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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 अप्रैल, 2020

  • 07 Apr 2020
  • 6 min read

सेना चिकित्सा कोर 

हाल ही में भारतीय सेना की सेना चिकित्सा कोर ने अपनी 256वीं वर्षगांठ मनाई। सेना चिकित्सा कोर अपनी स्थापना के बाद से ही सशस्त्र कर्मियों के लिये स्क्रीनिंग और उपचार सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। मौजूदा कोरोनावायरस (COVID-19) संकट में भी सेना चिकित्सा कोर अपने दायित्त्वों का निर्वाह कर रही है। प्राकृतिक आपदाओं में भी सेना चिकित्सा कोर ने आम नागरिकों की मदद के लिये चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की हैं। सेना चिकित्सा कोर की स्थापना वर्ष 1764 को बंगाल मेडिकल सर्विस के रूप में की गई थी। इसके पश्चात् वर्ष 1943 में इसे इंडियन आर्मी मेडिकल कोर के नाम से पुनः स्थापित किया गया। इंडियन आर्मी मेडिकल कोर को 3 अप्रैल, 1943 को तीन सेवाओं, इंडियन मेडिकल सर्विस, इंडियन मेडिकल डिपार्टमेंट और इंडियन हॉस्पिटल कोर को समेकित करके बनाया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात् इंडियन आर्मी मेडिकल कोर का नाम बदलकर सेना चिकित्सा कोर कर दिया गया। सेना चिकित्सा कोर वर्तमान में देश की सशस्त्र सेनाओं को देशव्यापी स्तर पर उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रही है। सेना चिकित्सा कोर का आदर्श वाक्य है:  'सर्वे संतु निरामय:'। 

‘प्राण वायु’ वेंटिलेटर 

कोरोनावायरस (COVID-19) के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के कारण देश में प्रतिदिन वेंटिलेटरों की मांग भी बढ़ती जा रही है। अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटरों की अधिकतम संख्या तकरीबन 57000 है, किंतु यदि कोरोनावायरस संक्रमण तेज़ी से फैलता रहा तो स्थिति काफी खराब हो सकती है और हमें देश में लगभग 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की ज़रूरत पड़ सकती है। ऐसे में वेंटिलेटरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये IIT रुड़की ने ‘प्राण वायु’ नामक कम लागत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है। यह वेंटिलेटर सभी आयु समूहों के लिये प्रयोग किया जा सकता है। इसकी एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि इसे काफी कम लागत और कम समय में बनाया जा सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry-CII) द्वारा आयोजित वेबिनार में 450 कंपनियों को ‘प्राण वायु’  वेंटिलेटर का डिज़ाइन प्रस्तुत किया गया है। यह पोर्टेबल वेंटिलेटर मॉडिफाइड रेलवे डिब्बों के लिये सर्वाधिक अनुकूल हैं। ध्यातव्य है कि अब तक 20,000 से अधिक रेलवे कोचों को अस्पताल के बिस्तरों में परिवर्तित किया गया है। इसके अलावा लगभग 70 रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्डों में बदला जाएगा।

प्रवीण राव

हाल ही में IT उद्योग की संस्था नासकॉम (NASSCOM) ने इंफोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) प्रवीण राय को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये अपना नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह WNS ग्लोबल सर्विसेज़ के CEO केशव मुरुगेश का स्थान लेंगे। इसके अलावा एसेंचर्स (Accenture) की भारत में अध्यक्ष और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक रेखा मेनन को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रवीण राय और रेखा मेनन की नियुक्तियों की घोषणा नासकॉम की कार्यकारी परिषद की बैठक में की गई, जिसका आयोजन COVID-19 संकट के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया गया था। ध्यातव्य है कि यह समय भारतीय IT उद्योग समेत तमाम उद्योगों के लिये एक चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि भारत एक संकटपूर्ण स्थिति का मुकाबला कर रहे हैं। 

एम.के. अर्जुन

प्रसिद्ध मलयालम संगीतकार एम.के. अर्जुन का हाल ही में कोची के पल्लुरूथी में 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। संगीतकार एम.के. अर्जुन ने अपने पाँच दशक लंबे कैरियर में 700 से अधिक गानों को संगीत दिया था। उन्होंने नाटकों में भी बड़े पैमाने पर काम किया था। वे मशहूर संगीतकार जी. देवराजन के शिष्य थे। एम.के. अर्जुन ने वर्ष 1968 में करुथापूर्णमी में एक संगीतकार के रूप में अपनी शुरुआत की। उन्होंने गीतकार श्रीकुमारन थम्पी के साथ लगभग 50 फिल्मों के लिये संगीत तैयार किया था। एम.के. अर्जुन का जन्म 1 मार्च, 1936 को केरल में हुआ था। ध्यातव्य है कि प्रसिद्ध संगीतकार ए.आर. रहमान ने भी अपना संगीत कैरियर की शुरुआत वर्ष 1981 में एम.के. अर्जुन के साथ ही की थी।

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