भारतीय अर्थव्यवस्था
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) का त्रैमासिक बुलेटिन
- 10 Sep 2021
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प्रिलिम्स के लियेआवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय मेन्स के लियेआवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की वार्षिक रिपोर्ट |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अक्तूबर-दिसंबर 2020 के लिये आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) का त्रैमासिक बुलेटिन जारी किया।
- यह डेटासेट आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की वार्षिक रिपोर्ट से अलग है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया है। शहरी क्षेत्रों के लिये बेरोज़गारी के आँकड़े त्रैमासिक आधार पर जारी किये जाते हैं।
- NSO सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत सांख्यिकीय सेवा अधिनियम 1980 के तहत सरकार की केंद्रीय सांख्यिकीय एजेंसी है।
प्रमुख बिंदु
- त्रैमासिक बुलेटिन के मुख्य बिंदु:
- अक्तूबर-दिसंबर 2020 के दौरान शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लिये बेरोज़गारी दर बढ़कर 10.3% हो गई, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि के दौरान यह 7.9% थी।
- वर्ष 2020 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिये श्रम बल भागीदारी दर 47.3% रही, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में यह दर 47.8% थी।
- शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिये वर्ष 2020 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 42.4% था, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि के दौरान यह दर 44.1% थी।
- आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के विषय में:
- अधिक नियत समय अंतराल पर श्रम बल डेटा की उपलब्धता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) की शुरुआत की।
- PLFS के मुख्य उद्देश्य हैं:
- 'वर्तमान साप्ताहिक स्थिति' (CWS) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिये तीन माह के अल्पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोज़गार और बेरोज़गारी संकेतकों (अर्थात् श्रमिक-जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोज़गारी दर) का अनुमान लगाना।
- प्रतिवर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस + एसएस) और CWS दोनों में रोज़गार एवं बेरोज़गारी संकेतकों का अनुमान लगाना।
- PLFS में एकत्रित आँकड़ों के आधार पर PLFS की तीन वार्षिक रिपोर्टें जुलाई 2017 - जून 2018, जुलाई 2018 - जून 2019 और जुलाई 2019 - जून 2020 की अवधि के अनुरूप हैं।
- दिसंबर 2018 से दिसंबर 2020 को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिये PLFS के नौ त्रैमासिक बुलेटिन जारी किये गए हैं।
प्रमुख शब्दावलियाँ
- श्रम बल भागीदारी दर (LFPR): LFPR को कुल आबादी में श्रम बल के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों (अर्थात् कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिये उपलब्ध) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- कामगार-जनसंख्या अनुपात (WPR): WPR को कुल आबादी में रोज़गार प्राप्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- बेरोज़गारी दर (UR): इसे श्रम बल में शामिल कुल लोगों में से बेरोज़गार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- कार्यकलाप की स्थिति: किसी व्यक्ति की गतिविधि की स्थिति एक निर्दिष्ट संदर्भ अवधि के दौरान व्यक्ति द्वारा की गई गतिविधियों के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- सामान्य स्थिति: सर्वेक्षण की तारीख से पहले पिछले 365 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि की स्थिति को व्यक्ति की सामान्य गतिविधि स्थिति के रूप में जाना जाता है।
- वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS): सर्वेक्षण की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि की स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है।