह लड़कियों के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय सुझाने का कार्य भी करेगा। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, कार्यदल को नीति आयोग द्वारा सचिवालयी या दफ्तरी सहायता प्रदान की जाएगी और कार्यदल 31 जुलाई, 2020 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। 

‘स्पंदन’ अभियान

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पुलिस कर्मियों के मानसिक तनाव और डिप्रेशन को कम करने के लिये ‘स्पंदन’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है। इस संबंध में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को मनोचिकित्सकों या मनोवैज्ञानिकों द्वारा अवसादग्रस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये परामर्श और चिकित्सा उपचार के बारे में दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये गए हैं। इस कार्यक्रम के दौरान परामर्श सत्र, संगीत और योग थेरेपी की व्यवस्था की जाएगी। योग कक्षाओं के संचालन के लिये स्थानीय योग शिक्षकों का सहयोग मांगा गया है। उल्लेखनीय है कि बीते दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में 50 से अधिक पुलिस कर्मियों ने आत्महत्या की है, जो कि राज्य के पुलिस कर्मियों में मानसिक तनाव की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। कुछ ही समय पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस कर्मियों के मध्य बढ़ती अवसाद और मानसिक तनाव की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस विभाग को इस संबंध में जल्द-से-जल्द कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये थे, ताकि पुलिस कर्मियों में हो रहे मानसिक तनाव को कम किया जा सके और इसके कारण होने वाली आत्महत्या और हिंसक घटनाओं को रोका जा सके। 

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

प्रत्येक वर्ष 07 जून को विश्व भर में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के बारे में जागरूकता पैदा करना और खाद्य जनित बीमारियों के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। उल्लेखनीय है कि 7 जून, 2019 को पहली बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया गया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization-FAO) के सहयोग से अपनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से प्रत्येक वर्ष 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है, विश्व भर की जनसंख्या के अनुसार देखा जाए तो यह संख्या 60 करोड़ से भी अधिक है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी दो एजेंसियों - खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये नामित किया है।

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