लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जुलाई, 2020

  • 04 Jul 2020
  • 8 min read

स्वामी विवेकानंद

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं। इस अवसर पर गृह मंत्री ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को वर्तमान समय में काफी प्रासंगिक बताया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था, और इन्हें बचपन में नरेंद्र नाथ दत्त के नाम से भी जाना जाता। कलकत्ता विश्वविद्यालय (Calcutta University) से स्नातक की डिग्री प्राप्त होने तक, उन्होंने विभिन्न विषयों, खासकर पश्चिमी दर्शन और इतिहास का व्यापक ज्ञान प्राप्त कर लिया था। स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था, रामकृष्ण परमहंस से स्वामी विवेकानंद की मुलाकात वर्ष 1881 में ऐसे समय में हुई थी जब विवेकानंद एक आध्यात्मिक संकट के दौर से गुज़र रहे थे और भगवान या ईश्वर के अस्तित्त्व जैसे प्रश्नों पर विचार कर रहे थे। रामकृष्ण परमहंस के शुद्ध और निस्वार्थ भाव ने स्वामी विवेकानंद को काफी प्रभावित किया और दोनों के बीच एक आध्यात्मिक गुरु-शिष्य संबंध शुरू हो गया। अपने गुरु के नाम पर विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन तथा रामकृष्ण मठ की भी स्थापना की थी। विश्व में भारतीय दर्शन विशेषकर वेदांत और योग को प्रसारित करने में विवेकानंद की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, साथ ही ब्रिटिश भारत के दौरान राष्ट्रवाद को अध्यात्म से जोड़ने में इनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। उन्होंने सितंबर 1893 में शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में वैश्विक ख्याति अर्जित की तथा इसके माध्यम से ही भारतीय अध्यात्म का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार हुआ। जनवरी 1897 में वे भारत वापस लौट आए, वापस लौटने के बाद 01 मई, 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। जून 1899 में वह एक बार फिर पश्चिम की यात्रा पर गए, जहाँ उन्होंने अपना अधिकांश समय अमेरिका के पश्चिमी तट पर बिताया। वर्ष 1902 के शुरुआती महीनों में उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा और 4 जुलाई, 1902 को उनके जीवन का अंत हो गया।

“विचार व्यक्तित्त्व की जननी है, जो आप सोचते हैं बन जाते हैं”

- स्वामी विवेकानंद

ई-किसान धन

हाल ही में एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने भारतीय किसानों के लिये ‘ई-किसान धन’ (e-Kisaan Dhan) एप लॉन्च किया है। गौरतलब है कि इस एप का प्रयोग करते हुए किसान अपने मोबाइल फोन के माध्यम से ही बैंकिंग और कृषि दोनों सेवाओं का एक साथ लाभ प्राप्त कर सकेंगे। यह एप किसानों को कृषि प्रथाओं (Agriculture Practice) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेगा। यह एप मंडी की कीमतों, कृषि से संबंधी नवीनतम खबरों, मौसम की भविष्यवाणी, बीज किस्मों की जानकारी और किसान टीवी जैसी सभी मूल्यवर्द्धित सेवाएँ प्रदान करेगा। इसके अलावा इस एप के उपयोगकर्त्ता ऋण प्राप्त करने, बैंक खाते खोलने, बीमा सुविधाओं का लाभ उठाने और सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसी कई बैंकिंग सेवाओं का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। यह एप किसानों को पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं जैसे ऋण हेतु आवेदन करना, फिक्स्ड डिपॉज़िट (Fixed Deposits), आवर्ती जमा (Recurring Deposits) और बचत खातों के उपयोग आदि की सुविधा भी प्रदान करेगा। वर्तमान में यह एप केवल अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध है, किंतु एप निर्माताओं के अनुसार, यह एप जल्द ही अन्य भारतीय भाषों में भी उपलब्ध होगा।

टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना

हाल ही में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही वर्ष 2028 तक देश को ओलिंपिक चैंपियन बनाने के उद्देश्य से जूनियर एथलीटों के लिये भी टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (Target Olympic Podium Scheme-TOPS) की शुरुआत करेगी। टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में राष्ट्रीय खेल विकास कोष (National Sports Development Fund- NSDF) के तहत हुई थी। इसका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की संभावना रखने वाले एथलीटों की पहचान कर उन्हें ओलंपिक की तैयारी के लिये समर्थन तथा सहायता देना है। ऐसे खेल जिनमें भारत की ओलंपिक में पदक जीतने की संभावना है, को उच्च प्राथमिकता वाले खेलों की सूची में रखा गया है, जो इस प्रकार हैं- (1) एथलेटिक्स, (2) बैडमिंटन, (3) हॉकी, (4) शूटिंग, (5) टेनिस, (6) भारोत्तोलन, (7) कुश्ती, (8) तीरंदाजी (9) मुक्केबाज़ी। उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अलावा अन्य खेलों को राष्ट्रीय खेल महासंघ (National Sports Federations- NSF) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। ध्यातव्य है कि अब तक यह योजना केवल सीनियर एथलीटों तक ही सीमित थी, किंतु अब सरकार इस योजना का विस्तार जूनियर एथलीट तक करने पर विचार कर रही है।

नागरहोल नेशनल पार्क

वन विभाग जल्द ही नागरहोल नेशनल पार्क (Nagarahole National Park) से जुड़ी सड़कों और मैसूरु तथा कोडागु ज़िलों के आसपास की सड़कों पर ट्रैफिक निगरानी तंत्र (Traffic Monitoring Mechanism) स्थापित करेगा, ताकि मोटर चालकों द्वारा वन कानूनों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और इन क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। यह तंत्र सुनिश्चित करेगा कि मोटर चालक बीच रास्ते में अपनी गाड़ियाँ न रोकें और आस-पास की सड़कों पर कूड़ा न डालें, क्योंकि इनके कारण वन्यजीवों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यह तंत्र यह भी सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि मोटर चालक अनावश्यक रूप से इधर-उधर न घूमें और अनुमति से अधिक गति पर गाड़ी न चलाएँ, क्योंकि इनके कारण अक्सर वन्यजीवों की मृत्यु हो जाती है। नागरहोल नेशनल पार्क कर्नाटक के मैसूर ज़िले में स्थित है। नागरहोल नेशनल पार्क भारत के पाँच प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, इसे पहले ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान' के रूप में जाना जाता था। यह राष्ट्रीय उद्यान उन विशिष्ट स्थानों में शामिल है, जहाँ एशियाई हाथी पाए जाते हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2