Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 जून, 2020 | 02 Jun 2020
हिंदी पत्रकारिता दिवस
देश भर में प्रत्येक वर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस (Hindi Journalism Day) मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि आज ही के दिन 1826 ई. में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र ‘उदंत मार्तण्ड' के प्रकाशन का शुभारंभ किया था। ‘उदंत मार्तण्ड’ का शाब्दिक अर्थ है ‘समाचार-सूर्य‘। ‘उदंत मार्तण्ड' का प्रकाशन प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को किया जाता था। पुस्तकाकार में छपने वाले ‘उदंत मार्तण्ड' के केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके और दिसंबर, 1827 में वित्तीय संसाधनों के अभाव में इसका प्रकाशन बंद हो गया। इस समाचार पत्र में ब्रज और खड़ी बोली दोनों भाषाओं के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था जिसे इस पत्र के संचालक ‘मध्यदेशीय भाषा’ कहते थे। कानपुर के रहने वाले पंडित युगल किशोर शुक्ल पेशे से एक वकील थे और औपनिवेशिक ब्रिटिश भारत में कलकत्ता में वकील के तौर पर कार्य कर रहे थे। इतिहासकार पंडित युगल किशोर शुक्ल को भारतीय पत्रकारिता का जनक मानते हैं। वहीं बंगाल से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है। हिंदी पत्रकारिता ने इतिहास में एक लंबा सफर तय किया है। 1826 ई. में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने जब पत्रकारिता की शुरुआत की थी, तब यह कल्पना करना मुश्किल था कि भारत में पत्रकारिता भविष्य में इतना लंबा सफर तय करेगी।
तेलंगाना स्थापना दिवस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राज्य स्थापना दिवस’ पर तेलंगाना के लोगों को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना का गठन आज के ही दिन वर्ष 2014 में किया गया था। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है और इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 112,077 वर्ग किलोमीटर है। तेलंगाना में कुल 33 ज़िले हैं और इसकी जनसंख्या लगभग 350 लाख है। तेलंगाना का गठन एक भौगोलिक और राजनीतिक इकाई के रूप में 2 जून, 2014 को भारत के 29वें और सबसे युवा राज्य के रूप में किया गया था। हालाँकि एक आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक इकाई के रूप में इसका 2500 या उससे अधिक वर्षों का शानदार इतिहास है। तेलंगाना के कई ज़िलों में पाए जाने वाले साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि तकरीबन हज़ारों वर्ष पूर्व यहाँ के इस हिस्से में मानव निवास करते थे। 1990 के दशक के मध्य से ही तेलंगाना के लोगों ने स्वयं को एक अलग राज्य मांग के साथ विभिन्न संगठनों के तहत संगठित करना शुरू कर दिया था। वर्ष 2008-09 के आस-पास यह आंदोलन और अधिक तेज़ हो गया। 4 वर्ष के विरोध के बाद सरकार ने जुलाई 2013 में राज्य निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी और फरवरी 2014 में संसद के दोनों सदनों में राज्य निर्माण का विधेयक पारित करके इस प्रक्रिया का समापन किया गया। इसके पश्चात् 2 जून, 2014 को औपचारिक रूप से तेलंगाना का गठन हुआ।
आर. के. चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी आर. के. चतुर्वेदी को रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग (Department of Chemicals and Petrochemicals) के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। सचिव के पद पर नियुक्त किये जाने से पूर्व आर. के. चतुर्वेदी संस्कृति मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के रूप में सेवारत थे। वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कौशल विकास प्राधिकरण में महानिदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। आर. के. चतुर्वेदी ने पी. राघवेंद्र राव का स्थान लिया है, जो 31 मई, 2020 को सेवानिवृत्त हुए हैं। देश में रसायन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्रों की वृद्धि तथा विकास के लिये नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार एवं कार्यान्वित करना इस विभाग का प्रमुख लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त यह उद्योग के उपर्युक्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये सार्वजनिक-निजी साझेदारी की भावना को भी बढ़ावा देता है।
रियल टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट
हाल ही में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (Indian Energy Exchange) ने रियल टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट (Real-Time Electricity Market-RTM) लॉन्च किया। इसका मुख्य उद्देश्य डिस्कॉम को अपनी बिजली आवश्यकताओं की योजना बनाने में मदद करना है। इसका उद्देश्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को अपनी बिजली संबंधित आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद करना है। यह मार्केट एक दिन में कुल 48 नीलामी सत्र (Auction Sessions) आयोजित करेगा और सत्र बंद होने के एक घंटे के भीतर बिजली वितरित की जाएगी। यह बेहतर तरीके से बिजली आपूर्ति की ज़रूरतों को पूरा करने में भी मदद करेगा। यह रियल टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट बिजली उत्पादक कंपनियों को भी अपनी गैर-आवश्यक क्षमता की बिजली को बेचने का अवसर प्रदान करेगा जिससे उनकी उत्पादन क्षमता का कुशल उपयोग हो सके। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (Indian Energy Exchange) एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है जिसे केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) द्वारा विनियमित किया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2008 में की गई थी।