विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
क्वांटम प्रौद्योगिकी
- 28 Mar 2020
- 6 min read
प्रीलिम्स के लिये:क्वांटम प्रौद्योगिकी और एप्लिकेशन पर आधारित राष्ट्रीय मिशन, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग मेन्स के लिये:क्वांटम प्रौद्योगिकी और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2020-21 में क्वांटम टेक्नोलॉजी और एप्लिकेशन पर आधारित राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Quantum Technologies and Applications-NMQTA) के तहत पाँच वर्ष के लिये 8,000 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु:
- इस मिशन के तहत क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ी तकनीकों को विकसित करना एवं भारत को अमेरिका और चीन के बाद इस क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बनाना है।
- क्वांटम टेक्नोलॉजी से न केवल अल्ट्रा फास्ट कंप्यूटिंग क्षमताएँ बढेंगी, बल्कि इसके रणनीतिक और आर्थिक फायदे भी होंगे।
- बजट में नई घोषणा से संसाधन समस्या को ठीक करने में बहुत मदद मिलेगी लेकिन संपूर्ण विश्व उच्च गुणवत्ता वाली जनशक्ति की कमी से अभी भी जूझ रहा है।
क्वांटम कंप्यूटिंग:
- क्वांटम प्रौद्योगिकी, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है जिसे 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में प्रकृति में छोटे परमाणुओं और कणों का वर्णन करने के लिये विकसित किया गया था।
- इस क्रांतिकारी तकनीक ने पहले चरण में भौतिक दुनिया के प्रकाश और पदार्थ के बारे में हमारी समझ विकसित की है, साथ ही लेज़र और सेमीकंडक्टर ट्रांजिस्टर जैसे सर्वव्यापी आविष्कार किये हैं।
- हालांकि, अनुसंधान की एक सदी के बावज़ूद क्वांटम दुनिया अभी भी रहस्यमय है और रोज़मर्रा की जिंदगी पर आधारित हमारे अनुभवों से दूर है।
- वर्तमान में कंप्यूटिंग के क्षेत्र में क्वांटम यांत्रिकी को केंद्र में बनाए रखने के साथ ही एक दूसरी क्रांति चल रही है।
- क्वांटम कंप्यूटर भौतिक विज्ञान के क्वांटम सिद्धांत पर कार्य करता है। इसके विपरीत आधुनिक कंप्यूटर भौतिकी के विद्युत् प्रवाह के नियमों पर कार्य करता है।
- एक सामान्य कंप्यूटर अपनी सूचनाओं को बिट में संग्रहीत करता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटर में सूचना ‘क्वांटम बिट’ या ‘क्यूबिट’ में संग्रहीत होती है।
- सामान्य कंप्यूटर, प्रोसेसिंग के दौरान बाइनरी इनपुट (0 या 1) में से किसी एक को ही एक बार ऑपरेट कर सकते हैं वहीं क्वांटम कंप्यूटर दोनों बाइनरी इनपुट को एक साथ ऑपरेट कर सकते हैं।
- 100 क्युबिट से कम की क्षमता रखने वाला क्वांटम कंप्यूटर किसी बहुत अधिक आँकड़े वाली उन समस्याओं को भी हल कर सकता है जो किसी आधुनिक कंप्यूटर की क्षमता से बाहर है।
- क्वांटम कंप्यूटर को किसी बड़े वातानुकूलित सर्वर रूम में रखा जाता है जहाँ कई सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को स्टैक में रखा जाता है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग:
- सुरक्षित संचार
- अनुसंधान
- आपदा प्रबंधन
- औषधि
- औद्योगिक क्रांति 4.0 को संवर्द्धित करना
भारत के संदर्भ में चुनौतियाँ:
- विश्व स्तर पर इस क्षेत्र में अनुसंधान लगभग दो दशक से चल रहा है, लेकिन भारत में केवल पाँच वर्षों से कुछ ही संस्थानों में गंभीर प्रयोगात्मक कार्य हो रहे हैं।
- भारत इस क्षेत्र में पर्याप्त संसाधनों, उच्च गुणवत्ता वाली जनशक्ति और समयबद्धता की कमी से जूझ रहा है।
- क्वांटम कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले क्यूबिट को क्रायोजेनिक तापमान पर ही स्थिर रखा जा सकता है, इसलिये इसका रख-रखाव एक बड़ी चुनौती है।
- क्वांटम कंप्यूटर को तैयार करने में अत्यधिक विकसित तकनीक तथा भारी निवेश की आवश्यकता होगी।
आगे की राह:
- सरकार को NMQTA के घोषणा के साथ ही हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप द्वारा घोषित कार्यक्रमों जैसे कार्यक्रमों पर अत्यधिक निवेश करने की आवश्यकता है।
- हालाँकि, क्वांटम प्रौद्योगिकी से जुड़ी चुनौतियों का तत्काल समाधान करने की आवश्यकता है जैसे:
- क्वांटम कंप्यूटिंग से संबंधित मुद्दों और इसे जल्दी से पूरा करने हेतु संस्थानों और वैज्ञानिकों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
स्रोत: द हिंदू