Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 फरवरी, 2020 | 03 Feb 2020
पाकिस्तान में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बड़े पैमाने पर टिड्डियों के हमले के कारण देश में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। इन टिड्डियों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लगभग संपूर्ण फसल को नष्ट कर दिया है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह पहली बार हुआ है जब सिंध और पंजाब में हमले के बाद टिड्डी दल ने खैबर पख्तूनख्वा में प्रवेश किया है। टिड्डियों के हमले से पाकिस्तान को लाखों रुपए की फसल के नुकसान का सामना करना पड़ा है। मुख्यतः टिड्डी एक प्रकार के बड़े उष्णकटिबंधीय कीड़े होते हैं जिनके पास उड़ने की अतुलनीय क्षमता होती है। टिड्डियों की प्रजाति में रेगिस्तानी टिड्डियों को सबसे खतरनाक और विनाशकारी माना जाता है। सामान्य तौर पर ये प्रतिदिन 150 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। यदि अच्छी बारिश होती है और परिस्थितियाँ इनके अनुकूल रहती हैं तो इनमें तेज़ी से प्रजनन करने की क्षमता भी होती है और ये तीन महीनों में 20 गुना तक बढ़ सकते हैं।
जसवंत सिंह कंवल
प्रसिद्ध पंजाबी लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जसवंत सिंह कंवल का 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वर्ष 1919 में पंजाब के ढुडीके गांव में जन्मे जसवंत सिंह कंवल को वर्ष 1996 में साहित्य अकादमी ने उनकी पुस्तक 'पाखी' पर साहित्य अकादमी ने फेलोशिप दी और दो वर्ष बाद वर्ष 1998 में उपन्यास ‘तौशाली दी हांसो’ पर उनको साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। उन्हें वर्ष 2007 में पंजाब सरकार द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रमंडल में शामिल हुआ मालदीव
मालदीव को राष्ट्रमंडल (Commonwealth) में आधिकारिक रूप से पुनः शामिल कर लिया गया है। मालदीव ने लगभग 3 वर्ष पूर्व मानवाधिकार के मुद्दे पर राष्ट्रमंडल से अलग हो गया था। मालदीव राष्ट्रमंडल में ऐसे समय फिर से शामिल हुआ है जब ब्रिटेन 47 वर्ष सदस्य रहने के बाद यूरोपीय संघ (EU) से अलग हुआ है। राष्ट्रमंडल उन देशों का एक समूह है जो अतीत में कभी-न-कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हैं। राष्ट्रमंडल के सभी सदस्यों ने लोकतंत्र, लैंगिक समानता, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मातृभूमि बुक ऑफ द ईयर अवार्ड
देश के शीर्ष कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की किताब ‘ब्लू इज लाइक ब्लू’ को पहले मातृभूमि बुक ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। विनोद कुमार शुक्ल को यह अवार्ड बुकर पुरस्कार के ज्यूरी सदस्य मार्गरेट बसबाई द्वारा दिया जाएगा। इसके तहत विनोद कुमार शुक्ल को सम्मान पत्र और 5 लाख रुपए की सम्मान राशि दी जायेगी। उनकी किताब का चयन जिस निर्णायक मंडल द्वारा किया गया उनमें शशि थरूर, चंद्रशेखर कंबार और डॉ सुमना रॉय शामिल थे। हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कवि और कहानीकार विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी, 1937 को मध्यप्रदेश में हुआ था।