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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 मार्च, 2020

  • 02 Mar 2020
  • 4 min read

रेडर–एक्स (RaIDer-X)

पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला (NWED-2020) में आज रेडर–एक्स (RaIDer-X) नामक एक नए विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का अनावरण किया गया। रेडर-एक्स में एक दूरी से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है। शुद्ध रूप में अनेक विस्फोटकों के साथ-साथ मिलावट वाले विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिये सिस्टम में डेटा लाइब्रेरी बनाई जा सकती है। इस डिवाइस के द्वारा छुपाकर रखे गए विस्फोटकों के ढेर का भी पता लगाया जा सकता है। हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलूरू ने मिलकर रेडर-एक्स को विकसित किया है।

मार्शल ऑफ द एयरफोर्स अर्जन सिंह चेयर ऑफ एक्सीलेंस

भारतीय वायुसेना की एक विशिष्ट पहल के रूप में भारतीय वायुसेना और पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय ने रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन विभाग में उत्कृष्टता की पीठ की स्थापना करने के लिये 26 फरवरी, 2020 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर शैक्षिक सहयोग स्थापित किया है। वायुसेना के दिग्गज मार्शल को श्रद्धांजलि अर्पित करने तथा एम.आई.ए.एफ. के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय वायुसेना ने इस पीठ को ‘मार्शल ऑफ द एयरफोर्स अर्जन सिंह चेयर ऑफ एक्सीलेंस’ का नाम दिया है। यह पीठ वायुसेना के अधिकारियों को रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन तथा संबद्ध क्षेत्रों में डॉक्टरल अनुसंधान एवं उच्च अध्ययन करने में समर्थ बनाएगी साथ ही राष्ट्रीय रक्षा के क्षेत्र और वायु सेना अधिकारियों के संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान एवं उच्च अध्ययन की सुविधा प्रदान करेगी। यह पीठ रणनीतिक दृष्टिकोण को विकसित करने तथा रणनीतिक विचारकों के पूल का निर्माण करने में भी मदद करेगी।

शून्य भेदभाव दिवस

1 मार्च, 2020 को ‘महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ शून्य भेदभाव’ की थीम के साथ विश्व स्तर पर शून्य भेदभाव दिवस मनाया गया। इस दिवस को महिलाओं और लड़कियों द्वारा भेदभाव तथा असमानता को चुनौती देने के लिये मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम द्वारा मनाया जाता है। वर्ष 2014 में पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया। इस दिवस को एड्स कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र (UN) का मानना ​​है कि एड्स के उन्मूलन के लिये महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव से लड़ना सबसे महत्त्वपूर्ण है।

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