रेलवे स्टेशन और प्रदूषण | 03 Nov 2020
प्रीलिम्स के लिये:केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मेन्स के लिये:रेलवे स्टेशनों पर वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये एक आधुनिक पर्यावरण प्रबंधन योजना |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) ने ज़ोर देकर कहा है कि रेल मंत्रालय प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये एक आधुनिक पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार करे।
प्रमुख बिंदु:
- CPCB ने रेलवे और राज्य सरकार/स्थानीय निकाय के अधिकारियों को मिलाकर एक संयुक्त समिति के गठन का आह्वान किया था ताकि बुनियादी नागरिक सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके और क्लास-1 स्टेशनों पर पर्यावरण की स्थिति में सुधार किया जा सके।
- यह कदम CPCB द्वारा रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railway) तथा आवास और शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Development) के शीर्ष अधिकारियों को मिलाकर हाल ही में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक का अनुसरण करता है। रेलवे ने CPCB से अनुरोध किया कि वह रेलवे स्टेशनों की रेटिंग के आधार पर पर्यावरण प्रदर्शन के मसौदे के लिये अलग-अलग घटकों/मापदंडों का वेटेज नियत करे, जो वर्तमान में CPCB द्वारा समीक्षा के अधीन हैं।
- हालाँकि CPCB ने देश भर में मूल्यांकन के लिये चयनित 720 स्टेशनों पर वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये एक आधुनिक पर्यावरणीय योजना विकसित करने पर ज़ोर दिया है।
- सभी मेट्रो स्टेशनों के पर्यावरण मूल्यांकन और प्रबंधन के लिये एक अलग खाका तैयार किया जाएगा।
प्रदूषण की चिंता:
- पर्यावरण मापदंडों की खराब गुणवत्ता, विशेष रूप से प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर शोर का स्तर चिंता का विषय रहा है।
- पिछले दो वर्षों में चुनिंदा स्टेशनों पर केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किये गए संयुक्त निरीक्षण में पता चला कि उनमें से अधिकांश ने CPCB के विभिन्न वैधानिक नियमों के तहत ग्रीन मानदंडों का अनुपालन नहीं किया।
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा इन स्टेशनों को जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974; वायु (वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत आवश्यक मंज़ूरी नहीं मिली थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड:
(Central Pollution Control Board):
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 में किया गया।
- इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
- यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।
आगे की राह:
CPCB द्वारा उठाए गए इस कदम के साथ-साथ भारत में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से स्थायी तौर पर राहत प्रदान करने वाले उपायों को अपनाए जाने की आवश्यकता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने का काम केवल सरकार पर न छोड़कर इसमें प्रत्येक नागरिक को अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सहयोग देना होगा क्योंकि बिना जन-सहयोग के इसे नियंत्रित कर पाना संभव नहीं है।