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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जुलाई, 2020

  • 08 Jul 2020
  • 8 min read

WHO से अलग होगा अमेरिका

अमेरिकी प्रशासन ने औपचारिक रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अपनी सदस्यता वापस लेने के लिये संयुक्त राष्ट्र को अधिसूचित किया है, हालाँकि WHO से अमेरिकी प्रशासन की वापसी अगले वर्ष तक प्रभावी नहीं होगी, जिसका अर्थ है कि परिस्थितियों में बदलाव होने पर इसे रद्द किया जा सकता है। अमेरिका द्वारा इस संबंध में औपचारिक सूचना संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) को भेजी गई है और यह 06 जुलाई 2021 से प्रभावी होगी। गौरतलब है कि बीते दिनों कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी से निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाने के पश्चात् अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO को दी जाने वाली फंडिंग (Funding) पर रोक लगाने की घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपने दायित्त्वों का निर्वाह करने में विफल रहा है और संगठन ने वायरस के बारे में चीन के ‘दुष्प्रचार’ को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण संभवतः वायरस ने और अधिक गंभीर रूप धारण कर लिया है। अमेरिका का मत है कि WHO यथासमय और पारदर्शी तरीके से वायरस से संबंधित सूचना एकत्र करने और उसे साझा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। ध्यातव्य है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सबसे बड़ा दानकर्त्ता है और प्रतिवर्ष उसे 400 मिलियन डॉलर से भी अधिक राशि प्रदान करता है। अमेरिका का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी का सामना कर रहा है, और अमेरिका इससे सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। ऐसे परिदृश्य में अमेरिका का यह निर्णय महामारी से लड़ने में वैश्विक प्रयासों को कमज़ोर करेगा।

डॉ. बिष्णु प्रसाद नंदा

डॉ. बिष्णु प्रसाद नंदा ने रेलवे बोर्ड में महानिदेशक (रेलवे स्वास्थ्य सेवा) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। वह रेलवे बोर्ड में स्वास्थ्य विभाग के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व डॉ. बी. पी. नंदा दक्षिणी रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक के रूप में कार्यरत थे। डॉ. बी. पी. नंदा (B.P. Nanda) 14 नवंबर, 1984 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल अस्पताल में भारतीय रेलवे चिकित्सा सेवा में शामिल हुए। इसके पश्चात् डॉ. नंदा को नागपुर मंडल के अंतर्गत मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा स्वास्थ्य इकाई में सहायक संभागीय चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में उन्हें रांची के हटिया रेलवे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ उन्होंने तकरीबन 7 वर्ष तक कार्य किया। इसके बाद उन्हें भुवनेश्वर के मानचेस्वर रेलवे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें वर्ष 2018 में दक्षिण रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था, गौरतलब है कि दक्षिणी रेलवे में कुल छह संभागीय अस्पताल शामिल हैं। रेलवे बोर्ड भारतीय रेलवे का सर्वोच्च निकाय है जो रेलवे मंत्रालय के माध्यम से संसद को रिपोर्ट करता है। ज्ञात हो कि रेलवे बोर्ड का गठन वर्ष 1905 में रेल मंत्रालय की सहायता हेतु प्रमुख प्रशासन एवं कार्यकारी निकाय के रूप में किया गया था। वर्तमान में वी. के यादव रेलवे बोर्ड के रूप में कार्यरत है।

ओफेक-16

हाल ही में इज़राइल ने एक नया उपग्रह लॉन्च किया, जो कि उसे अपने सैन्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये  उच्च गुणवत्ता वाले निगरानी डेटा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि इज़राइल बीते कई वर्षों से अपनी सेना की उन्नति के लिये कार्य कर रहा है और ईरान समेत उन विभिन्न दुश्मन देशों पर अपनी निगरानी बढ़ा रहा है, जिनकी परमाणु क्षमता इज़राइल के लिये एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है। ओफेक-16 (Ofek 16)  नामक यह निगरानी उपग्रह इज़राइल के ‘शेविट’ (Shavit ) रॉकेट से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। गौरतलब है कि राज्य के स्वामित्व वाली इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (Israel Aerospace Industries) कंपनी इस परियोजना के लिये मुख्य कांट्रेक्टर थी और इस उपग्रह का पेलोड (Payload) इज़राइल की ही एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी एलबिट सिस्टम (Elbit Systems) द्वारा विकसित किया गया था। इज़राइल भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित मध्य-पूर्व (Middle East) का एक देश है। 

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक

पूर्व IAS अधिकारी इंजेती श्रीनिवास (Injeti Srinivas) को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centers Authority- IFSCA) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इंजेती श्रीनिवास को तीन वर्ष के लिये इस पद पर नियुक्त किया गया है। इंजेती श्रीनिवास ओडिशा कैडर के 1983 बैच के IAS अधिकारी हैं और इससे पूर्व वे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय मे अपनी सेवा दे चुके हैं, वे कॉर्पोरेट अफेयर्स सेक्रेटर (Corporate Affairs Secretary) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) का निर्माण इसी वर्ष अप्रैल माह में किया गया था। इसका मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों को विनियमित करना है। इस प्राधिकरण में केंद्र द्वारा नियुक्त कुल नौ सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और जिसके बाद इनकी दोबारा नियुक्ति की जा सकती है।

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